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हृदय रोग के लक्षण-Heart Disease Symptoms In Hindi

ह्रदय रोगों में बहुत सी स्थितियां शामिल होती हैं जो हमारे ह्रदय को प्रभावित करते हैं।

हार्ट अटैक के लक्षण-Symptoms of Heart Attack In Hindi

  • हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे

1. उल्टियाँ होना : जब किसी व्यक्ति को दिल का दौरा या हार्ट अटैक की समस्या होने वाली होती है तो उसके शुरुआती चरण में रोगी को सबसे पहले उल्टियाँ होती हैं।

2. सीने में दर्द : व्यक्ति को हार्ट अटैक की समस्या होने पर अपने सीने में असहनीय दर्द के साथ-साथ उसके हाथों, उँगलियों, कंधों, गर्दन में और पीठ में भी असहनीय दर्द होता है जिसे वह सहन नहीं कर पता है और जब इसका समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। जानिये : छाती में दर्द होने पर इलाज 

3. साँस फूलना : जब किसी व्यक्ति के छाती में दर्द उठता है तो वह दर्द समय के साथ बहुत तेज होता चला जाता है जिसके कारण व्यक्ति के पुरे शरीर में दर्द होना शुरू हो जाता है और उसे ऐसा लगता है जैसे उसके सीने पर या शरीर पर कोई भरी वास्तु रख दी गई हो ऐसी स्थिति में उसे साँस लेने में कठिनाई होती है और उसका साँस फूलने लगता है।

4. चक्कर आना : रोगी की छाती में दर्द उठने की वजह से उसका मन शांत नहीं रह पाता है जिसकी वजह से वह अनेक तरह के विचारों को अपने मन में घर करने देता है और उसे थकन महसूस होने लगती है। रोगी को बीमारी की वजह से बहुत अधिक पसीना आने लगता है।

5. मानसिक विकार होना : जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक चिंता, भय, तनाव आदि मानसिक विकारों से ग्रस्त रहता है तो उस व्यक्ति को बहुत अधिक मुश्किलों से गुजरना पड़ता है जिसमें उसे घबराहट और तनाव की वजह से होने वाले हार्ट अटैक की समस्या भी सकती है।


आमवात ज्वर के लक्षण-Fever Symptoms In Hindi

  • आमवात ज्वर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे

1. साँस फूलना : कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति की लेटने पर या व्यायाम करने पर उसकी सांसे फूलने लगती हैं जिसकी वजह से उसे अपने श्वसन संबंधी समस्या होने का खतरा रहता है लेकिन यह समस्या आमवात ज्वर में भी हो जाती है।

2. बुखार आना : अगर किसी व्यक्ति को किसी तरह का संक्रमण हो जाता है तो वह उसके पूरे शरीर को संक्रमित कर देता है जिसकी वजह से भी उस व्यक्ति को आमवात ज्वर या बुखार आने की समस्या हो सकती है।

  • यह भी पढ़ें : बुखार का रामबाण इलाज

3. नींद से जागना : जब किसी व्यक्ति को आमवात ज्वर की समस्या होती है तो वह व्यक्ति अचानक नींद से जाग जाता है और खड़ा होने या बैठने के मन करता है जो आमवात ज्वर के लक्षणों में से एक हो सकता है।

4. सूजन आना : कभी-कभी होता है कि व्यक्ति को उसकी त्वचा में गांठें बनने लगती हैं और उसके चेहरे के साथ-साथ पैरों पर भी सूजन आ जाती है जो आमवात ज्वर की वजह से हो सकता है क्योंकि ये सभी इसके लक्षण होते हैं। जानिए : शरीर पर होने वाली सूजन का इलाज

5. थकान होना : अगर किसी व्यक्ति को बहुत अधिक थकन होती है जिसकी वजह से उसे कमजोरी और बेहोशी की समस्या भी हो जाती है तो हो सकता है कि उस व्यक्ति को आमवात ज्वर की समस्या हो गई हो।

6. धडकन बढना : जब किसी व्यक्ति को यह समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति को घबराहट होने लगती है जिसकी वजह से उसके दिल की धडकनें तेज हो जाती हैं जो आमवात ज्वर का ही एक लक्षण भी हो सकता है।


उच्च रक्तदाब के लक्षण-Symptoms of Hypertension In Hindi

  • उच्च रक्तचाप के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे

1. साँस लेने में तकलीफ होना : जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून का प्रवाह बहुत अधिक तेज हो जाता है तो उस व्यक्ति को साँस लेने में कठिनाई होती है और उस व्यक्ति की सांसे फूलने लगती है। रोगी को चक्कर आने लगता है और बेचैनी भी होती रहती है।

2. सिर दर्द होना : रोगी के शरीर में खून का परवह तेज हो जाता है जिसकी वजह से रोगी के शरीर में खून तेजी से दौड़ने लगता है जो हमारे मस्तिष्क या सिर की कोमल नसों को नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से सिर में दर्द की समस्या हो जाती है जो उच्च रक्तचाप के लक्षणों में से एक होता है।

  • Also Read : Sir Me Dard Ka Ilaj

3. नाक से खून बहना : जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून का प्रवाह तेज होता है तो उस व्यक्ति को बहुत सी बीमारियाँ घेर लेती हैं जिनमें से एक होती है नकसीर। इस स्थिति में रोगी की नाक से खून बहने लगता है और तब तक बहता है जब तक उसे रोका नहीं जाता या उसके लिए कोई उपाय नहीं किया जाता।

4. छाती में दर्द रहना : रोगी को छाती में दर्द के साथ असहनीय पीड़ा होती है जिसकी वजह से उस व्यक्ति की साँस फूलने लगती है और उसे साँस लेने में बहुत कठिनाई महसूस होती है। रोगी की छाती में हल्का-हल्का दर्द रहने लगता है।

5. आँखें कमजोर होना : जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून का प्रवाह बहुत अधिक तेज हो जाता है तो यह प्रवाह तेज गति से पूरे शरीर में गति करता है जिसमें हमारे आँखें भी आती हैं। जब रक्त तेज प्रवाह के साथ हमारी आँखों की कोमल नसों में जाता है तो इससे हमारी आँखों को नुकसान पहुंचता जिससे हमारी आँखें कमजोर हो जाती हैं।

6. नींद न आना : रोगी के शरीर में रक्त का प्रवाह इतना तेज होता है कि रोगी के सिर और शरीर में दर्द होता है जिसकी वजह से रोगी को नींद नहीं आती है। रोगी को लेते हुए भी चक्कर आते रहते हैं जिसकी वजह से वह सो नहीं पाता है।

7. दिल की धडकन बढना : रोगी के शरीर में खून का प्रवाह तेज होने की वजह से खून तेज गति में ह्रदय तक पहुंचता है जिसकी वजह से रोगी के ह्रदय की धड़कनें तेज हो जाती हैं।


अल्प रक्तदाब के लक्षण-Symptoms of Hypoglycemia In Hindi

  • लो ब्लड प्रेशर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे

1. ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन होना : अगर किसी व्यक्ति को बैठने के बाद खड़े होने पर चक्कर आते हैं या बेहोशी की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति का बीपी बिलकुल गिर जाता है या कह सकते हैं कि उस व्यक्ति को बीपी लो की समस्या हो जाती है।

2. दिल की बीमारी होना : अगर किसी व्यक्ति को ह्रदय से संबंधित कोई समस्या है जैसे – उसका दिल जोर से धडकता है या उसका पूरा शरीर पसीने से गीला हो जाता है या उसकी नाड़ी की गति धीमी हो जाती है तो उस व्यक्ति को स्ल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है।

3. किडनी के रोग होना : अगर किसी व्यक्ति को किडनी के रोग जैसे – किडनी में पथरी होना, या किडनी पर सूजन आना आदि हो जाए तो उस व्यक्ति को पेट में दर्द हो सकता है जिसकी वजह से उसे बीपी लो की समस्या हो जाती है।

  • Also Read : गुर्दे का दर्द (Renal Colic In Hindi)

4. शोक लगना : जब किसी व्यक्ति को किसी तरह का हल्का या गहरा शोक लगता है तो उस व्यक्ति को मानसिक या ह्रदय से संबंधित समस्याएं हो जाती है जिसकी वजह से उस व्यक्ति को अल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है।

5. चक्कर आना : अगर किसी व्यक्ति को अपने बेड से उठकर खड़े होने पर आँखों के सामने अँधेरा छा जाता है और चक्कर आने लगते हैं या उसके शरीर में बहुत अधिक थकान महसूस होती है और धुंधला दिखाई देता है तो हो सकता है कि उस व्यक्ति को बीपी लो की समस्या हो।

6. चेहरे का रंग बदलना : कभी-कभी किसी व्यक्ति को अल्प रक्तदाब या बीपी लो की समस्या होने पर उसके चेहरे का रंग बदलकर फीका होने लगता है और उसकी आँखों का रंग धीरे-धीरे लाल हो जाता है।

7. सिर दर्द होना : अगर किसी व्यक्ति को हमेशा या हर समय सिर में दर्द की समस्या रहती है तो हो सकता है कि उस व्यक्ति को अल्प रक्तदाब की समस्या हो क्योंकि बीपी लो की समस्या होने पर हमारे शरीर में खून की गति धीमी हो जाती है।

8. भूख न लगना : रोगी के शरीर में खून की गति धीमी हो जाती है और उसे प्यास नहीं लगती है जिसकी वजह से उसे भोजन के प्रति अरुचि (अरुचि का इलाज) हो जाती है जिसकी वजह से भी उसे अल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है।


ह्रदय शूल के लक्षण-Symptoms of Heart Stenosis In Hindi

  • छाती का दर्द (एनजाइना) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे

1. छाती में दर्द होना : जब किसी व्यक्ति को ह्रदय शूल की समस्या होती है तो उसे सबसे पहले छाती में दर्द और जलन का अनुभव होता है जो समय के साथ-साथ बढ़ता ही चला जाता है और ह्रदय घात का कारण बनता है।

2. बेचैनी होना : अगर किसी व्यक्ति को ह्रदय शूल की समस्या हो गई है तो उस व्यक्ति को अचानक से ही बेचनी होने लगती है। पसीने आने शुरू हो जाते हैं और उसे किसी तरह की बीमारी के होने का एहसास होता है।

3. भारीपन होना : जब किसी व्यक्त की छाती में जलन और दर्द होते हैं और समय के साथ वे ठीक होने की जगह पर बढ़ते जाते हैं तो व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे उसके सीने पर बहुत वजन रखा गया हो उसे अपने सीने पर भारीपन महसूस होने लगता है जिससे उसे साँस लेने में भी कठिनाई होती है।

4. उल्टियाँ होना : जब व्यक्ति के सीने में हल्का-हल्का दर्द शुरू होने लगता है तो उसे कुछ समझ में नहीं आता है और उसे खट्टी-खट्टी डकारे आने लगती हैं और अंत में एक पल ऐसा आता है कि व्यक्ति को उल्टियाँ भी हो जाती हैं।

5. थकावट होना : अगर किसी व्यक्ति के सीने में दर्द की समस्या रहती है तो उस व्यक्ति को चक्कर आना, पसीना आना, आदि समस्याएं होती हैं। रोगी को हल्का और भारी काम करने जैसे चलने-फिरने, व्यायाम करने, सीढ़ी चढ़ने अथवा पहाड़ पर चढ़ने से छाती में दर्द होने लगता है और उसकी सांसे भी फूलने लगती हैं। इन सभी को इस बीमारी के सामान्य लक्षण के रूप में जाना जाता है।

6. हार्ट अटैक में दर्द : जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक या दिल का दौरा पड़ता है तो उस व्यक्ति के सीने में बहुत तेज दर्द होता है। यह दर्द व्यक्ति की छाती के बीच के भाग के ऊपर से शुरू होता है और बाकी के हिस्सों में फैल जाता है। अंत में यह दर्द शरीर के अंगों जैसे- हाथों, उँगलियों, गर्दन, कन्धों, जबड़े और पीठ तक पहुंच जाता है।


दिल धडकन के लक्षण-Symptoms of Heart Beat In Hindi

  • दिल धड़कन (दिल की तेज चाल) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे

1. कमजोरी आना : जब किसी व्यक्ति के दिल की धड़कने अचानक से बढ़ जाती हैं या तेज हो जाती हैं तो व्यक्ति के शरीर में अचानक कमजोरी आ जाती है जिसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति के माथे पर हल्का-हल्का पसीना भी उभर आता और रोगी के पैर लडखडाने लगते हैं। रोगी को अगले ही पल ऐसा लगता है जैसे वह गिरने वाला है।

2. प्यास लगना : रोगी के दिल की धडकनें तेज होने पर रोगी को बहुत घबराहट होती है उसे बार-बार प्यास लगती है। प्यास लगने की वजह से उसके होठों पर पपड़ी पड़ने लगती है और जीभ भी सूखने लगती है। रोगी को घबराहट और बेचैनी होती है जिसकी वजह से उसे पसीना आने लगता है।

3. भूख न लगना : जब किसी व्यक्ति को दिल की धडकन तेज होने की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति के शरीर में कमजोरी हो जाती है उसे बार-बार पानी पीने का मन करता है लेकिन खाना खाने का मन नहीं करता। रोगी को भोजन से अरुचि हो जाती है।

4. शरीर ठंडा पड़ना : अगर किसी व्यक्ति की दिल की धड़कनें तेज होने लगती है तो उस व्यक्ति का शरीर भी धीरे-धीरे ठंडा पड़ने लगता है। रोगी के हाथ और पैर बिलकुल ठंडे पड़ जाते हैं और उसे कुछ भी समझ में नहीं आता है।

5. साँस लेने में परेशानी : इसमें रोगी के दिल की धड़कनें इतनी बढ़ जाती हैं कि रोगी को साँस लेने में बहुत अधिक परेशानी होती है उसे पूरा साँस नहीं लिया जाता है लेकिन समय के साथ आराम करने के बाद यह ठीक भी हो जाता है।


कन्जेस्तिव कड्रीयक के लक्षण-Symptoms of Congestive Cardiac In Hindi

  • हार्ट फेल (फेलियर) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे

1. साँस लेने में कठिनाई : जब किसी व्यक्ति को यह रोग होता है तो वह जब भी कोई शारीरिक गतिविधि करता है तो उस गतिविधि के दौरान उसे साँस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है जिसमें कभी-कभी उसे पूरा साँस नहीं आता है।

2. थकान होना : जब व्यक्ति को कन्जेस्तिव कड्रीयक रोग हो जाता है तो उस व्यक्ति को कोई भी छोटा काम करने या आराम करते समय भी थकान महसूस होती रहती है। व्यक्ति को हमेशा एक तरह से बिना काम करे ही थकन का एहसास होता रहता है।

3. शरीर में दर्द : जब किसी व्यक्ति के ह्रदय को उसकी जरुरत के हिसाब से खून नहीं मिल पाता है तो उसके शरीर की नसों में खून एक जगह पर जमा होने से दबाव पड़ता है जिसकी वजह से उसकी मांसपेशियों, टखनों, पैरों आदि में सूजन आ जाती है और साथ-ही-साथ दर्द भी होने लगता है।

4. पेट पर सूजन आना : अगर किसी व्यक्ति को कन्जेस्तिव कड्रीयक की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति को पेट पर सूजन आ जाती है क्योंकि यह समस्या सबसे अधिक फेफड़ों, पैरों और पेट वाले हिस्सों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।

5. खांसी होना : अगर आपके ह्रदय को अपनी जरुरत के हिसाब से खून नहीं मिल पाता है तो इससे बहुत से रोगों का जन्म होता है। इसमें आपके गले में घरघराहट होने लगती है और आप अपनी खांसी को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और आपको लगातार खांसी होती रहती है।


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