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Sarvangasana – सर्वांगासन कैसे करें, लाभ और सावधानियां

सर्वांगासन क्या है :-

सर्वांगासन का अर्थ होता है सर्व अंग और आसन जो पूरा मिलकर बनता है सर्वांगासन| यह संस्कृत का शब्द है जिसमें सर्व = पूरा अंग अथार्त सरीर क्र अंग और आसन = बैठने की मुद्रा होता है | इस आसन को करने से सभी अंगों को व्यायाम मिलता है इसीलिए इसे सर्वांगासन कहते हैं। तथा पूरे सरीर को मजबूत करता है | अंग्रेजी भाषा में इस आसन को Shoulder Stand Pose के नाम से जाना जाता है। इसको करने से हमारी कई बीमारियाँ ठीक हो जाती है जैसे मोटापा, सुगर, घुटनों. की बीमारी इत्यादि |

सर्वांगासन की विधि :-

पहली स्थिति – सबसे पहले पीठ के बल सीधा लेट जाएँ। पैर मिले हुए, हाथों को दोनों ओर बगल में सटाकर हथेलियाँ जमीन की ओर करके रखें |

दूसरी स्थिति – अब अपने दोनों पैरों को सांस लेते हुए आराम-आराम से बिना मोड़े उपर की तरफ उठाएं। और साथ ही कमर को भी उपर की तरफ उठाएं।

तीसरी स्थिति :- अब अपने दोनों पैरों को 90 डिग्री तक उठायें ये फिर ऊपर लें जाएँ|

चौथी स्थिति :- 90 डिग्री तक पैरों को न उठा पाएँ तो 120 डिग्री पर पैर ले जाकर व हाथों को उठाकर कमर के पीछे लगाएँ।

पांचवी स्थिति :- यह योग करते समय मुख उपर आकाश की तरफ होना चाहिए। और कुहनियां जमीन से टिकी हुई हों।

छटवी स्थिति :- 30-40 सेकंड या उससे अधिक के लिए मुद्रा को बनाए रखने के लिए प्रयास करें।

सातवी स्थिति:- वापस पहले जैसे अवस्था मैं आते समय पैरों को सीधा रखते हुए पीछे की ओर थोड़ा झुकाएँ। दोनों हाथों को कमर से हटाकर भूमि पर सीधा कर दें। अब हथेलियों से भूमि को दबाते हुए जिस क्रम से उठे थे उसी क्रम से धीरे-धीरे पहले पीठ और फिर पैरों को भूमि पर सीधा करें। इस तरह से आप 5-7 चक्र करें।

https://youtu.be/G46qYNE5g6g

सर्वांगासन करने का समय :-

इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।सर्वांगासन कम से कम 5 मं तक करना चाहिए| और सुबह-सुबह खाली पेट करें|एक से पांच मिनट तक का एक सेट और कुल ऐसे दो से तीन सेट करें

यह भी पढ़ें :- Tadasana In Hindi  ,  Uttana Kurmasana

सर्वांगासन के लाभ ( sarvangasana benefits ):-

1. थायरोइड समस्या से पीड़ित व्यक्ति के लिए :– थायरोइड समस्या से पीड़ित व्यक्ति को लाभ मिलता है और साथ ही आसन थाइरोइड ग्रंथि को गतिशील बनाता है। हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism) ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें थायराइड ग्रंथि में थायराइड हार्मोन कम मात्रा में बनने लगता है। भारत में करोडों लोग हाइपोथायराइडिज्म से ग्रस्त हैं।

2. पाचन क्रिया में फायदेमंद :- यह आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है ।अगर हमारी पाचन क्रिया ठीक है तो पेट संबंधी सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है क्यूंकि हमारी ज्यादातर बीमारियाँ पेट से ही उत्पन्न होती हैं |और हम बीमारियों से बच सकते हैं|

3. शरीर मजबूत बनता है:- इस आसन के अभ्यास से शरीर मजबूत बनता है| हमारे शरीर को विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट ही नहीं, थोड़ी मात्रा में ही सही, खनिज तत्वों की भी जरूरत पड़ती है। आयरन यानी लोहा ऐसा ही खनिज है, जिसके बिना शरीर का काम नहीं चलता। और ये सभी चींजें इस आसन में उपलब्ध होती हैं।

4. कब्ज व् एसिडिटी में फायदेमंद :- इस आसन के नियमित अभ्यास से कब्ज व् एसिडिटी से मुक्ति पायी जा सकती है। कब्ज, पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है। –  kabj ka ilaj

5. उच्च रक्तचाप में फायदेमंद :- उच्च रक्तचाप को के रोगियों के लिए सर्वांगासन बहुत ही उपयोगी हैं।हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है।- High Blood Pressure Ka Ilaj

6. बौद्धिक क्षमता बढती है:- जिन बच्चों की बुध्धि में विकास नही होता ही उन्हें यह आसन नियमित रूप से करना चाहिए। क्यूंकि ये बौद्धिक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।  इंसान की बौद्धिक क्षमता के स्तर पर जीनों का प्रभाव पड़ता है।

7. स्वास्थ्य फिट रहता है:- इस आसन के अभ्यास से पूरा शरीर फिट और active रहता है और व्यक्ति काम से थकता भी नही है। स्वास्थ्य का अर्थ विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग होता है। लेकिन अगर हम एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण की बात करें तो अपने आपको स्वस्थ कहने का यह अर्थ होता है कि हम अपने जीवन में आनेवाली सभी सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों का प्रबंधन करने में सफलतापूर्वक सक्षम हों।

8. मनोविकार दूर होतें हैं:- इस आसन के अभ्यास से सभी प्रकार के मनोविकार दूर होते हैं। इसलिए इस आसन का अभ्यस प्रतिदिन करना चाहिए। मनोविकार (Mental disorder) किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की वह स्थिति है जिसे किसी स्वस्थ व्यक्ति से तुलना करने पर ‘सामान्य’ नहीं कहा जाता। स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में मनोरोगों से ग्रस्त व्यक्तियों का व्यवहार असामान्‍य अथवा दुरनुकूली (मैल एडेप्टिव) निर्धारित किया जाता है और जिसमें महत्‍वपूर्ण व्‍यथा अथवा असमर्थता अन्‍तर्ग्रस्‍त होती है। इन्हें मनोरोग, मानसिक रोग, मानसिक बीमारी अथवा मानसिक विकार भी कहते हैं।

9. चेहरे की झुर्रियां में फायदेमंद:- इस आसन के अभ्यास से चेहरे की झुर्रियां खत्म होकर चेहरा तरो ताजा दिखने लगता है झुर्रियां आना मतलब बुढ़ापे की दस्तक। हालांकि झुर्रियां आना बायोलॉजिकल प्रोसेस है लेकिन आजकल त्वचा की सही देखभाल न होने पर समय से पहले ही झुर्रियां नज़र आने लगती हैं। या फिर प्रदूषण, तनाव, गलत खानपान और जीवनशैली की समस्याओं का भी नतीजा हो सकती हैं।

अन्य फायदे :-

1. दमा, मोटापा, दुर्बलता इत्यादि बिमारी ठीक हो जाती हैं| – Asthma Treatment In Hindi

2. मस्तिष्क में खून का संचार होता है और दिमाग भी तेज होता है।

3. महिलाओं की मासिक धर्म और गर्भाशय से होने वाली समस्याओं को ठीक करता है।

4. कंधे और पीठ दोनों मजबूत होते हैं।

5. सरीर के सभी कार्यों को नियंत्रित करता है।

सर्वांगासन करते समय ये सावधानियां बरतें :-

1. जिन को कमर का दर्द हो वो इस आसन को न करें।

2. चक्कर आते समय न करें।

3. गर्दन में दर्द होते समय न करें।

4. दिल के मरीजों का यह आसन नहीं करना चाहिए।

5. इसको करते समय सर को ऊपर की तरफ न उठायें।

6. घुटनों को मोड़ना नहीं चाहिए।

7. गर्भावस्था इस आसन को न करें।

अगर ये पोस्ट आपको पसंद आती है तो आप इसे शेयर अवस्य करें और अपने दुसरे भाइयों और बहनों की मदद करें अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो आप मुझे नीचे comment कर सकते हैं मैं आपकी मदद अवस्य करूँगा। और अपने आस पास सफाई बनाये रखें – स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत।

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