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अनुलोम विलोम प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Anulom Vilom Pranayam In Hindi

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अनुलोम विलोम प्राणायाम -Anulom Vilom Pranayam In Hindi

अनुलोम विलोम प्राणायाम को अंग्रेजी मैं Alternate Nostril Breathing कहते हैं। और इसे नाड़ी शोधक प्राणायाम’ भी कहा जाता है। यहाँ पर अनुलोम और विलोम दोनों अलग अलग शब्द है जिनका अलग अलग अर्थ है जैसे अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा।

सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अनुलोम विलोम प्रणायाम में सांस लेने और छोड़ने की विधि को बार-बार दोहराया जाता है। इसका नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोग बनी रहती है।


अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के विधि-Anulom Vilom Pranayam In Hindi

  • सबसे पहले अपनी सुविधानुसार पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।
  • दाहिने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद कर लें।
  • अब नासिका के बाएं छिद्र से 4 तक की गिनती में सांस को भरे।
  • और फिर बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें।
  • तत्पश्चात दाहिनी नासिका से अंगूठे को हटा दें और दायीं नासिका से सांस को बाहर निकालें।
  • अब दायीं नासिका से ही सांस को 4 की गिनती तक भरे
  • और दायीं नाक को बंद करके बायीं नासिका खोलकर सांस को 8 की गिनती में बाहर निकालें।
  • एक ध्यान देने की बात है की जब आप इस प्राणायाम की शुरुआत करते हैं तो पहले बाएं नाक छिद्र से ही करें और अंत भी इससे ही करें।
  • अब इस प्रिक्रिया को 10 से 15 मिनट तक दोहरायें।

नोट : सास लेते समय अपना ध्यान दोनो आँखो के बीच मे स्थित आज्ञा चक्र पर ध्यान एकत्रित करना चाहिए। और मन ही मन मे सांस लेते समय ओउम-ओउम का जाप करते रहना चाहिए।


अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे-Benefits of Anulom Vilom Pranayam In Hindi

1. हार्ट ब्लाँकेज में : अनुलोम विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास से हार्ट की ब्लाँकेज से राहत मिलती है।

2. सकारात्मक सोच : इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से हम अपनी स्मरणशक्ति व् सकारात्मक सोच बढ़ा सकते हैं।

3. मन व् दिमाग को शांति :अनुलोम विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव दूर होकर मन शांत होता है।

4. इन बिमारियों में : अनुलोम विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास से आर्थराटीस, रोमेटोर आर्थराटीस, कार्टीलेज घीसना, हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर ठीक हो जाते हैं।

5. किडनी रोग में : इस प्राणायाम के अभ्यास से किडनी के अधिकतर सभी रोग ठीक हो जाते हैं।

6. कैंसर रोग में : अनुलोम विलोम प्राणायाम से कैंसर रोग में भी लाभ मिलता है।

7. स्मरण शक्ति : अनुलोम विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास से स्मरण शक्ति बढती है।

8. शर्दी जुकाम में : अनुलोम विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शर्दी जुकाम से राहत मिलती है।

9. ब्रेन ट्युमर में : इस प्राणायाम को करने से ब्रेन ट्यूमर में काफी लाभ मिलता है।

10. रोग-प्रतिकारक शक्ती : इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से रोग-प्रतिकारक शक्ती बढ जाती है।

11. शरीर का तापमान : इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर का तापमान संतुलित रहता है।

12. सुगर की बीमारी में : सुगर के रोगियों के लिए यह प्राणयाम बहुत ही लाभदायक है।

13. फेफड़ों को मजबूत बनता है : इसका सबसे अच्छा फायदा ये है की ये हमारे फेफड़ों को मजबूत बनता है।

14. ह्रदय रोगों में फायदेमंद :-  इस प्राणायाम के अभ्यास से हम ह्रदय के ज्यादातर सभी रोगों को नष्ट कर सकते हैं।

15. एकाग्रता को बढाता है : मन और मस्तिषक की एकाग्रता बढती है। हालांकि एकाग्रता को बढ़ाना एक मुश्किल काम है, पर यह नामुमकिन नहीं है। एकाग्रता को बढ़ाने के लिए ढृढ़ता बेहद जरूरी है।

16. पेट की चर्बी : यह प्राणायाम पेट की चर्बी को कम करने में हमारी मदद करता है।


अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय सावधानी-Precaution of Anulom Vilom Pranayam In Hindi

  • यह प्राणायम हमेशा खाली पेट करें।
  • भोजन करने के तुरंत बाद इस प्राणायाम को कभी न करें बल्कि 4-5 घंटे का अन्तराल रकें सुबह साम खाली पेट आप इस प्राणायाम को कर सकते हैं।
  • साँस लेते समय मन ही मन मे ओउम-ओउम का जाप करते रहना चाहिए। क्यूंकि इस उच्चरण से हमरे मन पर सकारात्मक प्रभाव प्रभाव पड़ता है।
  • सुगर, ब्लड प्रेशर और गर्भवती महिलायों को इस प्राणायाम को करते समय सांस ज्यादा देर तक नहीं रोकनी चाहिए।

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