• Home
  • K.G. Classes
  • Hindi Vyakaran
  • हिंदी निबंध
  • Yoga
    • Yoga In Hindi
    • Yoga In English
    • Mantra
    • Chalisa
  • Vocabulary
    • Daily Use Vocabulary
    • Daily Use English Words
    • Vocabulary Words
  • More
    • Blogging
    • Technical Knowledge In Hindi
    • Tongue Twisters
    • Tenses in Hindi and English
    • Hindu Baby Names
      • Hindu Baby Boy Names
      • Hindu Baby Girl Names
    • ADVERTISE HERE
    • Contact Us
    • Learn Spanish

hindimeaning.com

Preposition In Hindi-संबंधबोधक की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Important Topics: भाषा, समास, अलंकार, निबंध, मुहावरे, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, हिंदी वर्णमाला, Numbers In Hindi

Hindi Grammer Ke Important Topics:

  • भाषा, समास, अलंकार, निबंध, मुहावरे, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, हिंदी वर्णमाला

Preposition – संबंधबोधक

Preposition का अर्थ संबंधबोधक होता है।

संबंधबोधक क्या होता है :-

जिन शब्दों की वजह से संज्ञा और सर्वनाम का संबंध किन्हीं और शब्दों से जुड़ता हो वहाँ पर संबंधबोधक होता है। अथार्त जो शब्द संज्ञा , सर्वनाम आदि शब्दों के साथ आते हैं और वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध बताते हैं उन्हें संबंधबोधक कहते हैं।

जहाँ पर साथ , पर , तक , के बिना , के पास , से पहले , के सामने , के मारे , के नीचे , के आगे , सिवा , लिए , के साथ , चारों और , पहले , पश्चात ,सिवाय , अलावा , के बाद आते हैं वहाँ पर संबंधबोधक होता है।

जैसे :- (i) कमरे के बाहर सामान रखा हो।
(ii) मेरे पास आओ।
(iii) यह दवा दूध के साथ खाना।
(iv) हमलोग घर की तरफ जा रहे हैं।
(v) उसका साथ छोड़ दीजिये।
(vi) वीर अभिमन्यु अंत तक शत्रु से लोहा लेता रहा।
(vii) लाल किले पर तिरंगा लहरा रहा है।
(viii) राम के पास कलम है।
(ix) छत के नीचे गाय बैठी है।
(x) रमेश घर के बाहर पुस्तकें रख रहा था।
(xi) राम के आगे मैं खड़ा हूँ।
(xii)छत पर राम खड़ा है।

संबंधबोधक के भेद :-

1. कालवाचक संबंधबोधक
2. स्थानवाचक संबंधबोधक
3. दिशाबोधक संबंधबोधक
4. साधनवाचक संबंधबोधक
5. विरोधसूचक संबंधबोधक
6. समतासूचक संबंधबोधक
7. हेतुवाचक संबंधबोधक
8. सहचरसूचक संबंधबोधक
9. विषयवाचक संबंधबोधक
10. संग्रवाचक संबंधबोधक
11. कारणवाचक संबंधबोधक
12. सीमावाचक संबंधबोधक

1. कालवाचक संबंधबोधक :- जिन अव्यय से समय का पता चलता है उसे कालवाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर पहले , बाद , आगे , पीछे , पश्चात , उपरांत आते हैं वहाँ पर कालवाचक संबंधबोधक होता है।

जैसे :- (i) राम के बाद कोई अवतार नहीं हुआ।

2. स्थानवाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द स्थान का बोध कराते हैं उन्हें स्थानवाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर बाहर , भीतर , ऊपर , नीचे , बीच , आगे , पीछे ,सामने , निकट आते हैं वहाँ पर स्थानवाचक संबंधबोधक होते है।

जैसे :- (i) मेरे घर के सामने बगीचा है |

3. दिशावाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द दिशा का बोध कराते है उन्हें दिशा वाचक संबंधबोधक कहते है। जहाँ पर निकट , समीप , ओर , सामने , तरफ , प्रति आते हैं वहाँ पर दिशावाचक संबंधबोधक होता है।

जैसे :- (i) परिवार की तरफ देखो कि कितने भले हैं।

4. साधनवाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द किसी साधन का बोध कराते है उन्हें साधनवाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर निमित्त , द्वारा , जरिये , सहारे ,माध्यम , मार्फत आते है वहाँ पर साधनवाचक संबंधबोधक होता है।

जैसे :- (i) वह मित्र के सहारे ही पास हो जाता है।

5. विरोधसूचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द प्रतिकूलता या विरोध का बोध कराते हैं उन्हें विरोधसूचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर उल्टे , विरुद्ध , प्रतिकूल , विपरीत आते हैं वहाँ पर विरोधसूचक संबंधबोधक होता है।

जैसे :- (i) आतंकवादी कानून के विरुद्ध लड़ते हैं।

6. समतासूचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द समानता का बोध कराते हैं उन्हें समतासूचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर अनुसार , सामान्य , तुल्य , तरह , सदृश , समान , जैसा , वैसा आते हैं वहाँ पर समतावाचक संबंधबोधक होता है।

जैसे :- (i) मानसी के समान मीरा भी सुंदर है।

7. हेतुवाचक संबंधबोधक :- जहाँ पर रहित , अथवा , सिवा , अतिरिक्त आते है वहाँ पर हेतुवाचक संबंधबोधक होता है।

8. सहचरसूचक संबंधबोधक :- जहाँ पर समेत , संग , साथ आते हैं वहाँ पर सहचरसूचक संबंधबोधक होता है।

9. विषयवाचक संबंधबोधक :- जहाँ पर विषय , बाबत , लेख आते हैं वहाँ पर विषयवाचक संबंधबोधक होता है।

10. संग्रवाचक संबंधबोधक :- जहाँ पर समेत , भर , तक आते हैं वहाँ पर संग्रवाचक संबंधबोधक होता है।

11. कारणवाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द किसी कारण का बोध कराते हैं उन्हें कारणवाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर कारण , हेतु , वास्ते , निमित्त , खातिर आते है वहाँ पर कारणवाचक संबंधबोधक होता है।

जैसे :- (i) रावण अपनी दुष्टता के कारण मारा गया।

यह भी पढ़ें :  विस्मयादिबोधक  , प्रत्यय

12. सीमावाचक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द सीमा का बोध कराते हैं उन्हें सीमावाचक संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर तक , पर्यन्त , भर , मात्र आते है वहाँ पर सीमावाचक संबंधबोधक होता है।

जैसे :- (i) समुद्र पर्यन्त यह पृथ्वी तुम्हारी है।

प्रयोग की पुष्टि से संबंधबोधक के भेद :-

1. सविभक्तिक संबंधबोधक
2. निर्विभक्तिक संबंधबोधक
3. उभय विभक्ति संबंधबोधक

1. सविभक्तिक संबंधबोधक :- जो शब्द विभक्ति के साथ संज्ञा और सर्वनाम के बाद आते हैं उन्हें सविभक्तिक संबंधबोधक कहते हैं।

जैसे :- (i) आगे = घर के आगे
(ii) पीछे = राम के पीछे
(iii) समीप = स्कूल के समीप
(iv) दूर = नगर से दूर
(v) ओर = उत्तर की ओर
(vi) पहले = लक्ष्मण से पहले
(vii) पास = राम के पास

2. निर्विभक्तिक संबंधबोधक :- जो शब्द विभक्ति के बिना संज्ञा के बाद आते हैं उन्हें निर्विभक्तिक संबंधबोधक कहते हैं।

जैसे :- (i) भर = वह रात भर घूमता रहा।
(ii) तक = वह सुबह तक लौट आया।
(iii) समेत = वह बाल-बच्चों समेत यहाँ आया।
(iv) पर्यन्त = वह जीवन पर्यन्त ब्रह्मचारी रहा।
(v) सहित =  वह परिवार सहित विवाह में आया।

3. उभय विभक्ति संबंधबोधक :- जिन शब्दों का प्रयोग दोनों प्रकार से किया जाता है उसे उभय विभक्ति संबंधबोधक कहते हैं।

जैसे :- (i) द्वारा = पत्र के द्वारा , पत्र द्वारा
(ii) रहित = गुणरहित , गुण के रहित
(iii) बिना = धन के बिना , धन बिना
(iv) अनुसार = रीति के अनुसार , रीति अनुसार

रूप के आधार पर संबंधबोधक के भेद :-

1. मूल संबंधबोधक
2. यौगिक संबंधबोधक

1. मूल संबंधबोधक :- जो शब्द अन्य शब्दों से योग नहीं बनाते बल्कि अपने मूल रूप में रहते हैं उन्हें मूल संबंधबोधक कहते हैं। जहाँ पर बिना , समेत , तक आते हैं वहाँ पर मूल संबंधबोधक होता है।

2. यौगिक संबंधबोधक :- जो अव्यय शब्द संज्ञा , सर्वनाम , क्रिया , विशेषण आदि के योग से बनते हैं उन्हें यौगिक संबंधबोधक कहते हैं।

जैसे :- (i) पर्यन्त = परि + अंत आदि।

क्रिया -विशेषण और संबंधबोधक में अंतर :-

कुछ कालवाचक और स्थानवाचक क्रियाओं का प्रयोग संबंधबोधक के रूप में किया जाता है। जब इनका प्रयोग संज्ञा और सर्वनाम के साथ किया जाता है तब ये संबंधबोधक होते है लेकिन जब इनके द्वारा क्रिया की विशेषता प्रकट होती है तब ये क्रिया विशेषण होते हैं।

जैसे :- (i) अंदर जाओ।
(ii) दुकान के भीतर जाओ।
(iii) उसके सामने बैठो।
(iv) स्कूल के सामने मेरा घर है।
(v) घर के भीतर सुरेश है।

Related posts:

  1. Sandhi In Hindi- संधि एवं संधि विच्छेद परिभाषा, प्रकार, उदाहरण Sandhi Viched in Hindi
  2. समास की परिभाषा भेद, उदाहरण-Samas In Hindi
  3. Hindi Varnamala-हिंदी वर्णमाला-Hindi Alphabets
  4. Conjunction In Hindi-समुच्चयबोधक की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  5. Chhand In Hindi-छंद की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Popular posts

  • All Vegetables Name In Hindi and English सब्जियों के नाम List of Vegetables
  • Flower Names in Hindi and English फूलों के नाम List of Flowers
  • अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण-Alankar In Hindi
  • All Fruits Name in Hindi and English फलों के नाम List of Fruits
  • Human Body Parts Names in English and Hindi - List of Body Parts मानव शरीर के अंगों के नाम
  • समास की परिभाषा भेद, उदाहरण-Samas In Hindi
  • Name of 12 months of the year in Hindi and English - Hindu Months in hindi
  • Animals Name in Hindi and English जानवरों के नाम List of Animals
  • Birds Name in Hindi and English पक्षियों के नाम List of Birds
  • Sanghya-संज्ञा की परिभाषा भेद, उदाहरण-Noun In Hindi-Sangya In Hindi

Copyright © 2021 · Hindimeaning.com · Contact · Privacy · Disclaimer