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Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

बेटी बचाओ बेटी पढाओ निबंध 1 (100 शब्द) :

आज भारतीय समाज में छोटी बच्चियों में भेदभाव और लैंगिक असमानता की जाती है जिसकी वजह से बहुत सी लडकियाँ आगे नहीं बढ़ पाती है इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर बी.जे.पी. सरकार के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ नाम से एक सामाजिक योजना की शुरुआत की है।

प्रधानमंत्री जी ने इस योजना को हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी, 2015 बुधवार के दिन शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य समाज को लडकियों के महत्व के प्रति जागरूक करना है। सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या पर पूरी तरह रोकथाम लगाने और लडकियों के जीवन की रक्षा करने के लिए आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। इस योजना की मदद से एक लडके की तरह लडकी के जन्म पर भी खुशी मनायी जाएगी और उसे भी वही अधिकार दिए जाएँगे जो एक लडके को दिए जाते हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ निबंध 2 (200 शब्द) :

आज के समय में बच्चे खासतौर पर लडकियाँ और महिलाएं सशक्त नहीं होती है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें सशक्त बनाने के साथ-साथ समाज में गिर रही लडकियों के अनुपात की संख्या को ध्यान में रखते हुए बेटी बचाओ बेटी पढाओ नाम की एक संस्था शुरू की जो एक राष्ट्रवादी योजना के रूप में शुरू हुई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बुधवार 22 जनवरी, 2015 के दिन इस योजना को सफलतापुर्वक शुरू किया था। समाज में लडकियों के प्रति सकारात्मक विचारधारा लाने के लिए यह योजना लडकियों और महिलाओं के महत्व की तरफ संकेत करेगी। लडकियों के प्रति लोगों की मानसिकता बहुत अधिक क्रूर हो चुकी है क्योंकि वे लडकियों को अपने परिवार के लिए बोझ समझते हैं।

पहले लडकियों को मायके में और फिर पति के घर में बोझ समझा जाता था। यह बात सच नहीं है लेकिन दुनिया की आधी आबादी लगभग महिलाओं की है इसलिए उनकी जिम्मेदारी भी आधी होती है।

लडकियों और महिलाओं को कम महत्व देने की वजह से धरती पर मानव समाज पर खतरा उत्पन्न हो सकता है क्योंकि अगर महिलाएं नहीं होंगी तो किसी का भी जन्म नहीं होगा। भारतीय समाज में लडकियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने, बच्चियों की सुरक्षा को पक्का करने, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए इस योजना की शुरुआत एक बहुत ही अच्छा कदम है।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : आज के समय में देश की बेटियों को आगे बढने से रोका जाता है क्योंकि आज भी बहुत से लोग बेटियों को बेटों से कम समझते हैं इसलिए देश की बेटियों की रक्षा और उन्नति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक योजना की शुरुआत की जिसका नाम बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान रखा गया। इस योजना के माध्यम से लडकियों को वो सभी अधिकार मिल पाएँगे जो लडकियों को नहीं मिल पाते हैं। इसके द्वारा लडकियाँ बिना किसी झझक और समस्या के घर के बाहर जा सकती हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ जागरूकता अभियान : बेटी बचाओ बेटी पढाओ का अर्थ होता है कन्या शिशु को बचाना और उन्हें शिक्षित करना। बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना को भरतीय सरकार के द्वारा 22 जनवरी, 2015 को कन्याओं के प्रति जागरूकता लाने के लिए और महिला कल्याण में सुधार करने के लिए आरंभ किया गया था।

इस अभियान को फैलाने के लिए भारत सरकार के द्वारा बड़ी रेलियों, टी.वी. विज्ञापनों, होर्डिंग, वीडियो फिल्में, निबंध लेखन, वाद-विवाद आदि गतिविधियों का आयोजन किया गया था। इस अभियान को बहुत सारे लोगों के द्वारा समर्थित भी किया गया है क्योंकि इसके द्वारा लडकियों के आने वाले जीवन को सुधारा जा सकता है और सुरक्षित किया जा सकता है।

उपसंहार : बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को नरेंद्र मोदी जी ने बेटियों की रक्षा, पढाई और शादी के लिए चलाई थी। सरकार इस योजना के द्वारा कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, लिंग परीक्षण आदि सामाजिक कुरीतियों को रोकने और ऐसे करने वाले लोगों को सख्त-से-सख्त सजा देने के कानूनों को पास किया जाएगा जिससे कोई भी व्यक्ति ऐसा करने से पहले एक बार जरुर सोचेगा। इस अभियान से बेटी के जन्म पर खुशी मनायी जाएगी और उसे हर काम में पूरा सहयोग दिया जाएगा।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान भारत सरकार के द्वारा चलाई गई एक ऐसी योजना है जिसके द्वारा लडकियों को बचाया जाएगा और उन्हें शिक्षित भी किया जाएगा इसके अतिरिक्त ग्रामीण परिवार को बेटी की शादी के लिए मदद भी की जाएगी।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान से भारतीय समाज में लडकियों और महिलाओं के लिए कामों की कुशलता को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों के मध्य जागरूकता उत्पन्न करने के लिए जरुरी है। बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के लिए भरतीय सरकार के द्वारा 100 करोड़ रूपए की शुरूआती पूंजी दी गई है।

लडकी अनुपात पर प्रभाव : आज के समय में लोग गर्भावस्था के दौरान लिंग परीक्षण करवाते हैं और अगर गर्भ में लडकी होती है तो उसे गर्भपात के द्वारा मार दिया जाता है जो एक सरकार की नाक के नीचे होने वाला अपराध है। यह अपराध भारत में लडकियों की जगह पर लडकों की अधिक चाह की वजह से उत्पन्न होता है।

कन्या भ्रूण हत्या की वजह से भारत देश में कन्या शिशु लिंग के अनुपात में कमी हो रही है। कन्या भ्रूण हत्या देश में अल्ट्रासाऊंड जैसी विदेशी तकनीक की वजह से संभव हो पाई है। इस समस्या ने भारत में अपना विकराल रूप ले लिया है जो धीरे-धीरे अपने आकार को बढ़ाता ही जा रहा है।

अभियान के प्रभावशाली कदम : भारतीय सरकार के द्वारा लडकियों को बचाने और शिक्षित करने के लिए बहुत से कदम उठाए गए हैं जो एक बड़ी पहल बेटी बचाओ बेटी पढाओ से शुरू की गई है। इस योजना को सक्रिय करने के लिए सरकार ने एनजीओ, कॉर्पोरेट समूहों और मानव के अधिकार कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा योगदान दिया है।

इस दिशा में दूसरी पहल की तरफ कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की है। इस योजना में लडकियों की पढाई, सुरक्षा और शादी के लिए सरकार लोगों की मदद में पैसे देगी। लडकियों की सुरक्षा करने के लिए सरकार ने सन् 1961 में कन्या भ्रूण हत्या को एक गैर कानूनी अपराध और लिंग परीक्षण के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिससे भारत देश में अपराधों को कम किया जा सके।

उपसंहार : बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य लिंगानुपात के बीच की दूरी को कम करना है क्योंकि आंकड़ों के अनुसार साल 2001 में लिंगानुपात 1000 लडकों/927 लडकियाँ, साल 2011 में 1000 लडकों/918 लडकियाँ था जिसकी वजह से लडकियों के अनुपात में गिरावट को कम करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के द्वारा लडकियों को कम समझने, भेदभाव करने वाले, महिलाओं और लडकियों पर अत्याचार करने वाले लोगों को कानूनों के अनुसार दंड दिया जाएगा।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना को देश की बेटियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ समाज में लडकियों की गिरती हुई संख्या के अनुपात के मुद्दे के प्रति जागरूकता लाने के लिए शुरू किया गया था।

आज भी बहुत से लोग लडकियों के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं जिसको सकारात्मकता में बदलने के लिए और लडकियों को लडको के साथ लाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने इस योजना की शुरूआत की। पहले समय में लोग लडकियों को एक बोझ समझते थे लेकिन आज इस योजना से लोग महिलाओं के प्रति जागरूक हो रहे हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान : महिलाएं और लडकियाँ प्राचीनकाल से ही बहुत से अपराधों को सहती आ रही है लेकिन आज का सबसे बड़ा अपराध कन्या भ्रूण हत्या है जिसमें अल्ट्रासाऊंड के माध्यम से गर्भ में बच्चे का लिंग परीक्षण किया जाता है जिसके बाद अगर वह लडकी होती है तो उसे माँ के गर्भ में ही गर्भपात के माध्यम से मार दिया जाता है।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के द्वारा भारत सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या के साथ-साथ बालिकाओं के प्रति होने वाले अन्य अपराधों जैसे – बाल विवाह, शिक्षा से अवगत रखना आदि को समाप्त करने की पूरी कोशिश की गई है। प्राचीन समय में लडकियों को सिर्फ खाना पकाने और गुड्डे-गुड़ियों के साथ खेलने के लिए विवश किया जाता था लेकिन इस स्थिति में सुधार करने के लिए ही इस योजना को शुरू किया गया है।

अभियान की जरुरत : लडकियाँ किसी भी तरह से किसी भी क्षेत्र में लडकों से कम नहीं होती हैं जबकि लडकियाँ-लडकों की तुलना में अधिक आज्ञाकारी, अहिंसक, अभिमानी और परिश्रमी होती है। प्रत्येक लडकी अपने माता-पिता की और उनके कार्यों की अधिक चिंता और परवाह करती हैं। एक औरत अपने जीवन में माता, पत्नी, बेटी, बहन आदि की भूमिका निभाती है।

हर महिला को अपने मन से सभी कामों और अपने अधिकारों को चुनने का हक होता है लेकिन उन्हें यह अधिकार दिए नहीं जाते हैं। महिलाओं और लडकियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए सरकार द्वारा इस योजना को चलाया गया है जिसका नाम बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना रखा गया है।

(और पढ़ें :  बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर निबंध , बेटी बचाओ बेटी पढाओ से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें)

अभियान का उद्देश्य : बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का उद्देश्य बेटियों के विरुद्ध बढने वाले लिंग अनुपात के असंतुलन को नियंत्रित करना है। आज हमारे समाज में कन्या भ्रूण हत्या बहुत ही बढती जा रही है जिसके विरुद्ध एक बहुत बड़ा कदम है बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना।

इस अभियान के द्वारा महिलाओं और उन पर होने वाले अत्याचारों को कम किया जाएगा और उनके साथ भेदभाव करने वाले लोगों को कठिन-से-कठिन दंड दिया जाएगा। इस अभियान के द्वारा जिन महिलाओं और लडकियों को समान अधिकार नहीं दिए जाते थे उन्हें लडकों के समान अधिकार दिए जाएँगे। इसके द्वारा हमारे देश को खोखला करने वाली अनेक कुरीतियों पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकेगा।

उपसंहार : आज के लोगों की मानसिकता बहुत अधिक क्रूर हो चुकी है जिसे बदलने के लिए एक बहुत ही सख्त और कठिन कानूनों और दंडों की जरुरत होती है। इस दुनिया की लगभग आधी आबादी लडकियों और महिलाओं की है जिसकी वजह से ये सभी इस दुनिया पर जीवन के अस्तित्व के लिए आधी जिम्मेदार होती है लेकिन आधी जिम्मेदारी होने के बाद भी इन्हें वो अधिकार नहीं दिए जाते हैं जिसकी ये हकदार होती हैं। इस योजना से केवल लडकियाँ पढ़ेंगी ही नहीं बल्कि उन्हें लडकी होने पर गर्व महसूस होगा।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : बेटी बचाओ बेटी पढाओ एक सामाजिक योजना है जिसके द्वारा भारत में लडकियों की स्थितियों की सोच को सकारात्मकता में बदलने के लिए समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने बहुत जरुरी हैं जो इस अभियान की सहायता से लाए जा सकते हैं।

समाज में लडकियों पर बहुत से प्रतिबंध लगाए जाते हैं जिसकी वजह से लडकियों की उचित वृद्धि और विकास नहीं हो पाता है इसी स्थिति में सुधार करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य लडकियों पर होने वाले अत्याचार, असुरक्षा, लैंगिक भेदभाव आदि को रोकना है।

अभियान की शुरुआत : हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में हो रहे भेदभाव और अनेक कुरीतियों की वजह से बुधवार 22 जनवरी, 2015 हरियाणा के पानीपत में बेटी बचाओ बेटी पढाओ के नाम से एक योजना की शुरुआत की थी जिसका मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा आदि कुरीतियों को रोकना है।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के द्वारा सरकार लडकियों की सुरक्षा और पढाई के साथ-साथ उनकी शादी के लिए भी बहुत सी सुविधाएँ उपलब्ध कराएगी। इस अभियान के द्वारा बहुत से लोग जो अपने घर की महिलाओं और लडकियों को अधिकारों से वंचित रखते हैं और उन पर अत्याचार करते हैं आदि को कानूनों के द्वारा कठोर-से-कठोर दंड दिया जाएगा ताकि वे ऐसी गलती दुबारा से न कर सकें।

कन्या भ्रूण हत्या पर रोक : आज के समय में लोग बेटे की चाह में इतने अंधे हो जाते हैं कि गर्भ के अंदर ही अल्ट्रासाउंड के द्वारा लिंग परीक्षण करवाते हैं अगर उसमें लड़का होता है तो उसे जन्म दिया जाता है लेकिन अगर गर्भ में लडकी होती है तो उसे गर्भपात के माध्यम से जन्म से पहले ही मार दिया जाता है जो एक अपराध होता है।

इस अपराध को ध्यान में रखकर नरेंद्र मोदी जी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का आरंभ किया जिसका मुख्य उद्देश्य था कन्या भ्रूण हत्या को रोकना। इस योजना के द्वारा जो लोग लिंग परीक्षण करते हैं, करवाते हैं और गर्भपात करते हैं या करवाते हैं उन्हें कानूनों के अनुसार दंड दिया जाएगा ताकि वे यह अपराध न कर सकें।

जागरूक अभियान : बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को हर देश तक पहुँचाने के लिए इसे समाज के हर वर्ग के लोगों ने बहुत अधिक प्रोत्साहित किया है। आज हमारे समाज में ऐसे बहुत से परिवार और घर में जहाँ पर लडकियों को लडकों के समान नहीं समझा जाता है।

समाज में लडके और लडकियों में भेदभाव किया जाता है लडकियों को लडकों के समान नहीं समझा जाता है उन्हें वे अधिकार नहीं मिल पाते हैं जो अधिकार लडको को मिल जाते हैं। लडकियों को अपने परिवार में अपने मत को रखने का अधिकार प्राप्त नहीं होता है जिसकी वजह से इन्हें किसी वस्तु की तरह समझा जाता है। लडकियों और महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए ही इस अभियान की शुरुआत की गई है।

अभियान के कदम : बहुत से लोग आज भी बहुत से तरीकों से लडकियों को पीछे रखने की कोशिश करते हैं जिसकी वजह से उन्हें उनका मन चाहा पद या मुकाम नहीं मिल पाता है इसलिए सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, कन्या अत्याचार आदि बहुत से कदम उठाए हैं जिसकी वजह से कन्याओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जाएगा और उन्हें भी जीवन जीने का पूरा अधिकार प्राप्त होगा।

महिलाएं भगवान का वह तोहफा होती हैं जो एक इंसान को हर तरह का दुःख और तकलीफ सहकर भी इस दुनिया में लाती हैं। कन्याओं को बचाने और उनका सम्मान करने के लिए शिक्षा सबसे बड़ी क्रांति होती हैं जिससे कन्याओं को हर क्षेत्र में बराबर के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

उपसंहार : कन्या भ्रूण हत्या एक ऐसी बुराई है जिसने लगभग पूरी दुनिया में अपने पैर पसार लिए हैं और बहुत ही तेजी से फैलती जा रही है। आज के लोग अपनी नई और उच्च तकनीक के द्वारा गर्भ में ही लिंग का परीक्षण करके जन्म से पहले ही लडकियों को गर्भ में ही गर्भपात से मार दिया जाता है।

पहले समय में लोग परिवार में लडकियों को तुच्छ और हीन समझते थे जिसकी वजह से उन्हें जन्म से पहले ही गर्भ में मार दिया जाता था। इसी को प्रथा मानकर आज भी लोग लडकियों को जन्म से पहले ही मार देते हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : भारतीय सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 22 जनवरी, 2015 को एक सरकारी योजना बेटी बचाओ बेटी पढाओ की शुरुआत की थी जिसे भारतीय समाज में लडकियों की दयनीय दशा को देखकर शुरू किया गया था।

आज देश में लडकों की संख्या के अनुपात में लडकियों की संख्या बहुत कम होती जा रही है जो पृथ्वी पर जीवन के लिए खतरा बन सकता है। अगर इन समस्याओं के मुद्दों को जल्दी सुलझाया नहीं गया तो आने वाले कुछ दिनों में धरती पर लडकियों और महिलाओं की मात्रा बहुत कम होगी जिसकी वजह से आने वाली पीढ़ी को खतरा उत्पन्न होगा।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान : बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की शुरुआत भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बुधवार 22 जनवरी, 2015 को हुई थी जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वो सभी अधिकार दिलाना था जिससे उन्हें वंचित रखा जाता है।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के द्वारा बेटियों को कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध से दूर रखकर जन्म दिया जाएगा उन्हें शिक्षित किया जाएगा और उनकी शादी के लिए भी भारत सरकार के द्वारा पैसे उपलब्ध कराए जाएँगे जिससे उनकी शादी की जा सके। इस योजना के द्वारा भारत सरकार गैर कानूनी काम करने वाले लोगों के विरुद्ध सख्त-से-सख्त दंड निर्धारित करेगी।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की शुरुआत : बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना की शुरुआत नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बुधवार 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत से की गई थी। इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य कन्याओं और महिलाओं को शिक्षित करना, उनकी सुरक्षा करना और उनकी शादी आदि में मदद करने के लिए सुविधा उपलब्ध कराना है।

कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध की वजह से लडकों और लडकियों के अनुपात में बहुत अधिक कमी होती जा रही है जिसमें सुधार करने के लिए यह योजना बहुत अधिक सक्रिय रही है।

कन्या अनुपात कमी पर प्रभाव : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2001 की राष्ट्रिय जनगणना के बाद 2011 तक की जनगणना के अनुसार महिलाओं की संख्या के अनुपात में कमी रही थी। सन् 2001 में लडके-लडकियों का अनुपात 932/1000 और सन् 2011 में यह अनुपात 912/1000 तक कम हो गया था।

इस कमी का एक अर्थ निकलता था जिसका मतलब है कि अगर 2011 में यह अनुपात इतना कम हुआ है तो सन् 2021 में यह अनुपात केवल 900/1000 ही रह जाएगा जो बाकि के सालों से बहुत अधिक कम होगा।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान का उद्देश्य : किसी भी तरह से अगर लोगों को महिला के गर्भ में लडकी के होने का पता चल जाता है तो उसे गर्भ में ही मार दिया जाता है लेकिन अगर वह किसी तरह से बच जाती है तो जन्म के बाद उसे बहुत सारे सामाजिक अत्याचारों का सामना करना पड़ता है।

लडकी को उसके अधिकारों से वंचित रखा जाता है जो उसे मिलने चाहिएं। बहुत सारे सामाजिक अत्याचारों को खत्म करने के लिए यह बहुत ही अच्छी योजना साबित हुई है। इस योजना के द्वारा सभी परिवार अपने बेटों के साथ-साथ अपनी बेटियों को भी अपने समान अधिकार प्राप्त होंगे।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की जरुरत : पहले समय में सभी लोग लडको को अधिक और लडकियों को कम सक्षम समझते थे जिसे मुंहतोड़ जबाव देने के लिए सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना की शुरुआत की।

एक लडकी अपने जीवन में बहुत सारे किरदार निभाती है लेकिन अगर उनकी मृत्यु हो जाए या उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जाए तो उनका मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हो पाता है। लडकियों को उनके अधिकारों और उनके प्रति जिम्मेदारियों को समझाने के लिए ही बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना की शुरुआत की गई थी।

उपसंहार : बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य लडकियों की संख्या को सुधारना, सुरक्षा करना, शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन, व्यक्तिगत विकास, पेशेवर विकास आदि में सुधार करना है।

सरकार के द्वारा इस अभियान को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिए इसे राष्ट्रिय अभियान के द्वारा देश के लगभग सौ चुने गए शहरों में लागू किया गया था। इस योजना के द्वारा समस्त संसार में लैंगिक भेदभाव को मिटाकर लडकियों को आर्थिक और सामाजिक दोनों प्रकार से स्वतंत्र करना है।

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