• Home
  • IPO GMP
  • K.G. Classes
  • Hindi Vyakaran
  • हिंदी निबंध
  • Yoga
    • Yoga In Hindi
    • Yoga In English
    • Mantra
    • Chalisa
  • Vocabulary
    • Daily Use Vocabulary
    • Daily Use English Words
    • Vocabulary Words
  • More
    • Blogging
    • Technical Knowledge In Hindi
    • Tongue Twisters
    • Tenses in Hindi and English
    • Hindu Baby Names
      • Hindu Baby Boy Names
      • Hindu Baby Girl Names
    • ADVERTISE HERE
    • Contact Us
    • Learn Spanish

hindimeaning.com

पीलिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Jaundice In Hindi

पीलिया-(Jaundice In Hindi) :

जब किसी व्यक्ति के खून में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है तो उस व्यक्ति की त्वचा, नाखून और आँखें सफेद भाग से पीले हो जाते हैं इसी को पीलिया कहा जाता है। पीलिया को जोंडिस भी कहा जाता है। यह रोग बहुत ही सूक्ष्‍म विषाणु (वाइरस) से होता है। जब इसका स्तर 1.0 प्रतिशत से कम होता है।

तब इस रोग का पता नहीं चलता पर जब इसका स्तर 2.5 प्रतिशत से ऊपर बढ़ता है तब इसके लक्षण उभरकर सामने आते हैं। और यह रोग नन्हें-नन्हें बच्चों से लेकर 80 साल तक के बूढ़ों में उत्पन्न हो सकता है। पीलिया लीवर से सम्बंधित रोग है। जब पीलिया का स्तर बहुत बढ़ जाता है तब ये सीधा लीवर पर प्रभाव डालता है और लीवर को ख़राब कर देता हैं।

पीलिया के प्रकार-(Types of Jaundice In Hindi) :

1. हेपेटोकेल्युलर पीलिया : यकृत रोग या चोट के परिणामस्वरूप होता है।

2. हेमोलाइटिक पीलिया : हेमोलाइटिक पीलिया हेमोलाइसिस के परिणामस्वरूप होता है, या लाल रक्त कोशिकाओं के त्वरित टूटने से होता है, जिससे बिलीरुबिन के उत्पादन में वृद्धि होती है।

3. ऑब्सट्रक्टिव पीलिया : पित्त नली में बाधा के परिणामस्वरूप ऑब्सट्रक्टिव पीलिया होता है।

पीलिया और हेपेटाइटिस-(Jaundice and Hepatitis In Hindi) :

कुछ लोग कहते हैं पीलिया की वजह से हेपेटाइटिस रोग होता है। बल्कि ऐसा कुछ भी नहीं हम इस बारे मैं कुछ भी नहीं कह सकते हैं क्यूंकि पीलिया एक लक्षण होता है। जबकि हेपेटाइटिस B एक एक लीवर कि होने वाली बिमारी है। जो एक वायरस की वजह से होती है।

लिवर की अन्य बीमारियों और जेनेटिक कारण भी खून में बिलिरुबिन के स्तर में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं। हेपेटाइटिस या लिवर में जलन-सूजन पांच अलग-अलग तरह के वायरस की वजह से हो सकती है जिन्हें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी या ई कहा जाता है। वायरल हेपेटाइटिस सबसे ज्यादा संक्रमित भी होता है।

पीलिया के लक्षण-(Symptoms of Jaundice In Hindi)

1. बिलीरुबिन बढना : जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है तो उसकी त्वचा, नाखून और आँख का सफेद हिस्सा बहुत तेजी से पीला होने लगता है और गहरे पीले रंग का हो जाता है।

2. बुखार आना : पीलिया रोग होने पर व्यक्ति के शरीर का तापमान कभी धीरे-धीरे बढ़ता है तो कभी एक साथ बढ़ जाता है जिससे उसे बुखार की समस्या हो जाती है।

3. उल्टियाँ होना : जिस व्यक्ति को पीलिया रोग होता है उस व्यक्ति का लीवर कमजोर हो जाता है क्योंकि पीलिया रोग लीवर पर असर डालता है जिसकी वजह से उसे उल्टियाँ भी हो जाती हैं।

4. पेट दर्द होना : जिस व्यक्ति को पीलिया हुए लंबा समय हो जाता है उस व्यक्ति का लीवर खराब हो जाता है जिसकी वजह से उसे पेट दर्द होने लगता है।

5. भूख न लगना : पीलिया के होने पर व्यक्ति इतना कमजोर हो जाता है कि जब वह कुछ अधिक खा लेता है तो उसे चक्कर आने लगते हैं जिसकी वजह से उसे भोजन से अरुचि हो जाती है और कुछ भी खाने का या पीने का मन नहीं करता।

6. पाचन न होना : पीलिया रोग लीवर को बहुत अधिक प्रभावित करता है जिसकी वजह से रोगी की पाचन क्रिया बहुत अधिक धीमी हो जाती है जिससे रोगी के द्वारा खाया हुआ भोजन पच नहीं पाता है।

7. वजन घटना : जिस व्यक्ति को पीलिया रोग हो जाता है उस व्यक्ति के शरीर में खून भी पानी बनने लगता है जिसकी वजह से उसे कमजोरी हो जाती है और इसीलिए रोगी का वजन भी घट जाता है।

8. पीला मूत्र आना : जब किसी व्यक्ति का मूत्र सफेद की जगह पर गहरा हल्दी के रंग जैसा पीला मूत्र आए तो उस व्यक्ति को पीलिया रोग हो सकता है।

9. थकान होना : रोगी इतना कमजोर हो जाता है कि उसे किसी भी काम को करने में इतनी अधिक थकान होती है कि उसके शरीर में दर्द होने लगता है।

10. त्वचा का रंग पीला होना : जब किसी व्यक्ति की त्वचा का रंग भूरे की जगह पर धीरे-धीरे पीला होने लगता है तो उस व्यक्ति को पीलिया होने की संभावना हो सकती है।

11. सिरदर्द होना : जब रोगी को पीलिया हो जाता है तो उसे बैचेनी होने लगती है और सर में भी दर्द रहने लगता है।

12. जोड़ों में दर्द : हमारी हड्डियों को मजबूत रहने के लिए कैल्शियम और आयरन की जरुरत होती है जो पीलिया रोग के पूरा होने पर नहीं मिल पाती है जिसकी वजह से रोगी को जोड़ो में दर्द होने लगता है।

13. खुजली होना : रक्त के खून में बदलने की प्रिक्रिया की वजह से रोगी की नसों में कभी-कभी कीटाणु भी चले जाते हैं जिसकी वजह से उसे खुजली होने लगी है और शरीर पर निशान भी बन जाते हैं।

यह भी पढ़ें :- Arthritis In Hindi , Grapes Benefits In Hindi

पीलिया के कारण-(Jaundice Causes In Hindi):

1. हेपेटाइटिस से : जब किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस की समस्या होती है तो उस व्यक्ति को पीलिया होना बहुत ही आम बात होती है क्योंकि हेपेटाइटिस रोग में पीलिया होना पहला चरण होता है क्योंकि यह लीवर को प्रभावित करता है जो हेपेटाइटिस में होता है।

2. पैंक्रियास के कैंसर से : जब किसी व्यक्ति को पैंक्रियास के कैंसर की समस्या हो जाती है तो हो सकता है कि उसे पीलिया रोग भी हो जाए।

3. बाइल डक्ट के बंद होने से : जब किसी व्यक्ति की बाइल डक्ट बंद हो जाती है तो उस व्यक्ति को पीलिया रोग होने का खतरा रहता है।

4. लीवर की समस्या से : जब आपका लीवर ठीक से काम न करे, लीवर में वृद्धि हो, या पाचन क्रिया ठीक से काम ने करें या लीवर की कोई भी समस्या हो जाए तो आपको पीलिया होने की समस्या का खतरा अधिक होता है।

5. दूषित वस्तुओं से : जब व्यक्ति खुला हुआ बाजार का अस्वच्छ और दूषित भोजन का सेवन करता है तो उसके शरीर में बहुत से रोगों के कीटाणु प्रवेश कर जाते हैं जिसकी वजह से भी आपको पीलिया रोग होने की संभावना हो सकती है।

6. दवाईयों से : आपने अक्सर देखा होगा कि लोग छोटे-छोटे दर्द होने पर भी दवाईयों का सेवन करते हैं तो उन दवाईयों में से कुछ ऐसी दवाईयां होती हैं जिनका बुरा प्रभाव आपके लीवर पर पड़ता है जिसकी वजह से आपका लीवर ठीक से काम नहीं करता है तो हो सकता है कि आपको पीलिया रोग हो जाए।

7. इंफेक्शन से : आज के समय प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ गया है जिसकी वजह से लोगों को तरह-तरह के रोग होते रहते हैं। अगर आपके शरीर में पीलिया के कीटाणु प्रवेश कर जाते हैं तो रोगी को पीलिया रोग हो जाता है।

8. लीवर की कमजोरी से : लीवर पर इंफेक्शन आने से या सूजन आने की वजह से लीवर कमजोर हो जाता है ऐसे में लीवर से संबंधित समस्याएं होना आम बात होती है जिसमें से एक पीलिया को माना जाता है।

9. खून की कमी से : पीलिया रोग होने पर व्यक्ति के शरीर का खून पानी में बदल जाता है जिसकी वजह से खून की कमी हो जाती है। जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती है तो उसका शरीर पीला पड़ने लगता है जिसकी वजह से भी पीलिया रोग हो सकता है।

10. दूषित पानी से : आपने अक्सर देखा होगा कि लोग पानी की यात्रा करने जाते हैं या पानी के आस-पास बैठकर या किसी वजह से पानी के पास जाते हैं और उसमें कुछ-न-कुछ गेर देते हैं जिसकी वजह से पानी दूषित हो जाता है और वही पानी हमारे पास पहुंचता है और हम उस पानी को पीने से बीमार हो जाते हैं जिसकी वजह से भी पीलिया रोग हो सकता है।

11. शराब से : जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक शराब का सेवन करता है तो उसका लीवर खराब हो जाता है जिसकी वजह से भी उस व्यक्ति को पीलिया रग हो सकता है।

पीलिया का आयुर्वेदिक इलाज-(Jaundice Treatment In Hindi) :

1. चूने से पीलिया का इलाज-(Jaundice Treatment With Chuna) :

चूने का सेवन पीलिया में बहुत ही फायदेमंद होता है ये वही चुना है जिसे आप पान में लगाकर खाते हैं। इस चूने से पीलिया रोग एक दम ठीक हो जाता है। आपको थोडा-सा चूना गेंहूँ के दाने के बराबर लेना है और एक गिलास ताजे गन्ने के रश मैं मिलाकर पीना है इससे आपके पीलिया का स्तर 20-25 दिन मैं ही घट जाएगा। ये चूने आपको पान वाले की दुकान पर मिल जाएगा।

नोट :- जो व्यक्ति पथरी के रोगी हैं उन्हें ये चुना भूलकर भी नहीं लेना चाहिए क्यूंकि फिर आगे रोगी को बहुत परेसानी आती है।

2. मूली के रश से पीलिया का इलाज-(Jaundice Treatment With Radish juice) :

यह दवाई भी पीलिया रोग मैं बहुत फायदेमंद होती है करना क्या है की आपको सुबह-सुबह 50 ग्राम मूली का रश और थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीना है इससे आपके पलिया में बहुत जल्द फायदा होगा।

3. गिलोय चूर्ण से पीलिया का उपचार-(Jaundice treatment With Giloy Powder) :

गिलोय चूर्ण भी पीलिया रोग मैं बहुत फायदेमंद होता है। करना क्या है कि आपको गिलोय चूर्ण में थोडा सा काली मिर्च का चूर्ण मिलाना है और फिर थोड़े से शहद के साथ चाटना है इससे भी पीलिया रोग मैं बहुत जल्द आराम होता है। – गिलोय के फायदे

4. टमाटर से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Tamato) :

एक गिलास टमाटर के जूस में चुटकी भर काली मिर्च और नमक मिलाकर पीने से पीलिया रोग जल्द ही ठीक हो जाता है। और यह जूस आपको सुबह के समय लेना है।

5. प्याज के सेवन से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Onion) :

जिन लोगों को पीलिया की समस्या होती है उन्हें प्याज का सेवन करना चाहिए क्योंकि पीलिया में प्याज का सेवन बहुत अधिक लाभकारी होता है। आप एक प्याज को छील लें और उसे छोटे-छोटे बारीक टुकड़ों में काट लें।

अब इन प्याज के टुकड़ों में पीसी हुई काली मिर्च का छिडकाव करें और साथ में थोडा सा काला नमक भी मिलाएं। अब इस घोल में नींबू का रस डालकर प्रतिदिन दिन में दो बार ग्रहण करें क्योंकि ऐसा करने से आपकी पीलिया की समस्या ठीक हो जाएगी।

6. गन्ने के रस के सेवन से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Sugercane Juice) :

जिन लोगों को पीलिया रोग हो जाता है उनके लिए गन्ने का रस बहुत लाभदायक होता है क्योंकि गन्ने के रस में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो पीलिया को कम करने में मदद करते हैं। आप गन्ने के रस से पीलिया से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन गन्ने कके रस का सेवन करने से पहले यह जरुर देख लें कि वह स्वच्छ और साफ है या नहीं।

7. लहसुन के सेवन से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Garlic) :

अगर आप पीलिया की समस्या से परेशान हैं तो आप लहसुन का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इससे लीवर को भी मजबूत किया जा सकता है। आप लहसुन की दो या तीन कलियों को छील लें और उन्हें पीसकर दूध के साथ सेवन करें क्योंकि इससे आपकी पीलिया की समस्या ठीक हो जाएगी। इसके सेवन से आपके लीवर को भी मजबूती मिलेगी।

8. चने की दाल के सेवन से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Bengal gram lentil) :

अगर आप पीलिया की समस्या से परेशान हैं तो आप चने की दाल का सेवन कर सकते हैं क्योंकि चने की दाल में ऐसे गुण होते हैं जो पीलिया को ठीक करते हैं। आप चने की दाल को लेकर उसे रात के समय पानी में भिगोकर रख दें और सुबह होने पर उसे पानी से निकाल लें। अब इस दाल को गुड के साथ खाएं इससे आपकी पीलिया की समस्या ठीक हो जाएगी और आपके लीवर को भी मजबूती मिलेगी।

9. धनिया के सेवन से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Coriander)

अगर आपको पीलिया है तो आप धनिया के कुछ बीज लें। अब इन बीजों को रात के समय पानी में भिगो दें। जब सुबह हो जाये तो उन बीजों को पानी से बाहर निकाल लें और खा लें। ऐसा करने से आपकी पीलिया की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी। – धनिये (Dhaniya) के फायदे और नुकसान

10. छाछ के सेवन से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Mathha) :

पीलिया रोग शरीर में खून की कमी की वजह से भी हो जाता है अगर आपको भी यह समस्या है तो आप छाछ का सेवन करें क्योंकि छाछ में आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए यह पीलिया रोग को कम करने में मदद करती है। आप छाछ के नियमित रूप से सेवन से पीलिया की समस्या को दूर कर सकते हैं।

9. नींबू के सेवन से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Lemon Juice) :

अगर आपको या आपके आस-पास किसी को पीलिया की समस्या है तो आप नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं क्योंकि यह पीलिया को खत्म करने में मदद करता है। आप नींबू के रस को दिन में दो या तीन बार सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं आप चाहें तो नींबू की शिकंजी बनाकर भी पी सकते हैं इससे भी आपको बहुत लाभ होगा।

10. दही के सेवन से पीलिया का इलाज-(Jaundice treatment With Curd) :

पीलिया रोग होने पर आप दही का सेवन लकर सकते हैं क्योंकि दही में पीलिया के रोग से पड़ने वाले गुण होते हैं ओ पीलिया से लड़कर उसे दूर कर देते हैं इसके अतिरिक्त दही में बैक्टीरिया पाया जाता है जो पीलिया को और फैलने से रोकता है। आप दही के सेवन से पीलिया रोग को कम कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें :- loose motion in hindi , bukhar ka ilaj

पीलिया से बचाव के उपाय-(Prevention of Jaundice In Hindi) :

  • रोगी को पीलिया होने पर स्वस्थ खान-पान की बहुत आवश्यकता होती है और साथ ही साथ हलकीफुलकी एक्सरसाइज की भी। इसलिए जितना हो सके हल्का खाना खाना चाहिए और हल्की एक्सरसाइज भी करनी चाहिए।
  • रोगी को भारी खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसे पचाने में बहुत अधिक मेहनत लगती है।
  • रोगी को चिकनाई युक्त भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें वसा की बहुत अधिक मात्रा पाई जाती है।
  • लोगों को खाना परोसने, खाना बनाने, शौच जाने के बाद हाथों को साफ और अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
  • रोगी को ताजा और शुद्ध भोजन करने के लिए देना चाहिए गलती से भी सडा या बासी भोजन नहीं देना चाहिए।
  • रोगी को खाने के लिए या आस-पास गंदा, सड़ा, गला भोजन नहीं रखना चाहिए या देना चाहिए।
  • जो लोग खून देते हैं उन्हें स्वस्थ और साफ रहना चाहिए।
  • किसी भी अनजान के साथ यौन संबंध स्थापित नहीं करने चाहिए।
  • जिस मिठाई पर मधुमख्खी या मख्खी बैठी हुई होती हैं उस मिठाई का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • किसी दुसरे के use हुई सीरिंज व् ब्लेड को पर्योग में न लें।
  • सुबह-सुबह कपालभाती और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें अगर आप इन प्रनायामो को करेंगे तो ये उपचार बहुत जल्द फायदा करेंगे।
  • ताजा व शुद्व गर्म भोजन करें दूध व पानी उबाल कर पीएं।

पीलिया में क्या खाएं-(Eat In Jaundice In Hindi) :

  • जिन लोगों को पीलिया की समस्या हो जाती है उन्हें संतरा, नींबू, नाशपाती, अंगूर, गाजर, चुकंदर, आंवला, दलिया, पपीता, सेवफल, नारियल पानी, पालक, मेथी, गेंहूँ, छाछ, घी, तेल, मक्खन, मलाई, जैतून का तेल, काली मिर्च, चावल, थूली, उबले आलू, शकरगंदी, चीनी, ग्लूकोज, बीटरूट, गुड, चीकू, मूली, किशमिश, बादाम, इलायची, जौ, धनिया, गन्ने का रस, गोभी, आंवला, शहद, तरबूज, खिचड़ी, बाजरा, खीर, बार्ली, मूंग, मसूर, अरहर, दूध, शहद, लौकी, करेला, पुदीना, फूल गोभी, पालक, परवल, लहसुन, तुलसी, चुकंदर, अनानास, खजूर, आडू, संतरा, सिंघाड़ा, खरबूज, आदि का सेवन करना चाहिए।

पीलिया में क्या न खाएं-(Do Not Eat In Jaundice In Hindi) :

  • जिन लोगों को पीलिया की समस्या होती है उन्हें गर्म पदार्थ, मसालेदार, मैदा, मिठाईयां, शराब, खोया, फास्टफूड, नमकीन, सिगरेट, तंबाकू, उड़द की दाल, दही, सोडा, सफेद ब्रेड, पास्ता, मछली, केला, केफेन, नमक, आचार, मुरब्बा, चटनी, रबड़ी, खोया, पिज्जा, बर्गर, मैगी, चाउमीन, पानी-पूरी, टिक्की, कचालू, अरवी, राई, हींग, गुड, चाय, कोल्डड्रिंक, पेप्सी, कोला, पान, तंबाकू, गुटका, कॉफी, तला हुआ खाना, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

Related posts:

  1. कैंसर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Cancer In Hindi
  2. बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Fever In Hindi
  3. Chikungunya Ke Lakshan
  4. Headache In Hindi-सिर दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे क्या खाएं क्या नहीं खाएं-sar dard ki dawa
  5. उल्टी (जी मिचलाना) और मतली के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Vomoting In Hindi
  6. तिल्ली (प्लीहा) बढ़ने के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Enlargement Of Spleen In Hindi
  7. हैजा (कॉलरा) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Cholera Disease In Hindi
  8. आमवात ज्वर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Rheumatic Fever In Hindi
  9. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (श्वास नलियों की जीर्ण सूजन) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Chronic Bronchitis In Hindi
  10. कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Frozen Shoulder In Hindi
  11. पाचन संस्थान के रोग-Diseases Of Digestive System In Hindi
  12. रक्त सम्बन्धी रोग-Diseases Of The Hematopoietic System in Hindi
  13. विष रोग चिकित्सा-Diseases of Toxicology In Hindi
  14. अनिद्रा (इनसोम्निया) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Insomnia In Hindi
  15. हिस्टीरिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Hysteria In Hindi
  16. Malaria Ke Lakshan-मलेरिया के लक्षण
  17. हेपेटाइटिस बी के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Hepatitis B In Hindi
  18. हेपेटाइटिस डी के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Hepatitis D In Hindi
  19. टॉन्सिल में मवाद पड़ने के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Peritonsillar Abscess In Hindi
  20. फुफ्फुसावरण शोध के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Pleurisy In Hindi

Popular Posts

  • List of 3 forms of Verbs in English and Hindi – English Verb Forms
  • Hindi numbers 1 To 100 – Counting In Hindi – Hindi Ginti
  • ज़िन्दगी के मायने समझाते 300+ अनमोल विचार-Life Quotes In Hindi
  • Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)
  • Flower Names in Hindi and English फूलों के नाम List of Flowers
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध-Importance Of Hard Work Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • Hindi Numbers 1 to 50
  • Human Body Parts Names in English and Hindi – List of Body Parts मानव शरीर के अंगों के नाम
  • Vegetables Name In Hindi and English सब्जियों के नाम List of Vegetables a-z with details

More Related Content

  • सर्दी-जुकाम (नजला) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Common Cold In Hindi
  • शुगर (मधुमेह) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Diabetes In Hindi
  • खांसी के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Home Remedies For Cough In Hindi
  • कैंसर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Cancer In Hindi
  • बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Fever In Hindi
  • दस्त (डायरिया,लूस मोशन) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Diarrhoea/Loose Motion In Hindi
  • बवासीर (अर्श) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Piles (Hemorrhoids) In Hindi
  • Bawasir Ke Lakshan
  • Anemia In Hindi-लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Anemia Treatment In Hindi
  • Chikungunya – चिकनगुनिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • Chikungunya Ke Lakshan
  • Malaria – मलेरिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Malaria Ke Lakshan
  • Headache In Hindi-सिर दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे क्या खाएं क्या नहीं खाएं-sar dard ki dawa
  • पेट में गैस के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Gas Problem In Hindi
  • उच्च रक्तचाप के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-High Blood Pressure (Hypertension) In Hindi
  • कब्ज के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Constipation In Hindi
  • लो ब्लड प्रेशर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Low Blood Pressure (Hypotension) In Hindi
  • Asthma Treatment In Hindi
  • Hiv Aids In Hindi – Aids Ka Gharelu Upchar
  • Hiv ke lakshan
  • Migraine ka ilaj
  • Height Kaise Badhaye-लम्बाई कैसे बढायें
  • बिमारियों से कैसे बचें
  • Home Remedies – जानिए कुछ घरेलु उपचार
  • लू लगने के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • Cholesterol Control Diet In Hindi-कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसे कैसे कंट्रोल करें
  • Arthritis-गठिया रोग के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • पीलिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Jaundice In Hindi
  • Long Hair Tips In Hindi-बाल झड़ने के कारण और बाल घने, लंबे और काला करने के तरीके-Hair Fall Treatment In Hindi
  • Malaria Ke Lakshan-मलेरिया के लक्षण
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • >>

Copyright © 2025 · Hindimeaning.com · Contact · Privacy · Disclaimer