• Home
  • IPO GMP
  • K.G. Classes
  • Hindi Vyakaran
  • हिंदी निबंध
  • Yoga
    • Yoga In Hindi
    • Yoga In English
    • Mantra
    • Chalisa
  • Vocabulary
    • Daily Use Vocabulary
    • Daily Use English Words
    • Vocabulary Words
  • More
    • Blogging
    • Technical Knowledge In Hindi
    • Tongue Twisters
    • Tenses in Hindi and English
    • Hindu Baby Names
      • Hindu Baby Boy Names
      • Hindu Baby Girl Names
    • ADVERTISE HERE
    • Contact Us
    • Learn Spanish

hindimeaning.com

Kandharasana-कंधरासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां

कंधरासन क्या है :-

कंधरासन एक योग है | जिसमें कंध = कंधा , आसन = मुद्रा मतलब इसको करने से कंधों पर जोर पड़ता है, इसलिए इसे कंधरासन कहते हैं। कंधरासन में ध्यान नाभि के पास या विशुद्धि चक्र पर किया जाता है। विशुद्धि चक्र कंठ के पास स्थित होता है। जिन लोगों को पीठ दर्द और स्पाइनल डिस्क के सरकने की समस्या होती है, उनके लिए कंधरासन का अभ्यास करना काफी लाभदायक होता है| आयें जानते हैं इसके लाभ और इस योग को कैसे किया जाए |

कंधरासन योग करने की विधि :-

पहली स्थिति :- सबसे पहले स्वच्छ-साफ व हवादार स्थान पर दरी या चटाई बिछा कर उस पर पीठ के बल लेट जाएं।

दूसरी स्थिति :- फिर अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर फर्श पर टिकाएं और फिर अपने दोनों हाथों से अपने दोनों पैरों की एड़ी के ऊपर वाले स्थान को पकड़ लें।

तीसरी स्थिति :- अब अपने सिर को फर्श से टिका कर रखें तथा पंजों पर जोर देकर छाती, कमर, पीठ, नितम्ब व जांघों को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में 2 से 3 मिनट तक रहें और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।

चौथी स्थिति :- आसन की पूर्ण स्थिति में पूरे शरीर का भार कंधों व पंजों पर रहना चाहिए। इसका अभ्यास 8 से 10 बार करें।

https://youtu.be/8Kcvk3NXeq0

कंधरासन योग करने का समय :-

इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।| इस आसन को नियमित कम से कम 10-15 बार करे|

यह भी पढ़ें :- Mayurasana In Hindi , Surya Namaskar Yoga In Hindi

कंधरासन योग के फायदे :-

1. श्वेत प्रदर में लाभ:- इस आसन के अभ्यास से श्वेत प्रदर रोग में काफी लाभ पहुँचता है| श्वेत प्रदर या सफेद पानी का योनी मार्ग से निकलना Leukorrhea कहलाता है| यह हमेशा रोग का लक्षण नही होता| अधिकतर महिलाएं इस गलत फैमी मे होती है कि सफेद पानी के जाने से शरिर मे कमजोरी आती है, चक्कर आता है, बदन में दर्द होता है| शरिर से तेजस्विता चली जाती है ऐसी भारत अौर पडोस के देश के कुछ प्रांतोमे गलत मान्यता पूर्वकाल से प्रचलित है|

2. आंतो को साफ़ करता है :- इस आसन के नियमित अभ्यास से आतों सुद्ध व् साफ़ हो जाती है ।मानव शरीर रचना विज्ञान में, आंत (या अंतड़ी) आहार नली का हिस्सा होती है जो पेट से गुदा तक फैली होती है, तथा मनुष्य और अन्य स्तनधारियों में, यह दो भागों में, छोटी आंत और बड़ी आंत के रूप में होती है।

3. मनोविकार में लाभ :- यह आसन मनोविकार को ठीक करता है|मनोविकार (Mental disorder) किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की वह स्थिति है जिसे किसी स्वस्थ व्यक्ति से तुलना करने पर ‘सामान्य’ नहीं कहा जाता। स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में मनोरोगों से ग्रस्त व्यक्तियों का व्यवहार असामान्‍य अथवा दुरनुकूली (मैल एडेप्टिव) निर्धारित किया जाता है और जिसमें महत्‍वपूर्ण व्‍यथा अथवा असमर्थता अन्‍तर्ग्रस्‍त होती है। इन्हें मनोरोग, मानसिक रोग, मानसिक बीमारी अथवा मानसिक विकार भी कहते हैं।

4. पाचन क्रिया में फायदेमंद :- यह आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है ।अगर हमारी पाचन क्रिया ठीक है तो पेट संबंधी सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है क्यूंकि हमारी ज्यादातर बीमारियाँ पेट से ही उत्पन्न होती हैं |और हम बीमारियों से बच सकते हैं|

5. मासिकधर्म में फायदेमंद:- यह आसन मासिकधर्म से जुडी लगभग सभी समस्याओं में फायदेमंद होता है|10 से 15 साल की आयु की लड़की के अंडाशय हर महीने एक विकसित डिम्ब (अण्डा) उत्पन्न करना शुरू कर देते हैं। वह अण्डा अण्डवाहिका नली (फैलोपियन ट्यूव) के द्वारा नीचे जाता है जो कि अंडाशय को गर्भाशय से जोड़ती है। जब अण्डा गर्भाशय में पहुंचता है, उसका अस्तर रक्त और तरल पदार्थ से गाढ़ा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि यदि अण्डा उर्वरित हो जाए, तो वह बढ़ सके और शिशु के जन्म के लिए उसके स्तर में विकसित हो सके। यदि उस डिम्ब का पुरूष के शुक्राणु से सम्मिलन न हो तो वह स्राव बन जाता है जो कि योनि से निष्कासित हो जाता है। इसी स्राव को मासिक धर्म, रजोधर्म या माहवारी कहते हैं।

6. ब्लड स्र्कुलेसन में व्रधि होती है :- इस आसन को करने से  ब्लड स्र्कुलेसन मैं व्रधि होती है |ब्लड यानी रक्त मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपके पूरे शरीर में न्यूट्रिएंट्स, इलेक्ट्रोलाइट्स, हार्मोन्स, हीट और ऑक्सीजन पहुंचाने का काम रक्त ही करता है। आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों को स्वस्थ्य रखने और इम्यूनिटी सिस्टम यानि रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने का काम भी ब्लड ही करता है। लेकिन आपको पता है ब्लड के सही सर्कुलेशन के लिए आपके ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, ब्लड शुगर, ब्लड टाइप और कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण में होना अत्यधिक जरूरी है।

कंधरासन योग के अन्य फायदे:-

1. इसको नियमित करने से कमरदर्द, पीठदर्द, मैं लाभ होता है |

2. कंधों का दर्द, घुटनों का दर्द दूर होता है |

3. खिसकी हुई हड्डी वापस अपने स्थान पर आ जाती है |

4. बजन घटता है और आसन कमर को पतली बनाता है |

5. यह आसन गर्भाशय की दुर्बलता को दूर करता है।

6. शरीर से आलस खत्म होता है |

कंधरासन योग करते समय सावधानी बरतें :-

1. इस योग को खाली पेट करें |

2. अभ्यास के क्रम में सांस क्रिया सामान्य रूप से करें।

3. गर्भवती तथा मासिक धर्म के समय स्त्रियों को नहीं करना चाहिए।

अगर ये पोस्ट आपको पसंद आती है तो आप इसे शेयर अवस्य करें और अपने दुसरे भाइयों और बहनों की मदद करें अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो आप मुझे नीचे comment कर सकते हैं मैं आपकी मदद अवस्य करूँगा। और अपने आस पास सफाई बनाये रखें – स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत।

Related posts:

  1. Tadasana – ताड़ासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  2. ताड़ासन योग फायदे
  3. Uttana kurmasana-उत्तान कूर्मासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  4. उत्तान कूर्मासन योग के फायदे
  5. Udarakarshanasana – उदराकर्षासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  6. Upvasishta – उपविष्टासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  7. Urdhava Hastotanasana – उर्ध्वहस्तोत्तानासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  8. Halasana-हलासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  9. पश्चिमोत्तानासन योगासन के फायदे
  10. धनुरासन योगासन के फायदे
  11. Rishyasan-ऋष्यासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  12. Mayurasana-मयूरासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  13. मयूरासन योग के फायदे
  14. Salabhasana-शलभासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  15. Viprit Naukasana-विपरीत नौकासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  16. Kukkutasana-कुक्कुटासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  17. Kursi Asana-कुर्सी आसन कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  18. बालासन योग के फायदे
  19. Hastapadasana-हस्तपादासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  20. हस्तपादासन योग के फायदे

Popular Posts

  • List of 3 forms of Verbs in English and Hindi – English Verb Forms
  • Hindi numbers 1 To 100 – Counting In Hindi – Hindi Ginti
  • ज़िन्दगी के मायने समझाते 300+ अनमोल विचार-Life Quotes In Hindi
  • Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)
  • Flower Names in Hindi and English फूलों के नाम List of Flowers
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध-Importance Of Hard Work Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • Hindi Numbers 1 to 50
  • Human Body Parts Names in English and Hindi – List of Body Parts मानव शरीर के अंगों के नाम
  • Vegetables Name In Hindi and English सब्जियों के नाम List of Vegetables a-z with details

More Related Content

  • मयूरासन योग के फायदे
  • Shavasana-शवासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • naukasana-नौकासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Pawanmuktasana-पवनमुक्तासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Bhujangasana-भुजंगासन कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Salabhasana-शलभासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Viprit Naukasana-विपरीत नौकासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Kati Chakrasana-कटिचक्रासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Karna pirasana-कर्ण पीड़ासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Kukkutasana-कुक्कुटासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Kursi Asana-कुर्सी आसन कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Konasana-कोनासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Sukhasana-सुखासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Siddhasana-सिद्धासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Lotus position-पद्मासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  • Indra Mudra In Hindi-इन्द्र मुद्रा विधि, लाभ और सावधानियां
  • Aakash Mudra In Hindi-आकाश मुद्रा विधि, लाभ और सावधानियां
  • Chakra In Hindi-चक्र क्या है
  • Heart Chakra-अनाहत-चक्र क्या है जागरण विधि और प्रभाव
  • Ajna Chakra-आज्ञा-चक्र क्या है जागरण विधि और प्रभाव
  • Manipura chakra-मणिपुर-चक्र क्या है जागरण विधि और प्रभाव
  • Muladhar chakra-मूलाधार चक्र क्या है जागरण विधि और प्रभाव
  • Svadhishthana Chakra-स्वाधिष्ठान-चक्र क्या है जागरण विधि और प्रभाव
  • Sahasrara Chakra-सहस्रार-चक्र क्या है जागरण विधि और प्रभाव
  • Vishuddha chakra-विशुद्ध चक्र क्या है जागरण विधि और प्रभाव
  • चन्द्रभेदी प्राणायाम : विधि और लाभ How to do Chandrabhedi Pranayama in hindi
  • सूर्य भेदन प्राणायाम : विधि और लाभ-How to do Surya Bhedani Pranayam in hindi
  • Hast Mudra In Hindi-हस्त मुद्राऐं उनके लाभ और प्रकार
  • kundalini yoga in hindi – kundalini jagran vidhi
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम : विधि और लाभ How to do Anulom Vilom Pranayama in hindi
  • <<
  • 1
  • 2
  • 3
  • >>

Copyright © 2025 · Hindimeaning.com · Contact · Privacy · Disclaimer