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पेट में कीड़े होने का लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Intestinal Worms In Hindi

पेट के कीड़े-(Intestinal Worms In Hindi) :

कभी-कभी पेट में बहुत अधिक दर्द होता है जिसके बहुत से दुष्परिनाम भी होते हैं। ये पेट दर्द सिर्फ गैस की वजह से नहीं बल्कि पेट में कीड़ों की वजह से भी हो सकता है। आँतों में होने वाले परजीवी एक तरह के छोटे जीव होते हैं जिन्हें प्रोटोजोआ भी कहा जाता है।

पेट में कीड़े अक्सर गंदगी जैसे- दूषित पानी और भोजन खाने की वजह से होते हैं। पेट में कीड़े पड़ने की समस्या सबसे अधिक बच्चों और उन लोगों को होती है जो अशुद्ध और खुला हुआ भोजन करते हैं।

बहुत से लोगों का मानना है कि ये कृमि बीस या उससे अधिक तरह के होते हैं जो आँतों में घाव कर देते हैं जिसकी वजह से बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पेट में कीड़े हो जाने की वजह से खाने से अरुचि हो जाती है और चक्कर भी आने लगते हैं। ये कीड़े पेट को संक्रमित कर देते हैं और पाचन तंत्र के कार्यों को भी बाधित करते हैं।

पेट के कीड़ों के प्रकार-(Intestinal Worms Types In Hindi) :

1. टेप वर्म : ये कीड़े एक मिली से लेकर एक इंच तक के होते हैं। इन कीड़ों का पेट में उत्पन्न होना एक बहुत ही आम बात होती है। जब इन कीड़ों को समय पर नष्ट नहीं किया जाता है तो ये कीड़े पेट में कई फीट तक लंबे हो जाते हैं क्योंकि ये कीड़े पचे हुए भोजन और आँतों की परतों से रस को चूसकर पनपते हैं और आँतों की सतह से चिपक जाते हैं जिससे हमारा शरीर कमजोर हो जाता है।

2. श्रेड वर्म : ये कीड़े भी पेट में ही पनपते हैं लेकिन इनका रंग सफेद और भूरा होता है। इन कीड़ों को बिना किसी भी यंत्र की सहायता के देखा जा सकता है। बहुत बार तो ऐसा होता है कि ये कीड़े बच्चों के मलों से बाहर निकलने लगते हैं। ये कीड़े सैंकड़ों की संख्या में आँतों की निचली सतह पर चिपके रहते हैं। जिसकी वजह से बच्चे बहुत कमजोर हो जाते हैं।

पेट के कीड़ों के कारण-(Intestinal Worms Causes In Hindi) :

1. दूषित पानी के कारण : जब कोई व्यक्ति दूषित पानी का सेवन करता है जिसमें कई प्रकार के कीटाणु होते हैं तो उसके शरीर में वे कीटाणु प्रवेश कर जाते हैं जिसकी वजह से उसके पेट में कीड़े हो जाते हैं।

2. दूषित मिट्टी के सेवन से : आपने अक्सर देखा होगा कि छोटे बच्चे जब मिटटी में चले जाते हैं तो वे मिट्टी के साथ खेलते समय मिटटी को खा भी लेते हैं। जब बच्चा दूषित मिट का सेवन कर लेता है तो उसके पेट में कीड़े हो जाते हैं जो उसकी आँतों से चिपककर पनपने लगते हैं।

3. मल के संपर्क में आने से : आपने अक्सर देखा होगा कि बच्चे बिस्तर और कपड़ों में ही मलत्याग कर देते हैं जिसकी वजह से उनके पहनने के कपड़े और सोने के कपड़े मल से सन जाते हैं और जब इन्हें ठीक प्रकार से नहीं धोया जाता है तो दुसरे लोग भी इसके संपर्क में आ जाते हैं जिसकी वजह से भी पेट में कीड़े होने की समस्या हो जाती है।

4. अस्वच्छता से : जब लोग अपने रहने, खाना पकाने, खाना खाने और सब्जियां रखने की जगह को साफ नहीं किया जाता है तो वहां पर विषैले कीटाणु पनपने लगते हैं जिसकी वजह से ये कीटाणु हवा और पानी के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिसकी वजह से हमें पेट में कीड़ों की समस्या हो जाती है।

5. नंगे पैर चलने से : जब कोई अधिक लंबी दूरी तक नंगे पैर चलता है और वह उस रस्ते पर चलता है जिस पर बहुत अधिक गंदगी और मिट्टी होती है तो मिट्टी से कीटाणु उसके पैरों में चिपक जाते हैं और पैरों के माध्यम से पूरे शरीर में फैल जाते हैं जिसकी वजह से भी पेट में कीड़ों की समस्या हो सकती है।

6. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की वजह से : जब किसी बच्चे की या किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो वह आसानी से किसी भी संक्रमण से ग्रस्त हो जाता है जिनमे से कुछ पेट के कीड़े भी होते हैं।

पेट के कीड़ों के लक्षण-(Intestinal Worms Symptoms In Hindi) :

1. पेट दर्द होना : पेट के कीड़े आँतों से चिपके रहते हैं और आँतों से पदार्थों को चूसकर पनपते हैं जिसकी वजह से आँतों में घाव हो जाते हैं और इसी वजह से हमारे पेट में दर्द रहता है।

2. दस्त होना : पेट के कीड़े आँतों से निकलकर पूरे शरीर में पहुंच जाते हैं जिसकी वजह से लीवर को पोषण नहीं मिल पाता है जिससे लीवर ठीक से काम नहीं करता है जिसकी वजह से दस्त की समस्या हो जाती है।

3. पोषण की कमी होना : पेट के कीड़े पेट में जाने वाले भोजन का सारा पोषण ले लेते हैं जिसकी वजह से शरीर को पोषण नहीं मिल पता है और शरीर में पोषण की कमी हो जाती है।

4. थकान होना : पेट के कीड़े होने पर शरीर को पोषण नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से व्यक्ति कोई भी काम करता है तो उसे थकान होने लगती है।

5. खांसी होना : पेट के कीड़े संक्रमण की वजह से होते हैं इसलिए ये कीड़े स्वास नली में भी चले जाते हैं जिसकी वजह से रोगी को खांसी की समस्या भी हो जाती है।

6. बुखार आना : रोगी के पेट में कीड़े होने की वजह से उसे पेट में दर्द रहता है और संक्रमण की वजह से भी रोगी के शरीर का तापमान भी अधिक रहता है जिसकी वजह से उसे बुखार आ जाता है।

7. मल में कीड़े आना : जब रोगी के पेट में कीड़ों की अधिकता हो जाती है तो ये कीड़े मलद्वार तक पहुंच जाते हैं जिसकी वजह से ये कीड़े मल के साथ बाहर आने लगते हैं।

8. उल्टियाँ होना : कीड़े होने की वजह से रोगी का जी मिचलाता रहता है जिसकी वजह से उसे कभी कभी उल्टियाँ भी हो जाती हैं।

9. गैस बनना : पेट में खाना ठीक से न पचने की वजह से रोगी के पेट में गैस की समस्या भी हो जाती है।

10. कमजोरी होना : पेट के कीड़े भोजन का सारा पोषण खुद ले लेते हैं जिसकी वजह से शरीर को पोषण नहीं मिल पाता है। इस वजह से शरीर कमजोर हो जाता है और चक्कर जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

11. सिरदर्द होना : रोगी का जी मिचलाता रहता है और बैचेनी, घबराहट भी रहती है जिसकी वजह से रोगी को सिरदर्द भी होने लगता है।

12. सीने में दर्द : पेट में कीड़े आँतों में चिपक जाते हैं और ये श्वास नली में भी चले जाते हैं और हमारी श्वास नली को नुकसान पहुंचाते हैं जिसकी वजह से भी सीने में दर्द होता है।

13. जोड़ों में दर्द : ये कीड़े भोजन के सारे पोषण को खुद लेते हैं जिसकी वजह से शरीर में विटामिन बी और आयरन, कैल्शियम की कमी हो जाती है जिसकी वजह से जोड़ों और हड्डियों में भी दर्द हो जाता है।

14. भूख लगना : जब किसी व्यक्ति को पेट में कीड़ों की समस्या होती है तो वह जो भी खाना खाते हैं पेट के कीड़े उनसे सारा पोषक ले लेते हैं जिसकी वजह से व्यक्ति को बार-बार भूख लगती है।

15. साँस लेने में तकलीफ : जब किसी को पेट में कीड़े हो जाते हैं तो उस व्यक्ति को साँस लेने में भी तकलीफ होती है।

16. एनीमिया होना : ये कीड़े हमारी आँतों से खून चूसकर पनपते हैं जिसकी वजह से हमारे शरीर में खून की कमी हो जाती है जिससे एनीमिया रोग हो जाता है।

17. अनिंद्रा रोग होना : पेट में हर समय यह कीड़े पनपते रहते हैं जिसकी वजह से पेट दर्द होता है और बैचेनी भी रहती है जिसकी वजह से रोगी को नींद नहीं आती है जिससे उसे अनिंद्रा की समस्या भी हो जाती है।

पेट के कीड़ों का इलाज-(Intestinal Worms Treatment In Hindi) :

1. अजवाइन के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज : 

अजवाइन के चूर्ण और गुड को समान मात्रा में लें और इनकी गोलिया बना लें। अब आप दिन में तीन या दो बार इनका सेवन करें इससे आपकी पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी क्योंकि अजवाइन में एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं जो कीड़ों को नष्ट करने में मदद करते हैं। इन गोलिया का सेवन दो तीन दिन करने से पेट के कीड़ों की समस्या जड़ से समाप्त हो जाएगी।

2. काले नमक के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

अजवाइन के चूर्ण को थोड़े से काले नमक में मिलाकर प्रतिदिन रात के समय गर्म पानी से सेवन करें इससे आपके पेट के कीड़े मल के द्वारा बाहर निकल जाएँगे और आपकी पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी।

3. नीम के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

पेट के कीड़े होने पर नीम की पत्तियों का सेवन किया जा सकता है क्योंकि नीम को पेट की हर तरह की समस्या को दूर करने के लिए एक वरदान स्वरूप माना जाता है। आप नीम के पत्तों को पीसकर उसमें शहद मिलाकर पिएं इससे आपके पेट के कीड़े नष्ट हो जाएँगे क्योंकि नीम की पत्तियों में एंटी बायोटिक होते हैं जो पेट के कीड़ों को नष्ट करते हैं। आप इसका सेवन कभी भी कर सकते हैं लेकिन सुबह के समय इसका सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।

4. टमाटर के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

टमाटर को काटकर उसपर थोडा सा सेंधा नमक और काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाएँगे और मल के साथ बाहर निकल जाएँगे जिससे आपकी पेट में कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी।

5. लहसुन के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

आपको पेट में कीड़ों की समस्या है तो आप लहसुन की चटनी बनाकर खाएं इससे आपके पेट के कीड़े मर जाएँगे। आप लहसुन की चटनी में थोडा सा काला नमक मिलाकर उसे दिन में दो बार सेवन करें इससे आपके पेट के कीड़े नष्ट हो जाएँगे और आपकी पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी।

6. तुलसी के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

अगर आपको पेट में कीड़ों की समस्या इंफेक्शन से या संक्रमण से हुई है तो आप तुलसी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि तुलसी में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो किसी भी तरह के संक्रमण को ठीक करने के लिए प्रयोगी होते हैं।

पेट के कीड़ों की समस्या होने पर आप तुलसी के कुछ पत्तों का रस निकाल लें और इस रस का दिन में दो बार सेवन करें इससे आपके पेट के कीड़े मर जाएँगे और मल के साथ बाहर निकल जाएँगे। इस रस के सेवन से आँतों की सफाई के साथ-साथ पेट में गैस और कब्ज की शिकायत को दूर किया जा सकता है।

7. आम के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

जब बच्चों को या किसी बड़े व्यक्ति को पेट के कीड़ों की समस्या हो जाए तो उसके लिए आम का सेवन बहुत लाभकारी होता है क्योंकि आम के सेवन से पेट के कीड़ों की समस्या को ठीक किया जा सकता है।

जब कोई व्यक्ति कच्चे आम की गुठली का सेवन करता है तो पेट में होने वाले कीड़े मरकर मल के साथ बाहर निकल जाते हैं और पेट साफ हो जाता है। आप कच्चे आम की गुठली का चूर्ण बनाकर उसे पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें इससे आपकी पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी।

8. कद्दू के बीजों के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

कद्दू के बीजों में विटामिन, मिनरल, एमिनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट और फेटी एसिड पाए जाते हैं जो पेट के कीड़ों के इलाज के रूप में काम करते हैं। अगर आपको गोल कीड़ों की समस्या है तो आप अपने जूस में इन बीजों के पाउडर को मिलाकर सेवन करें इससे आपकी पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी इसके अलावा आप सोया दूध के साथ कद्दू के बीजों को और प्याज को मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं इससे भी आपको बहुत लाभ होगा।

9. लौंग के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

सभी लोग लौंग को उसके एंटीसेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी परसिटिक गुणों की वजह से जानते हैं जो हर तरीके से शरीर के अंदर के कीड़ों को नष्ट करने में हमारी मदद करते हैं।

एक कप गर्म पानी में एक चम्मच लौंग का पाउडर मिला लें और कुछ देर के लिए ऐसे ही रख दें उसके कुछ देर बाद इस मिश्रण का सेवन कर लें इससे आपकी पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी। आप इस मिश्रण का सेवन एक सप्ताह तक करें।

10. गाजर के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

गाजर में बीटा कैरोटीन और विटामिन ए की उच्च मात्रा पाई जाती है जो पेट के कीड़ों को नष्ट करने में मदद करती है। गाजर में विटामिन सी और जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं जो एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाने में मदद करते हैं जिससे कीड़ों से लड़ने में बहुत आसानी होती है। आप गाजर को सीधे या जूस बनाकर भी खा सकते हैं लेकिन इसका सेवन सुबह के समय खाली पेट करें इससे आपको बहुत अधिक लाभ होगा।

11. नींबू के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

नींबू का रस, काली मिर्च और पुदीने की पत्तियां ले लें। अब इन्हें पीसकर पेस्ट बना लें। आप इस पेस्ट का दिन में एक या दो बार सेवन करें क्योंकि इसके स्वं से पेट के कीड़े मर जाते हैं और मल के साथ बाहर निकल जाते हैं और आपकी पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाती है।

12. अदरक के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

अदरक और लहसुन को समान मात्रा में लें और इन्हें पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सिरका और काला नमक मिला लें। अब इस पेस्ट का दिन में दो बार सेवन करने से पेट के कीड़े मरकर मल के साथ बाहर निकल जाएँगे।

13. हींग के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

एक गिलास पानी गर्म कर लें और उसे ठंडा होने के लिए रख दें। जब पानी हल्का ठंडा रह जाए तब उसमें पीसी हुई राई, एक चुटकी हींग और काला नमक मिला लें और एक घंटे तक ऐसे ही रखे रहने दें क्योंकि इससे कांजी तैयार हो जाएगी।

अब इस पानी का दिन में एक बार सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाएँगे और मल के साथ बाहर निकल जायेंगे।

14. नारियल के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

नारियल में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पेट के कीड़ों को दूर करते हैं इसके लिए आप नाश्ते में किसा हुआ नारियल भी खा सकते हैं और इसके कुछ घंटों के बाद आप अरंडी के तेल को दूध में मिलाकर पी जाएँ इससे आपके पेट के कीड़े मर जाएँगे।

15. गुड के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

सुबह के समय खाली पेट गुड की एक ढेली लें जो दस ग्राम या उससे कम हो उसे खा लें इसके थोड़ी देर बाद बहुत ही कम मात्रा में कैरम के बीजों का सेवन करें इससे आपके पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी। आप गुड का सेवन अजवाइन के चूर्ण के साथ भी कर सकते हैं।

16. पपीता के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

एक पपीता लें और उसे पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट में थोडा सा शहद और गर्म पानी मिलकर सेवन कर लें इससे आपकी कीड़ों की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।

17. हल्दी के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

हल्दी को पेट के कीड़ों के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह एंटी सेप्टिक की तरह काम करती है और इसमें जो एंटीमाइक्रोबीयल गुण पाए जाते हैं वे पेट के कीड़ों को नष्ट करने में मदद करते हैं।

पेट के कीड़ों के अतिरिक्त हल्दी सूजन, गैस, उल्टी और पेट दर्द के लक्षणों को भी दूर करने में मदद करती है। आप कच्चा हल्दी का रस लें और उसमें एक चुटकी नमक मिला लें और इसका सेवन सुबह के समय खाली पेट करें इससे आपकी पेट के कीड़ों की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।

18. प्याज के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

प्याज में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कीड़ों को मारने में मदद करते हैं। आप चार या पांच चम्मच प्याज के रस में एक चुटकी काला नमक मिलाकर सेवन करें इससे आपकी पेट के कीड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी।

19. करेला के सेवन से पेट के कीड़ों का इलाज :

अगर आपको पेट में कीड़ों की समस्या ही गई है तो आप करेले के रस का सेवन काले नमक के साथ करें क्योंकि इसके सेवन से आपके पेट में कीड़ों का सफाया हो जाएगा।

पेट के कीड़ों से बचाव के उपाय-(Prevention of Intestinal In Hindi) :

  1. अगर आप उद्यानों की सब्जियां और फल खातें हैं तो उन्हें अच्छी तरह पानी से धोकर खाना चाहिए।
  2. बच्चे अक्सर हाथों को नाक और मुंह में दे देते हैं इसलिए बच्चों को हाथ से मुंह और नाक को छूने से रोकना चाहिए।
  3. अधिक समय की दूरी तय करने के लिए नंगे पैर न रहे।
  4. रोगी को अधपका और कच्चा मांस और मच्छली नहीं खाना चाहिए बल्कि उसे ठीक से पकाकर खाना चाहिए।
  5. पशु और पक्षियों के मल का निपटान ठीक और स्वच्छ तरह से करना चाहिए।
  6. रसोई में ऐसी जगह जहाँ पर सफाई का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए वहां पर प्रतिदिन साफ-सफाई करनी चाहिए।
  7. रोगी को गुदा के आस-पास खुजली से बचना चाहिए।
  8. रोगी को शौच करने या खाना खाने के बाद अच्छी और साफ तरीके से हाथ धोने चाहिए।
  9. रोगी के नाखून बढने न दें जितना हो सके उन्हें छोटा रखने की कोशिश करें।
  10. अगर आपके घर में कोई जानवर है तो उसे बिलकुल साफ रखें।
  11. खाना बनाने से पहले हाथो को अच्छी तरह साफ करना चाहिए।

पेट के कीड़ों में क्या खाएं-(Eat In Intestinal Worms In Hindi) :

  • जिन लोगों को पेट में कीड़ों की समस्या है उन्हें अजवाइन, काला नमक, अनार के छिलके, कुल्फा शाक, कैलमेस, हिसोप, पपीता, वसाका, चिरायता, प्याज, भारतीय एलो, हल्दी, भारतीय सेना, भारतीय अकालिफा, नारियल, काला अखरोट, गुड, लौंग, गाजर, कद्दू के बीज, टमाटर, लहसुन, तुलसी, कच्चे आम, नीम, नींबू, छाछ, केला, जीरा, पुदीना, काली मिर्च, अदरक, हींग, सरसों का साग, कांजी, शहद, चावल, मूंग, अरहर, मलका, साबूदाना, बथुआ, परवल, तोरई, लौकी, आंवला, संतरा, अनानास, सेब, राई, मुनक्का, धनिया, सोंठ, बकायन, खजूर, करंज, हरड, जैतून, सहजन, सत्यानाशी, अमरबेल, भांगरा, पलास, त्रिफला, अश्वगंधा, चुकंदर, भिंडी, मटर, शलजम, जामुन, चेरी, अंगूर, कीवी, तरबूज, आलूबुखारा आदि का सेवन कर सकते हैं।

पेट के कीड़ों में क्या न खाएं-(Do Not Eat In Intestinal Worms In Hindi) :

  • जिन लोगों को पेट के कीड़ों की समस्या होती है उन्हें चॉकलेट, टॉफी, मिठाई, सोडा, चीनी, बेसन, तिल, जौ, उड़द, मोठ, पत्तेवाली सब्जी, आलू, मूली, अरबी, खीरा, ककड़ी, दही, दूध, देशी घी, खटाई, मांस, मछली, अंडा, मुल्तानी मिट्टी, सिगरेट, तंबाकू, सड़ी गली सब्जियां, नमकीन, लाल मिर्च आदि से दूर रहें।

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