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सीताफल (शरीफा) के फायदे गुण और नुकसान-Sharifa ke fayde aur nuksan in Hindi

सीताफल (Custard Apple In Hindi) :

सीताफल को शरीफा और सरीफा भी कहा जाता है। इसको अंग्रेजी में Custard Apple कहते हैं। सीताफल बहुत ही स्वादिष्ट फल है लेकिन लोग इसके बारे में बहुत कम जानकारी रखते हैं। सीताफल आमतौर पर अगस्त से नवंबर के बीच पीरियड में आने वाला फल होता है। शरीफा शरीर को बहुत ठंडक पहुँचाता है।

सीताफल के ऊपर के उभार इसे अलग ही रूप प्रदान करता है। सीताफल बहर से पका हुआ और अंदर से बहुत नरम फल होता है। इसका गूदा सफेद रंग का मलाईदार होता है तथा बीज काले रंग के होते हैं। सीताफल का स्वाद मीठा होता है जो सभी को पसंद आता है। इसकी एक किस्म भी होती है जिसे रामफल के नाम से जाना जाता है।

लोग सीताफल को भगवान राम और माता सीता से जोड़ते हैं। ऐसा माना जाता है कि माता सीता ने जो फल भगवान राम को भेट स्वरूप दिया था उसका नाम ही सीताफल पड़ा था। आजकल सीताफल की आईसक्रीम , बासुंदी व सीताफल का शेक बहुत चलन में हैं। रामफल को वृत के दिनों में फलाहार के रूप में खाया जाता है। सीताफल को खाने के बाद मिठाई और पौष्टिक नाश्ते के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

सीताफल के औषधीय गुण (Medicinal properties of Sitafal In Hindi) :

सीताफल इतने गुणों से भरपूर है कि शायद ही शरीर का कोई हिस्सा ऐसा हो जिसे यह फायदा न पहुँचाता हो। सीताफल में वजन बढ़ाने , रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने , एनर्जी बढ़ाने , चिडचिडापन दूर करने , दातों को मजबूत करने , एनीमिया से बचने , आखों में देखने की क्षमता बढ़ाने , गठिया रग को दूर करने , ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने , शुगर कंट्रोल करने के लिए सीताफल में बहुत से औषधीय गुण होते हैं। सीताफल में उसके गुणों की वजह से इस पर किसी रोग का संक्रमण नहीं हो पाता है।

सीताफल के पोषक तत्व (Nutrients In Sitafal In Hindi) :

सीताफल में प्रचूर मात्रा में विटामिन सी होती है। सीताफल में विटामिन ए , राइबोफ्लेविन , थियामिन , नियासिन आदि तत्व होते हैं। सीताफल के उपयोग से पोटेशियम , कैल्शियम , आयरन , मैग्नीशियम , प्रोटीन , मेगनीज तथा फास्फोरस आदि मिलते हैं। दूसरे फलों की अपेक्षा सीताफल में आयरन की बहुत अधिक मात्रा होती है। – Custard Apple Nutrition

सीताफल के फायदे (Custard Apple Benefits in Hindi) :

1. बालों में फायदेमंद सीताफल (Sitafal Benefits In hairs In Hindi) :

जिन लोगों को गंजेपन की शिकायत होती है या बाल निकलने शुरू हो गए हैं उनके लिए सीताफल बहुत ही लाभदायक होता है। सीताफल त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में हमारी सहायता करता है। सीताफल के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीसकर लेप बना लें।

इस लेप को सिर पर कुछ दिनों तक लगाने से गंजापन की समस्या दूर हो जाती है और बाल तेजी से विकसित होने लगते हैं। सीताफल खाने से बालों को अधिक पौष्टिकता मिलती है जिसकी वजह से बाल अधिक समय तक काले बने रहते हैं। इससे आपके सिर को ठंडक भी मिलती है और दिमाग तनावमुक्त हो जाता है।

2. रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद (Sitafal Beneficial to increase disease resistance) :

सीताफल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में होता है। विटामिन सी में शरीर की रोगों से लड़ने वाली शक्ति यानि इम्युन सिस्टम को बढ़ाने की क्षमता होती है और शरीर हष्ट-पुष्ट तथा ताकतवर होता है।

3. त्वचा निखारने में फायदेमंद ( Sitafal Beneficial in skin whitening In Hindi) :

सीताफल में विटामिन ए हमारी त्वचा को स्वस्थ और खुबसूरत बनाने में बहुत मददगार होता है। अगर आपके शरीर पर कोई काले निशान हैं तो उन्हें भी दूर करने में सीताफल में बहुत असरदार उपयोग हैं।

4. अस्थमा में फायदेमंद (Sitafal Beneficial in asthma In Hindi) :

सूजन से जुडी ब्रोन्कियल ट्यूब श्वसन समस्याओं से निपटने के लिए आहार में सीताफल का सेवन करना चाहिए। सीताफल अस्थमा के रोगियों से बचाने में बहुत अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि सीताफल में विटामिन बी6 होता है जो अस्थमा के रोगियों के लिए सूजन कम करने में बहुत अधिक फायदेमंद होता है।

यह शरीर या ब्रोन्कियल ट्यूबों के आस-पास की सूजन को कम करने में मदद करता है। सीताफल अस्थमा के रोगियों या ब्रोन्कियल संक्रमणों के लिए सहायक होता है। इन फलों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो वायुमार्ग संक्रमणों और समस्याओं को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की सहायता करते हैं।

5. उच्च रक्त चाप में फायदेमंद (Sitafal Beneficial in hypertension In Hindi) :

खराब आहार और उच्च तनाव जैसे कारणों से उच्च रक्त चाप एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। उच्च रक्तचाप एक साइलेंट किलर की तरह काम करता है। सीताफल इस स्वास्थ्य समस्या के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होता है। सीताफल में केले की तुलना में पोटेशियम की उच्च सामग्री होती है। ह्रदय स्वास्थ्य के लिए पोटेशियम बहुत ही आवश्यक होता है। पोटेशियम से समृद्ध आहार सोडियम स्तर को संतुलित और रक्तचाप को कम करते हैं।

6. ह्रदय रोगों में फायदेमंद (Sitafal Beneficial in heart diseases In Hindi) :

सीताफल से ह्रदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। जिन लोगों का ह्रदय कमजोर होता है , हार्ट बीट ज्यादा हो , हाई ब्लड प्रेशर हो और घबराहट होती हो ऐसे मरीजों के लिए सीताफल बहुत ही लाभकारी होता है। सीताफल में मैग्नीशियम और पोटैशियम होता है जो ह्रदय को स्वस्थ बनता है और ह्रदय का दौरा पड़ने पर ह्रदय की रक्षा करता है तथा मांसपेशियों को आराम दिलाता है। सीताफल में विटामिन बी6 भी होता है जो ह्रदय के रोगों को कम करने में हमारी मदद करता है। सीताफल में कुछ पौष्टिक तत्व होते हैं जो ह्रदय को मजबूत और रोगरहित रखते हैं। सीताफल एक मैग्नीशियम की जरूरत का 10%प्रदान करता है।

7. उच्च स्तर कोलेस्ट्रोल के लिए फायदेमंद (Sitafal beneficial In High-quality cholesterol In Hindi) :

कोलेस्ट्रोल उच्च स्तर हानिकारक होता है। आहार और गतिहीन जीवन शैली की वजह से हम उच्च स्तर कोलेस्ट्रोल को पार कर रहे हैं। विटामिन बी 3 की कमी ने खराब लेस्ट्रोल का स्तर बढ़ा दिया है। नियासिन खराब कोलेस्ट्रोल को 20% तक कम करने में मदद करता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर को बढ़ा देता है जो एक चिकनी और सुरक्षात्मक परत के साथ धमनियों के लिए सहायक होता है।

ह्रदय रक्त के प्रवाह के साथ-साथ ऑक्सीजन को भी प्राप्त करता है। यह आसान काम करने में सक्षम है जो दिल के दौरे या ह्रदय रोगों के विकास की संभावना को कम कर सकें और सीताफल में नियासिन और डाइटरी फाइबर के उच्च स्तर होते हैं जो कॉलेस्ट्रोल को कम करने में हमारी मदद करता है।

8. पाचन क्रिया में फायदेमंद (Sitafal Beneficial in digestion In Hindi) :

अगर आपको कब्ज , गैस की समस्या है तो इसका मतलब है कि आपकी पाचन क्रिया ठीक प्रकार से काम नहीं कर रही है ऐसे में आपको सीताफल का प्रयोग करना चाहिए। सीताफल फाइबर और तांबा का एक बहुत ही अच्छा स्त्रोत होता है जो पाचन शक्ति को बढ़ाने और कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है। सीताफल में डाइटरी फाइबर और कॉपर पाचन शक्ति को ठीक बनाए रखता है।

मलत्याग की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में सहायता करता है। सीताफल को धूप में सुखाकर इसका पाउडर बना ले। इस पाउडर का सेवन पानी के साथ करने पर डीएसटी की समस्या से निजात प्राप्त होती है। सीताफल की लुगदी को मैश करें और कुछ पानी लेकर इसे मिलाएं यह दस्त को रोकने के लिए मल को मजबूत करने में सहायता करता है।

9. मधुमेह में फायदेमंद (Sitafal Beneficial in diabetes In Hindi) :

मधुमेह की बीमारी आज पूरे विश्व में फैल चुकी है। शारीरिक व्यायाम में कमी और जीवन शैली में बदलाव की जगह से लोग इस रोग के शिकार हो रहे हैं लेकिन ताजा फलों के सेवन और जीवनशैली में बदलाव लाकर मधुमेह के खतरे को बहुत हद तक कंट्रोल में किया जा सकता है। सीताफल से मधुमेह को संतुलित करने में बहुत ही आसानी होती है।

सीताफल में मौजूद डाइटरी फाइबर शरीर की चीनी सोखने की क्षमता को कम कर देता है और मधुमेह का खतरा टल जाता है। सीताफल में शुगर को सोखने के गुण होते हैं और इस तरह से सीताफल शरीर में शुगर के स्तर को सामान्य बनाए रखता है। अगर आप मधुमेह को संतुलित करना चाहते हैं तो प्रतिदिन सीताफल का सेवन करें। विटामिन सी वह मूल तत्व है जो शरीर में चीनी के स्तर को नियंत्रित रखता है।

सीताफल में बहुत मात्रा में विटामिन सी होता है जिससे आपको मधुमेह से लड़ने में मदद मिलती है। सीताफल में मौजूद मैग्नीशियम इन्सुलिन के उत्पादन में सहायता करता है तथा ग्लूकोज को नियंत्रित करता है। सीताफल में पोटैशियम भी होता है शरीर में इन्सुलिन का स्तर बनाए रखता है। सीताफल में आयरन भी होता है जी एनीमिया से लड़ता है और मधुमेह की स्थिति को नियंत्रित करता है।

10. एनीमिया में फायदेमंद (Sitafal Beneficial in Anemia In Hindi) :

जिन लोगों को एनीमिया होता है उन्हें सीताफल का सेवन करना चाहिए। एनीमिया शरीर में आयरन की कमी से होता है। इस रोग के लक्ष्ण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं लेकिन सबसे अधिक होने वाले लक्षणों में चक्कर आना और थकान महसूस होना सम्मिलित होते हैं। सीताफल में लोहे की प्रचूर मात्रा पाई जाती है।

सीताफल में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए सीताफल खून की कमी यानि एनीमिया से बचने में मदद करता है। सीताफल का प्रतिदिन इस्तेमाल खून की अल्पता को खत्म करने और उल्टियों के प्रभाव को कम करने में बहुत मदद करता है। सीताफल एक स्टीमुलेंट , ठंडक प्रदान करने वाले तत्व , एक्सपेक्टरेंट और हेमाटिनिक का काम करता है। सीताफल से रक्त को साफ करने और रक्त बढ़ाने में मदद मिलती है।

11. कैंसर में फायदेमंद (Sitafal Beneficial in Cancer In Hindi) :

कैंसर को रोकने के लिए सीताफल बहुत लाभदायक होता है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो कैंसर को रोकने के गुण रखते हैं। सीताफल कैंसर के विकास करने की संभावना को रोकता है। सीताफल कैंसर कोशिकाओं को विकास करने से रोकता है क्योंकि इसमें एसीटोनिन और एल्कोनोइड होते हैं।

सीताफल के कुछ प्रभावशाली फायदे (Some Effective Benefits Of Sitafal In Hindi) :

1. गर्भाशय में फायदेमंद : सीताफल गर्भावस्था में बहुत अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि सीताफल गर्भ में पल रहे भ्रूण मस्तिष्क , स्नायुओं की प्रणाली और प्रतिरोधक प्रणाली के विकास में मदद करता है। गर्भावस्था में सीताफल खाने से गर्भस्त्राव की समस्या कम हो जाती है और बच्चे के जन्म के दौरान लेबर का दर्द भी कम होता है।

बहुत से लोग सीताफल को गर्भावस्था के समय का एक बहुत ही चमत्कारी फल भी मानते हैं जो मॉर्निंग सिकनेस , मतली , चिड़चिडेपन और स्वभाव में अचानक परिवर्तन की समस्या से लड़ने में सहायक होता है। सीताफल बच्चे के जन्म के बाद माँ के स्तनों में दूध का अधिक उत्पादन करने में भी सक्षम साबित होता है। सीताफल गर्भावस्था के समय होने वाले मूड़ स्विंग , मॉर्निंग सिकनेस और अकडन से राहत दिलाने में मदद करता है।

2. गठिया में फायदेमंद : सीताफल की पत्तियों के काढ़े का प्रयोग गठिया की समस्या में बहुत ही लाभदायक होता है। यह एसिड को कम करके शरीर में जल संतुलन को बनाए रखता है जिससे दर्द कम हो जाता है। सीताफल में मैग्निशियम होता है जिसकी वजह से शरीर में सामान्य तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाईट को संतुलित बनाए रखता है।

सीताफल गठिया और गठिया की वजह से होने वाली सूजन में बहुत फायदेमंद होता है। सीताफल इस प्रकार के जोड़ों में होने वाले अम्ल को हटा देता है क्योंकि यही अम्ल गठिया का मुख्य कारण होता है। अनुसंधान से हमें पता चला है कि सीताफल की पत्तियों का काढ़ा रूमेटिक गठिया रोग में लाभदायक होता है।

3. जूं में फायदेमंद : जब हमारे सिर में जुएँ हो जाती हैं तो वे हमारे आधे पौष्टिक तत्व ले जाती हैं। अधिकतर जुएँ बच्चों के सिरों में होती हैं। सीताफल पाउडर का प्रयोग जूं को खत्म करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इसको नारियल तेल और पानी के साथ सीताफल मिलाकर पेस्ट बनाना चाहिए। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर 10 से 15 मिनट तक लगाकर रखें।

इससे जूं नष्ट हो जाएँगी। अगर आप कोई आसान तरीका चाहते हैं तो सीताफल के बीजों को पानी के साथ पीसकर लेप बना लें। रात के समय इस लेप को बालों में लगा लें और सुबह होते ही इसे धो लें। दो-तीन दिन ऐसा करने से सिर की सभी जुएँ मर जाती हैं। इस लेप को लगाते समय कोई बंध आँख में नहीं जानी चाहिए।

4. कमजोरी में फायदेमंद : कई लोग आज के व्यस्त समय में काम के प्रेशर से थके , हारे और हताश रहते हैं जिसकी वजह से उन्हें दिन-रात का कुछ पता नहीं होता है। सीताफल से कमजोरी की परेशानी को दूर किया जा सकता है। सीताफल एक एनर्जी का अच्छा स्त्रोत होता है और इसका सेवन करने से थकावट और मसल्स अथार्त मांसपेशियों की कमजोरी आपको जरा भी महसूस नहीं होगी। सीताफल का सेवन करने से शरीर को एक नई उर्जा मिलती है जिससे शरीर की थकावट , हड्डियों की कमजोरी , मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

5. फोड़े-फुंसी में फायदेमंद : सीताफल फोड़े-फुंसी में बहुत लाभदायक होता है। सीताफल के वृक्ष की छाल को घिसकर फोड़े-फुंसी पर लगाने से जीवाणुओं के संक्रमण की आशंका दूर होती है। सीताफल के पत्ते पीसकर फोड़े-फुंसियों पर बांधने से वे जल्दी पककर फूट जाती है। सीताफल के पत्तों को पीसकर सेंधा नमक मिलाकर फोड़े वाली जगह पर लगाने की वजह से जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

6. अतिसार में फायदेमंद : सीताफल के पेड़ की जड़ को छाया में सुखाकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। इस चूर्ण को उन्माद रोगी को खिलने से अतिसार के साथ-साथ उन्माद विकृति का निष्कासन होता है। सीताफल डीएसटी और प्रवाहिका में भी बहुत अधिक फायदेमंद होता है। सीताफल को कच्चा काटकर सुखा ले और पीसकर रोगी को खिलाएं इससे दस्त की समस्या ठीक हो जाएगी।

7. वजन बढ़ाने में फायदेमंद : सीताफल कमजोर लोगों के लिए वजन बढ़ाने का एक बहुत ही आसान तरीका होता है। सीताफल उन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा फल होता है जो लोग वजन बढ़ाने के इच्छुक होते हैं। शहद और सरीफा का मिश्रण आवश्यक वजन और आवश्यक कैलोरी को जोड़ने में बहुत मदद करता है।

8. ब्लड प्रेशर में फायदेमंद : सीताफल में सोडियम , मैग्नीशियम और पोटेशियम संतुलित मात्रा में होते हैं जिससे खून के बहाव यानि ब्लड प्रेशर में अचानक होने वाले बदलाव को भी नियंत्रित करता है। ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव वाले लोगों के लिए सीताफल उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए मदद करता है। सीताफल में मैग्नीशियम जैसे खनिज पदार्थ होते हैं जो दिल की सुरक्षा करने और मांसपेशियों को आराम देने में भी मदद करता है। सीताफल से हमारा रक्त परिसंचरण सुचारू रूप से काम करता है।

9. दमा में फायदेमंद : सीताफल दमा के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सीताफल में विटामिन बी6 जैसे पोषक तत्व होने की वजह से ब्रोन्कियल सूजन और दमा के हमलों को रोकने में मदद मिलती है।

10. डिप्रेशन में फायदेमंद : सीताफल विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर होता है जिसकी मदद से मस्तिष्क के GABA न्यूरॉन केमिकल्स नियंत्रित होते हैं। सीताफल मस्तिष्क को ठंडा रखता है और तनाव , चिंता तथा चिडचिडेपन को दूर करता है।

सीताफल के नुकसान (Side Effects Of Sitafal In Hindi) :

1. बीज और पत्ते नुकसानदायक : सीताफल के बीज और पत्तों में कुछ विषैले तत्व पाए जाते हैं इसलिए इसके बीज और पत्ते नहीं खाने चाहिएँ। सीताफल के बीज को मुंह में चबाने से इसके विषैले तत्व निकलकर मुंह में आ सकते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर गलती से सीताफल खाते समय साबुत बीज निगलने से कोई परेशानी की बात नहीं होती है। यह बिना पचे मलद्वार से बाहर निकल जाता है।

2. अधिक सेवन नुकसानदायक : सीताफल का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है ऐसा करने से पाचन क्रिया से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो सीताफल का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। इसके उपयोग से वजन बढ़ सकता है। ज्यादा सीताफल खाने से ठंड लगकर बुखार भी आ सकता है।

3. एलर्जी नुकसानदायक : जिन लोगों को सीताफल से एलर्जी होती है उन्हें सीताफल नहीं खाना चाहिए। अगर उन्होंने गलती से सीताफल खा भी लिया है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

4. आँखों के लिए नुकसानदायक : आँखों पर सीताफल और नारियल तेल का पेस्ट नहीं लगने देना चाहिए यह पेस्ट आँखों के लिए नुकसानदायक होता है। इसकी वजह से अंधेपन की समस्या हो सकती है।

6. मधुमेह में नुकसानदायक : सीताफल में केलोरी और शक्कर अधिक होते हैं। सीताफल में सेबोर संतरे से दुगनी मात्रा में केलोरी होती है इसलिए अगर आपको मधुमेह हो हो सीताफल नहीं खाना चाहिए।

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