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नागकेसर के फायदे और नुकसान

नागकेसर के फायदे :

1. स्मृति में फायदेमंद : नागकेसर में मस्तिष्क को तेज करने के गुण पाए जाते हैं जिससे स्मृति शक्ति को मजबूत किया जा सकता है इसके लिए आप सबसे पहले नागकेसर, चमेली के फूल, अगर, तगर, कुमकुम और घी को ले लें और इन सभी को मिलाकर लेप तैयार कर लें। अब इस लेप को अपने सिर पर लगाएं इससे आप तेजवान बन सकते हैं।

2. गर्भधारण में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से पोषक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो महिलाओं में गर्भ धारण करने में मदद करता है इसके लिए बहुत से उपाए हैं जो इस प्रकार हैं –

1. आप सबसे पहले नागकेसर का चूर्ण और सुपारी का चूर्ण लें। अब इन दोनों चूर्ण को अच्छी तरह से मिला लें और इसका सेवन करें इससे आपको गर्भ ठहरने में मदद मिलेगी जिससे आपको संतान सुख प्राप्त हो सके।
2. आप सबसे पहले पुत्रजीव वृक्ष की जड़ और देवदारु को समान मात्रा में लें। अब इन दोनों को पीसकर चूर्ण तैयार कर लें और दूध में मिलाकर सेवन करें इससे आपको गर्भ धारण के साथ-साथ पुत्र प्राप्त करने में भी आसानी होगी।
3. आप सबसे पहले माशे नागकेसर, गाय का दूध आदि को लें और मिलाकर इसका सेवन एक सप्ताह तक करें इससे आपको बाँझपन की समस्या से छुटकारा मिलेगा और आप गर्भधारण कर पाएंगे।
4. आप नागकेसर को पीसकर पांच ग्राम चूर्ण लें और उसे काली बकरी के 250 ग्राम दूध में मिलाकर मासिक धर्म के खत्म होने के बाद सुबह के समय प्रतिदिन कम-से-कम एक सप्ताह तक सेवन करें इससे आपको गर्भधारण करने में बहुत आसानी होगी।

3. बवासीर में फायदेमंद : नागकेसर में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो खून बवासीर की समस्या को दूर करने में मदद करता है इसके लिए बहुत से उपाय हैं जो इस प्रकार हैं –

1. आप नागकेसर का चूर्ण, मिश्री और मक्खन लें। अब इन तीनों चीजों को अच्छी तरह से मिलाकर सेवन करें इससे आपको खून बवासीर को दूर करने में मदद मिलेगी।
2. आप सबसे पहले नागकेसर और सुर्मा को एक समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को आधा ग्राम की मात्रा में लें और उसे छः ग्राम की मात्रा के शहद के साथ मिलाकर सेवन करें क्योंकि इससे आपकी सभी प्रकार की बवासीर की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
3. आप सबसे पहले दो या तीन ग्राम की मात्रा में नागकेसर का चूर्ण ले लें और उसे नौ या दस ग्राम की मात्रा में गाय का मक्खन मिलाएं। अब इस मिश्रण का सेवन कर लें इससे आपकी खून अतिसार की समस्या दूर हो जाएगी।
4. आप सबसे पहले नागकेसर को पीसकर चूर्ण तैयार कर लें और इस चूर्ण को मक्खन के साथ मिलाकर सुबह के समय शौच जाने के बाद अपने बवासीर के मस्सों पर लगायें इससे आपकी बवासीर की समस्या ठीक हो जाएगी।
5. अगर आपको खूनी बवासीर की समस्या है तो आप नागकेसर के फूल का चूर्ण मिश्री के साथ मिलाकर बनाए गए चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में लेकर इसमें आधा कप दही के साथ मिलाकर दिन में दो या तीन बार सेवन करें इससे आपको बहुत लाभ प्राप्त होगा।
6. आप सबसे पहले 6 ग्राम नागकेसर के चूर्ण को 10 ग्राम मक्खन और 6 ग्राम मिश्री के साथ मिला लें। अब इस मिश्रण का नियमित रूप से एक सप्ताह तक सेवन करें इससे आपकी खूनी बवासीर की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।

4. खांसी में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो संक्रमण से होने वाली खांसी को कम करते हैं जिससे गले की जकड़न और बैचेनी दूर हो जाती है इसलिए नागकेसर को सेवन करने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं –

1. आप सबसे पहले नागकेसर की जड़ और उसकी छाल दोनों को समान मात्रा में ले लें। अब इन दोनों को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार कर लें और इस काढ़े का सेवन करें इससे आपको खांसी के रोग से छुटकारा मिल जाएगा।
2. अगर आपको अधिक कफ वाली खांसी है तो आप एक या आधा ग्राम नागकेसर लेकर इसे मक्खन और मिश्री में मिला लें। अब इस मिश्रण को दिन में दो बार सुबह और शाम सेवन करने से आपको खांसी में बहुत अधिक फायदा होगा।

5. गुदा पाक में फायदेमंद : नागकेसर में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो गुदा में गए बैक्टीरिया की वजह से गुदा में होने वाली जलन को कम कर देता है इसके लिए आप आधा या एक ग्राम नागकेसर का चूर्ण लेकर इसे मक्खन और मिश्री के साथ मिला लें। अब इस मिश्रण को प्रतिदिन खाने से गुदा द्वार की जलन या प्रदाह को दूर किया जा सकता है।

6. गुदाभ्रंश में फायदेमंद : नागकेसर में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो गुदा की सभी समस्याओं को दूर करके गुदाभ्रंश की समस्या को कम कर देता है इसके लिए आप नागकेसर को एक ग्राम की चौथाई मात्रा में लेकर एक अमरुद के साथ मिलाकर खाएं इससे आपको बहुत लाभ होगा।

7. बांझपन में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से पोषक तत्व और गुण पाए जाते हैं जो बांझपन की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं इसके लिए नागकेसर के सेवन के तरीके इस प्रकार हैं –

1. आप नागकेसर का एक ग्राम चूर्ण लें और उसे दूध के साथ लेने से सभी प्रदर संबंधी रोगों की शिकायत को दूर किया जा सकता है जिससे गर्भाधान में मदद मिलती है और बांझपन की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है।
2. आप सबसे पहले नागकेसर का तेल लें और उससे पुरुषों के द्वारा अपनी शिश्नी पर नियमित रूप से 15-20 दिन मालिश करने से आपको बहुत अधिक लाभ होगा जिससे आप अपनी नपुंसकता की समस्या को दूर कर सकते हैं।

8. हिचकी में फायदेमंद : नागकेसर में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हिचकी की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं इसके सेवन के कुछ तरीके इस प्रकार से हैं –

1. आप सबसे पहले चार ग्राम पिली नागकेसर को दस ग्राम मक्खन और मिश्री के साथ मिलाकर दिन में दो बार सुबह और शाम को सेवन करें इससे आपको हिचकी आनी बंद हो जाएंगी।
2. आप सबसे पहले एक कप में गन्ने का रस लें। अब इस रस में एक चम्मच की मात्रा में नागकेसर के फूलों का चूर्ण मिलाकर सेवन करें इससे आपको हिचकियाँ आनी बंद हो जाएंगी।

9. गर्भपात में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो तीसरे महीने में होने वाली गर्भपात की संभावना को कम कर देता है इसके लिए नागकेसर को सेवन करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं –

1. आप नागकेसर के थोड़े से चूर्ण को मिश्री में मिलाकर दूध के साथ पीने से गर्भपात की संभावना को दूर किया जा सकता है।
2. आप सबसे पहले नागकेसर के फूल, वंशलोचन, मिश्री को एक समान मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार कर लें। अब आप इस चूर्ण में से एक चम्मच की मात्रा में चूर्ण लेकर दिन में दो बार सुबह-शाम इसका सेवन करें इससे आपको बहुत फायदा होगा।

10. मासिक धर्म में फायदेमंद : नागकेसर में एंटी-वायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते जो मासिक धर्म के समय होने वाली जलन और दर्द को दूर करता है इसके लिए कुछ तरीके इस प्रकार हैं –

1. आप सबसे पहले कुछ सामग्री जैसे – नागकेसर, सफेद चंदन, पठानी लोध्र, अशोक वृक्ष की छाल को एक समान मात्रा में लें। अब इसमें से एक चम्मच की मात्रा में चूर्ण लेकर उसे एक एक चम्मच की मात्रा के पानी के साथ सेवन करें इससे आपकी मासिक धर्म के समय होने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
2. आप नागकेसर के फूलों का चूर्ण और मिश्री को समान मात्रा में लेकर अच्छी तरह से मिला लें। अब इस चूर्ण की एक चम्मच की मात्रा को पानी के साथ सुबह-शाम लेने से मासिक धर्म आने से पहले होने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

11. चोट में फायदेमंद : नागकेसर में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-सेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो घाव में पकने से रोककर उसमें होने वाले संक्रमण को दूर करते हैं इसके लिए आप नागकेसर का तेल लें और उसे अपने शरीर के पीड़ा वाले या प्रभावित भाग पर लगायें इससे आपको बहुत आराम होगा और घाव भी जल्दी भर जाएगा।

12. आहार नली में फायदेमंद : नागकेसर में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो गैस्ट्रिक की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं इसके लिए आप नागकेसर की जड़ और छाल को समान मात्रा में लेकर काढ़ा तैयार कर लें और इस काढ़े का दिन में दो या तीन बार सेवन करने से आपको आमाशय की जलन या गैस्ट्रिक की समस्या को दूर किया जा सकता है।

13. प्रदर रोगों में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से विटामिन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो प्रदर से जुड़े सभी रोगों को दूर करते हैं इसके लिए नागकेसर का सेवन बहुत प्रकार से किया जाता है जो इस प्रकार हैं –

1. आप सबसे पहले 40 ग्राम नागकेसर, 30 ग्राम मुलहठी, 30 ग्राम राल, 100 ग्राम मिश्री आदि सामग्री लेकर उन्हें अच्छी तरह कूट-कूटकर चूर्ण तैयार कर लें और इसकी तीन या चार ग्राम की मात्रा का चूर्ण मिश्री में मिलाकर दूध के साथ दिन में दो बार सेवन करें इससे आपकी सभी प्रकार की प्रदर की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
2. आप सबसे पहले नागकेसर का चूर्ण दो या तीन ग्राम की मात्रा में लेकर उसे ताजे पानी या मक्खन और मिश्री के साथ सेवन करें इससे आपको श्वेत प्रदर की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
3. आप सबसे पहले नागकेसर, सफेद चंदन, लोध्र, अशोक की छाल आदि सभी को समान मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार कर लें इसके बाद आप इसके एक ग्राम चूर्ण का दिन में चार बार पानी के साथ सेवन करें इससे आपको बहुत लाभ होगा।
4. आप सबसे पहले नागकेसर के दो या तीन ग्राम चूर्ण को चावलों के धुले हुए पानी के साथ सेवन करें इससे आपको रक्त प्रदर की समस्या में बहुत लाभ होगा।

14. शीतपित्त में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से पोषक तत्व और गुण पाए जाते हैं जो शीतपित्त की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं इसके लिए आप नागकेसर के कम-से-कम पांच ग्राम चूर्ण को शहद के साथ दिन में दो बार सुबह और शाम को सेवन करें इससे आपको बहुत लाभ होगा।

15. नाक रोग में फायदेमंद : नागकेसर की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं जो वायरस या संक्रमण की वजह से होने वाले सर्दी जुकाम को दूर करने में मदद करते हैं इसके लिए नागकेसर का सेवन इस प्रकार कर सकते हैं –

1. आप सबसे पहले नागकेसर की कुछ पत्तियां लेकर लेप तैयार कर लें। लेप तैयार होने के बाद आप इसे अपने सिर पर लगायें इससे आपकी जुकाम की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
2. आप सबसे पहले सिंघाड़े और नागकेसर के फूलों को समान भागों में पीसकर चूर्ण तैयार कर लें। अब इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में दिन में दो या तीन बार लें इससे आपकी नाक से खून आने की समस्या ठीक हो जाएगी।

16. वीर्य रोग में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से पोषक तत्व ओए एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो पुरुषों में वीर्य के रोगों की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं इसके लिए आप नागकेसर के चूर्ण की दो ग्राम की मात्रा को मक्खन के साथ खाएं इससे आपको बहुत अधिक फायदा होगा।

17. गठिया में फायदेमंद : नागकेसर में कैल्शियम, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जिससे गठिया रोग की समस्या को दूर किया जा सकता है इसके लिए नागकेसर के सेवन इस प्रकार हैं –

1. आप सबसे पहले नागकेसर का तेल लें और उसे अपने शरीर के जोड़ों के उस भाग पर लगाएं जिस भाग के जोड़ों में दर्द हो रहा है इसके अतिरिक्त अगर आप चाहें तो आप इस तेल से अपने जोड़ों पर मालिश भी कर सकते हैं इससे भी आपको बहुत लाभ होगा।
2. आप नागकेसर के बीजों का तेल लेकर उसकी अपने जोड़ों पर मालिश करें इससे जोड़ों में दर्द होने की समस्या के साथ-साथ गठिया रोग को भी कम किया जा सकता है।

18. हैजा में फायदेमंद : नागकेसर में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिससे पेट में बैक्टीरिया की वजह से होने वाली हैजा की समस्या को दूर किया जा सकता है इसके लिए आप सबसे पहले बड़ी इलायची, धान की खील, लौंग, पीला नागकेसर, मेहँदी, बेर की गुठलियों की गिरी, नागरमोथा, सफेद चंदन आदि को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण में पिसी हुई मिश्री मिलाएं इसके बाद इस चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटें इससे आपको बहुत लाभ होगा।

19. खाज-खुजली में फायदेमंद : नागकेसर में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो त्वचा की खाज-खुजली की समस्या को दूर करने में मदद करता है इसके लिए आप पीली नागकेसर के तेल को अपने शरीर के प्रभावित भाग पर लगाएं इससे आपको बहुत लाभ होगा।

20. पाचन क्रिया में फायदेमंद : नागकेसर में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को मजबूत और बेहतर बनाने में मदद करते हैं जिससे कब्ज, गैस और बवासीर जैसी पाचन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। आप सबसे पहले नागकेसर के फूलों के चूर्ण को आधा या एक ग्राम की मात्रा में लेकर इसका सेवन करें इससे आपको बहुत लाभ होगा।

21. अस्थमा में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से पोषक तत्व और गुण पाए जाते हैं जो श्वसन रोग अस्थमा को दूर करने में मदद करते हैं इसके लिए आप नागकेसर के फूलों का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इनके उपयोग से अधिक खांसी, साँस की कमी और सीने में कठोरता का उपचार किया जा सकता है।

22. हाइड्रेशन में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से गुण पाए जाते हैं जो गर्मियों के समय में प्यास लगने या शरीर में पानी की कमी से बहुत अधिक प्यास को शांत करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखने में भी मदद करता है।

23. ह्रदय रोगों में फायदेमंद : नागकेसर ह्रदय के लिए एक टॉनिक के रूप में काम करता है जिससे ह्रदय रोगों को ठीक करने में मदद करता है।

24. तलवों की जलन में फायदेमंद : नागकेसर में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो पैरों में होने वाली जलन को कम करते हैं इसके लिए आप नागकेसर के फूलों का चूर्ण लेकर उसे घी में अच्छी तरह से मिला लें और इस मिश्रण को अपने पैरों पर लगाएं इससे आपको पैरों में जलन की समस्या ठीक हो जाएगी।

25. पसीने में फायदेमंद : नागकेसर में बहुत से पोषक तत्व और गुण पाए जाते हैं जो पसीने की अधिकता को कम करते हैं इसके लिए आप सबसे पहले नागकेसर के फूलों का लेप बनाकर अपने शरीर के प्रभावित भाग पर लगाएं इससे आपको जल्द पसीने के रोग से छुटकारा मिलने में मदद मिलेगी।

26. अतिसार में फायदेमंद : नागकेसर में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं जो अतिसार की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं इसके सेवन के बहुत से तरीके इस प्रकार से हैं –

1. आप सबसे पहले नागकेसर के फूलों का चूर्ण बनाकर तैयार कर लें। अब इस चूर्ण में एक चम्मच की मात्रा में घी मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करें इससे इस रोग से छुटकारा मिल सकता है।
2. आप सबसे पहले नागकेसर के चूर्ण को तीन ग्राम की मात्रा में और इसे दस ग्राम गाय के मक्खन के साथ मिलाकर सेवन करें इससे आपको खूनी अतिसार की समस्या में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होगा।

27. सांप के जहर में फायदेमंद : नागकेसर में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-सेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो सांप के जहर के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं इसके लिए अगर आपको सांप ने काटा है तो आप नागकेसर की पत्तियों का लेप बनाकर उसे शरीर के प्रभावित भाग पर लगायें इससे आपकी दर्द और जलन ठीक हो जाएगी।

नागकेसर के नुकसान :

1. बच्चों के लिए नुकसानदायक : नागकेसर को बच्चों से दूर रखना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

2. गर्भावस्था में नुकसानदायक : गर्भवती महिलाओं को नागकेसर का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।

नागकेसर का सेवन :

1. सुपारी के साथ सेवन : आप नागकेसर के चूर्ण और सुपारी के चूर्ण को मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।

2. देवदारु के साथ सेवन : आप पुत्रजीव वृक्ष की जड़ और देवदारु को समान मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें फिर इस चूर्ण का दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।

3. गाय के दूध के साथ सेवन : आप नागकेसर के चूर्ण को गाय के दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।

4. सुर्मा के साथ सेवन : आप नागकेसर और सुर्मा को समान मात्रा में पीसकर इसके चूर्ण का शहद के साथ सेवन कर सकते हैं।

5. मक्खन के साथ सेवन : आप नागकेसर के चूर्ण को गाय के मक्खन के साथ सेवन कर सकते हैं।

6. मिश्री के साथ सेवन : आप नागकेसर को पीसकर चूर्ण तैयार कर लें और इस चूर्ण का मिश्री और मक्खन के साथ सेवन करें इससे बहुत अधिक लाभ होगा।

7. काढ़े के रूप में सेवन : आप नागकेसर की जड़ और छाल को समान मात्रा में पानी के साथ उबालकर काढ़ा बना लें और इसका सेवन कर लें।

8. दही के साथ सेवन : आप नागकेसर के फूलों का चूर्ण बनाकर इसका दही के साथ सेवन कर सकते हैं।

9. अमरुद के साथ सेवन : आप नागकेसर को अमरुद के साथ मिलाकर खा सकते हैं।

10. दूध के साथ सेवन : आप नागकेसर का चूर्ण लेकर उसे दूध में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।

11. गन्ने के रस के साथ सेवन : आप थोड़े से गन्ने का रस लेकर उसमें नागकेसर के फूलों का चूर्ण मिलाकर सेवन कर सकते हैं।

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