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Salabhasana-शलभासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां

शलभासन क्या है :-

शलभासन एक योग है जोकि दो शब्दों से मिलकर बना है शलभ + आसन जिसमें शलभ = किट या टिड्डा और आसन = मुद्रा मतलब इस आसन को करने से व्यक्ति के शरीर के आक्रति टिड्डी के आक्रति की तरह हो जाती है इसलिए इसे शलभासन योग कहा जाता है | इसको अंग्रेजी में Locust Pose कहा जाता है | आयें जानते हैं इसके फायदे और इसे कैसे किया जाए |

शलभासन योग को करने की विधि :-

पहली स्थिति :- सबसे पहले स्वच्छ-साफ व हवादार स्थान पर दरी या चटाई बिछा कर उस पर पेट के बल जाएँ और अपनी थोड़ी को जमीन पर टिकाएं |

दूसरी स्थिति :- अब अपने दोनों हाथों को जँघाओं के नीचे दबाएँ।

तीसरी स्थिति :- अब श्वास अन्दर लेकर अपने दोनों पैरों को एक-दूसरे से सटाते हुए समानांतर क्रम में ऊपर की ऊपर उठाएँ।

चौथी स्थिति :- अब अपने पैरों को और ऊपर उठाने के लिए हाथों की हथेलियों से जँघाओं को दबाएँ। और 10 से 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।

पांचवी स्थिति :- अब वापस या दुबारा से सामन्य स्थिति में आने के लिए धीरे-धीर अपने दोनों पैरों को जमीन पर ले आए और फिर अपने हाथों को जँघाओं के नीचे से निकालते हुए मकरासन की स्थिति में लेट जाएँ।

शलभासन योग करने का समय :-

इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।| इस आसन को नियमित कम से कम 5-10 बार करे|

यह भी पढ़ें :- Viprit naukasana In Hindi , Kukkutasana In Hindi

शलभासन योग के फायदे :-

1. मेरूदंड लचीला बनता है :- इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से मेरूदंड लचीला व मजबूत बनता है जिससे बुढ़ापे में भी व्यक्ति तनकर चलता है और उसकी रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं है।मानव शरीर रचना में ‘रीढ़ की हड्डी’ या मेरुदंड पीठ की हड्डियों का समूह है जो मस्तिष्क के पिछले भाग से निकलकर गुदा के पास तक जाती है। इसमें ३३ खण्ड होते हैं। मेरुदण्ड के भीतर ही मेरूनाल में मेरूरज्जु सुरक्षित रहता है।

2. पेट की चर्बी को करता है कम :- यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में हमारी मदद करता है ।पेट की चर्बी या शरीर के अन्य भागों की चर्बी, वसा की एक विशेष रूप से हानिकारक प्रकार है जो आपके अंगों के आसपास जमा होती है।

3. पाचन क्रिया में फायदेमंद :- यह आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है ।अगर हमारी पाचन क्रिया ठीक है तो पेट संबंधी सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है क्यूंकि हमारी ज्यादातर बीमारियाँ पेट से ही उत्पन्न होती हैं |और हम बीमारियों से बच सकते हैं|

4. सुगर की बीमारी में फायदेमंद :- सुगर के रोगियों के लिए यह आसन बहुत ही लाभदायक है । डायबिटीज या मधुमेह उस चयापचय बीमारी को कहा जाता है, जहाँ व्यक्ति जिसमे व्यक्ति के खून में शुगर (रक्त शर्करा) की मात्रा जरुरत से ज्यादा हो जाती है| sugar ka ilaj

5. सकारात्मक सोच बढाने हेतु :-  इस आसन के नियमित अभ्यास से हम अपनी स्मरणशक्ति व् सकारात्मक सोच बढ़ा सकते हैं। जब हमारी सोच सकारात्मक बन जाती है तो उसके परिणाम भी सकारात्मक आने लगते है ।और इसके साथ-साथ ही इसके अभ्यास से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती हैं।

शलभासन योग के अन्य फायदे:-

1. मेरुदण्ड के नीचे वाले भाग में होने वाले सभी रोगो दूर होते हैं |

2. कमर दर्द एवं साइटिका दर्द में लाभ मिलता है |

3. गर्भाशय संबंधी परेशानी दूर हो जाती हैं |

4. रक्त संचार की क्रिया सुचारू होती है|

5. कमर लचीली बनती है और छाती चौड़ी होती है।

6. पेट गैस में फायदा मिलता है |

7. कंधों और गर्दन को मजबूत बनाता है।

8. मणि पुर चक्र विकसित होता है |

9. नाभि अपने स्थान पर रहती है।

10. शरीर में फुर्ती आती है |

शलभासन योग करते समय सावधानी बरतें :-

1. यह आसन हमेसा खाली पेट करना चाहिए |

2. योग करते समय घुटने से पैर नहीं मुड़ना चाहिए।

3. पैरों या जँघाओं में कोई गंभीर समस्या होने पर यह योग नहीं करना चाहिए |

4. गर्भवती महिला इस योग को न करें |

5. अपने क्षमता से अधिक कभी भी इस आसन को करने की कोशिश ना करे|

अगर ये पोस्ट आपको पसंद आती है तो आप इसे शेयर अवस्य करें और अपने दुसरे भाइयों और बहनों की मदद करें अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो आप मुझे नीचे comment कर सकते हैं मैं आपकी मदद अवस्य करूँगा। और अपने आस पास सफाई बनाये रखें – स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत।

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