• Home
  • IPO GMP
  • K.G. Classes
  • Hindi Vyakaran
  • हिंदी निबंध
  • Yoga
    • Yoga In Hindi
    • Yoga In English
    • Mantra
    • Chalisa
  • Vocabulary
    • Daily Use Vocabulary
    • Daily Use English Words
    • Vocabulary Words
  • More
    • Blogging
    • Technical Knowledge In Hindi
    • Tongue Twisters
    • Tenses in Hindi and English
    • Hindu Baby Names
      • Hindu Baby Boy Names
      • Hindu Baby Girl Names
    • ADVERTISE HERE
    • Contact Us
    • Learn Spanish

hindimeaning.com

तिल्ली (प्लीहा) बढ़ने के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Enlargement Of Spleen In Hindi

तिल्ली का बढ़ना-(Enlargement Of Spleen In Hindi) :

प्लीहा या तिल्ली (Spleen) एक अंग है जो सभी रीढ़धारी प्राणियों में पाया जाता है।तिल्ली पेट के नीचे वाले भाग में पीछे बाईं तरफ स्थित होती है। यह पेट की सभी ग्रंथियों में बड़ी और नलिकारहित है। तिल्ली का स्वरूप अंडाकार और लंबाई तीन या पांच इंच होती है।

तिल्ली हमारे शरीर के कोमल और भुर-भूरे उतकों का समूह होता है। तिल्ली का रंग लाल होता है। तिल्ली का सबसे मुख्य रोग इसके आकार का बढ़ जाना है। जब कोई व्यक्ति सरसों के साग, उड़द, कुल्थी और भैंस के दूध से बनी दही और खट्टी चीजों का सेवन करता है तो कफ और रक्त दूषित हो जाता है जिससे प्लीहा अपने स्वभाविक आकार से बढ़ जाता है।

प्लीहा के कार्य-(How To Work Spleen In Hindi) :

  • यह गर्भ की प्रारंभिक अवस्था में रक्तकणों का निर्माण करती है, किंतु बाद में यह कार्य अस्थिमज्जा द्वारा होने लगता है। तब यह मुख्यत: कोशिका के रूप में रहती है, जहाँ से रक्तकण संचित होकर रुधिर वाहिनियों में जाते हैं।
  • यहाँ रुधिरकणों का विघटन भी होता है। इसीलिए प्लीहा में लौह की मात्रा अधिक मिलती है।
  • यह प्रोटीन के उपापचय में योग देती है।
  • यह पित्तरंजकों, पित्तारुण तथा पित्तहरित निर्माण करती है।
  • यह पाचकनलिका, विशेषत: रक्तवाहिनियों के कोश का कार्य करती है, क्योंकि भोजन के पाचनकाल में यह संकुचित होकर पाचन के हेतु रुधिर को बाहर भेजती है।
  •  इसमें से एक अन्तःस्राव निकलता है, जो आमाशय ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।
  • यह रक्तनिस्यंदक के रूप में भी कार्य करती है, जिससे रुधिर में प्रविष्ट जीवाणु छनकर वहीं पृथक् हो जाते हैं और श्वेत कणों के जीवाणुभक्षण द्वारा अंदर ही अंदर नष्ट हो जाते हैं।

तिल्ली बढ़ने के कारण-(Enlargement Spleen Causes In Hindi) :

1. मलेरिया से : जब किसी व्यक्ति को मलेरिया होता है तो उससे उसकी तिल्ली भी बढ़ सकती है इसलिए अगर आप मलेरिया से ग्रस्त हैं तो आपकी तिल्ली बढ़ भी सकती है।

2. दूषित वातावरण से : जब भी कोई व्यक्ति दूषित वातावरण में रहता है या अधिक समय तक दूषित वातावरण में रहता है तो हो सकता है कि उसकी तिल्ली के आकार में वृद्धि हो जाए।

3. चिकने पदार्थों से : जब कोई व्यक्ति आवश्यकता से अधिक चिकने पदार्थों का सेवन करते हैं तो हो सकता है कि आपकी तिल्ली बढ़ जाए।

4. सवारी से : जब भी कोई व्यक्ति खाना खाने के बाद सवारी करते हैं तो हो सकता है कि आपके शरीर में तिल्ली का आकार बढ़ जाए।

तिल्ली बढ़ने के लक्षण-(Enlargement Spleen Symptoms In Hindi) :

1. पेट दर्द होना : जब किसी व्यक्ति को तिल्ली के बढने की समस्या हो जाती है तो व्यक्ति को पेट में दर्द की समस्या हो सकती है।

2. खून की कमी होना : प्लीहा की शिकायत होने पर आपके शरीर में खून की कमी ज्यादा हो जाती है जिसकी वजह से चक्कर जैसी समस्या हो जाती है।

3. थकान होना : जब किसी को प्लीहा हो जाता है तो उसे किसी भी छोटे से काम में बहुत थकान महसूस होती है।

4. बार-बार संक्रमण होना : प्लीहा की समस्या होने पर व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पर बहुत प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से वह बार-बार संक्रमण से ग्रस्त हो जाता है।

5. आसानी से रक्तस्त्राव होना : जब किसी व्यक्ति को तिल्ली बढने की समस्या हो जाती है तो उसे आसानी से रक्तस्त्राव होता है।

6. शरीर का रंग बदलना : तिल्ली बढने पर व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती है जिसकी वजह से उसके शरीर का रंग बदल जाता है।

7. जलन होना : जब व्यक्ति को प्लीहा की समस्या होती है तो उसकी छाती में जलन भी हो सकती है।

तिल्ली बढ़ने का इलाज-(Enlargement Spleen Treatment In Hindi) :

1. आम के सेवन से इलाज :

अगर किसी व्यक्ति को तिल्ली या प्लीहा की समस्या है तो आप आम का सेवन कर सकते हैं क्योंकि आम के सेवन से तिल्ली की सूजन और घाव को कम किया जा सकता है।

आप थोडा सा आम का रस लें और उसमें शहद मिला लें और प्रतिदिन तीन सप्ताह तक पीने से तिल्ली की सूजन और घाव ठीक हो जाते हैं। इस दवाई का सेवन करते समय एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि इसके सेवन में खटाई का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. गाजर के सेवन से इलाज :

अगर आपकी तिल्ली बढ़ गई है तो आप गाजर का सेवन कर सकते हैं क्योंकि गाजर का सेवन करने से बढ़ी हुई तिल्ली की समस्या ठीक हो जाती है। आप गाजर के आचार का सेवन करके बढ़ी हुई तिल्ली को कम कर सकते हैं।

3. अजवाइन के सेवन से इलाज :

अगर आपकी तिल्ली बढ़ गयी है तो आप अजवाइन का सेवन कर सकते हैं क्योंकि अजवाइन का सेवन करके आप तिल्ली को कम कर सकते हैं। आप अजवाइन के चूर्ण में आधा ग्राम सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें और इसका भोजन करने के बाद गर्म पानी से कुछ दिन तक सेवन करें इससे आपकी तिल्ली का आकार कम हो जाएगा।

4. गिलोय के सेवन से इलाज :

अगर आप तिल्ली के बढने की समस्या से परेशान हैं तो आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं। आप गिलोय के दो चम्मच रस में थोड़ी सी छोटी पीपल का चूर्ण मिला लें। अब इसमें एक या दो चम्मच शहद मिला लें और इसे चाटें। इस मिश्रण को चाटने से तिल्ली का विकार दूर हो जाता है।

5. अंजीर के सेवन से इलाज :

अगर आप तिल्ली के बढने की समस्या से ग्रस्त हैं तो आप अंजीर का सेवन कर सकते हैं। आप दो अंजीर को जामुन के सिरके में डुबोकर प्रतिदिन सुबह के समय खाएं इससे आपकी तिल्ली की समस्या ठीक हो जाएगी।

6. त्रिफला के सेवन से इलाज :

अगर आपको तिल्ली की समस्या है तो आप त्रिफला का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इससे बने हुए काढ़े का सेवन करके आप बढ़ी हुई तिल्ली को कम कर सकते हैं। आप त्रिफला, सोंठ काली मिर्च, पीपल, सहजन की छाल, दारुहल्दी, कुटकी, गिलोय और पुनर्नवा को समान भाग में और इसका काढ़ा बना लें इससे आपकी तिल्ली की समस्या ठीक हो जाएगी।

7. हरड के सेवन से इलाज :

अगर आपकी तिल्ली बढ़ गई है तो आप हरड का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इससे आपकी तिल्ली बढने की जगह पर कम हो जाएगी। आप गुड और बड़ी हरड के छिलके ले लें और कूट-पीसकर गोलियां बना लें। अब इन गोलियों को दिन में दो बार हलकर गर्म पानी से एक महीने तक सेवन करें इससे आपकी बढ़ी हुई तिल्ली ठीक हो जाएगी।

8. राई के सेवन से इलाज :

अगर आपकी तिल्ली बढ़ गई है तो आप राई का सेवन कर सकते हैं क्योंकि राई जितनी छोटी होती है उसके उतने ही फायदे होते हैं। आप राई के सेवन से अपनी तिल्ली के बढने की समस्या को ठीक कर सकते हैं।

9. मूली के सेवन से इलाज :

तिल्ली के बढने की समस्या होने पर आप मूली का सेवन कर सकते हैं क्योंकि मूली के सेवन से तिल्ली के आकार को कम किया जा सकता है।

आप मूली को चार भागों में काट लें और इसे चीनी मिटटी के बर्तन में रखकर इन पर पिसा हुआ नौसादर छिडककर रात के समय ओस में रख दें और सुबह के समय इनसे निकले हुए पानी का सेवन करें इससे आपकी तिल्ली का आकार कम हो जाएगा।

10. भांगरे के सेवन से इलाज :

अगर आपकी तिल्ली बहुत बढ़ गई है तो आप भांगरे का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसके रस के सेवन से आपकी बढ़ी हुई तिल्ली की समस्या ठीक हो जाएगी। आप भांगरे के रस में थोड़ी सी अजवाइन का चूर्ण मिलाकर पिलाने से आपकी तिल्ली की वृद्धि कम हो जाएगी और आकार भी कम हो जाएगा।

प्लीहा में क्या खाएं-(Eat In Enlargement Spleen In Hindi) :

  • अगर किसी व्यक्ति को प्लीहा की समस्या है तो उसे फालसे, खजूर, बथुआ, छोटी मूली, सहजना, दाख, बकरी का दूध, लाल चावल, पुराने चावल, गाय का दूध, हींग, हरड, परवल, गोमूत्र, बैंगन, केले के फूल, सेंधा नमक, पक्षियों का मांस, शोरबा, नींबू, आम, पपीता, गाजर, अजवाइन, गिलोय, अंजीर, त्रिफला, राई, भांगरे, करेला, बैंगन, सहजन की जड़, कुटकी, अदरक, गुरूच, मदार, जलमाला, धाय, सप्तपर्ण, शरपुंखा, ग्वारपाठा, अलसी, लहसुन, सुहागा, अपराजिता, एरंड, खिचड़ी दलिया, साबूदाना, सेब, अनार, अमरुद, आंवला, नारियल, मौसमी, लौकी, धनिया, ब्रोकली, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, पालक, चुकंदर आदि का सेवन करना चाहिए।

प्लीहा में क्या न खाएं-(Do Not Eat In Enlargement Spleen In Hindi) :

  • जिन लोगों को प्लीहा की समस्या है उन्हें मछली, सूखा साग, सूखा मांस, मैथुन, हल्दी, शराब, चावल, पास्ता, चाय, मैगी, चौमीन, कॉफी, डबलरोटी, बर्गर, जंक फूड, मैदा, सोडा, कोला, एनर्जी ड्रिंक, प्रोसेस्ड फूड आदि से दूर ही रहना चाहिए।

Related posts:

  1. बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Fever In Hindi
  2. Chikungunya – चिकनगुनिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  3. Malaria – मलेरिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Malaria Ke Lakshan
  4. लो ब्लड प्रेशर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Low Blood Pressure (Hypotension) In Hindi
  5. पीलिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Jaundice In Hindi
  6. क्या हैं कैंसर के सभी प्रकार और उनके लक्षण-Cancer Ke Prakar Or Lakshan
  7. अरुचि (ऐनरेक्सिया नर्वोसा) भूख ना लगना के कारण, लक्षण और घरेलू नुस्खे-Anorexia Nervosa In Hindi
  8. उल्टी (जी मिचलाना) और मतली के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Vomoting In Hindi
  9. हेपेटाइटिस (यकृत शोथ) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Hepatitis In Hindi
  10. हेपेटाइटिस ई के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Hepatitis E In Hindi
  11. हैजा (कॉलरा) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Cholera Disease In Hindi
  12. हृदय रोग के लक्षण-Heart Disease Symptoms In Hindi
  13. आमवात ज्वर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Rheumatic Fever In Hindi
  14. कमर दर्द (पीठ दर्द) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Low Back Pain In Hindi
  15. कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Frozen Shoulder In Hindi
  16. नाड़ी शोध (न्युरैटिस) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Neuritis In Hindi
  17. वर्टिगो (सिर चकराना) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Vertigo In Hindi
  18. अस्थि के रोग-Diseases of Osteology In Hindi
  19. अंत: स्त्रावी ग्रंथियों के रोग-Diseases Of The Endocrine Glands In Hindi
  20. त्वचा के रोग-Diseases of Dermatology In Hindi

Popular Posts

  • List of 3 forms of Verbs in English and Hindi – English Verb Forms
  • Hindi numbers 1 To 100 – Counting In Hindi – Hindi Ginti
  • ज़िन्दगी के मायने समझाते 300+ अनमोल विचार-Life Quotes In Hindi
  • Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)
  • Flower Names in Hindi and English फूलों के नाम List of Flowers
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध-Importance Of Hard Work Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • Hindi Numbers 1 to 50
  • Human Body Parts Names in English and Hindi – List of Body Parts मानव शरीर के अंगों के नाम
  • Vegetables Name In Hindi and English सब्जियों के नाम List of Vegetables a-z with details

More Related Content

  • सर्दी-जुकाम (नजला) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Common Cold In Hindi
  • शुगर (मधुमेह) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Diabetes In Hindi
  • खांसी के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Home Remedies For Cough In Hindi
  • कैंसर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Cancer In Hindi
  • बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Fever In Hindi
  • दस्त (डायरिया,लूस मोशन) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Diarrhoea/Loose Motion In Hindi
  • बवासीर (अर्श) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Piles (Hemorrhoids) In Hindi
  • Bawasir Ke Lakshan
  • Anemia In Hindi-लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Anemia Treatment In Hindi
  • Chikungunya – चिकनगुनिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • Chikungunya Ke Lakshan
  • Malaria – मलेरिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Malaria Ke Lakshan
  • Headache In Hindi-सिर दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे क्या खाएं क्या नहीं खाएं-sar dard ki dawa
  • पेट में गैस के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Gas Problem In Hindi
  • उच्च रक्तचाप के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-High Blood Pressure (Hypertension) In Hindi
  • कब्ज के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Constipation In Hindi
  • लो ब्लड प्रेशर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Low Blood Pressure (Hypotension) In Hindi
  • Asthma Treatment In Hindi
  • Hiv Aids In Hindi – Aids Ka Gharelu Upchar
  • Hiv ke lakshan
  • Migraine ka ilaj
  • Height Kaise Badhaye-लम्बाई कैसे बढायें
  • बिमारियों से कैसे बचें
  • Home Remedies – जानिए कुछ घरेलु उपचार
  • लू लगने के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • Cholesterol Control Diet In Hindi-कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसे कैसे कंट्रोल करें
  • Arthritis-गठिया रोग के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • पीलिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Jaundice In Hindi
  • Long Hair Tips In Hindi-बाल झड़ने के कारण और बाल घने, लंबे और काला करने के तरीके-Hair Fall Treatment In Hindi
  • Malaria Ke Lakshan-मलेरिया के लक्षण
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • >>

Copyright © 2025 · Hindimeaning.com · Contact · Privacy · Disclaimer