• Home
  • IPO GMP
  • K.G. Classes
  • Hindi Vyakaran
  • हिंदी निबंध
  • Yoga
    • Yoga In Hindi
    • Yoga In English
    • Mantra
    • Chalisa
  • Vocabulary
    • Daily Use Vocabulary
    • Daily Use English Words
    • Vocabulary Words
  • More
    • Blogging
    • Technical Knowledge In Hindi
    • Tongue Twisters
    • Tenses in Hindi and English
    • Hindu Baby Names
      • Hindu Baby Boy Names
      • Hindu Baby Girl Names
    • ADVERTISE HERE
    • Contact Us
    • Learn Spanish

hindimeaning.com

शीतली प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Sheetali Pranayama In Hindi

शीतली प्राणायाम-Cooling Breath In Hindi

इसको अंग्रेजी मैं कूलिंग ब्रेथ (Cooling Breath) भी कहा जाता है। शीतली का अर्थ होता है शीतल अथार्त ठंडक कहने का भावार्थ यह है कि है इस प्राणायाम को करने से शरीर को ठंडक मिलती है। इसलिए इसे शीतली प्राणायाम कहा जाता है।

यह प्राणायाम एक छायादार वृक्ष की तरह है जो भरपूर ऑक्सीजन का निर्माण करता है। इसके अलावा यह मन की शांति और शारीरिक शीतलता प्रदान करता है। ये गर्मियों के मौसम मैं किया जाने वाला सबसे अच्छा प्राणायाम है।


शीतली प्राणायाम करने की विधि-Steps of Sheetali Pranayama In Hindi

  • सबसे पहले आप समतल जमीन पर कोई दरी या आसन बिछा कर उस पर सिद्धासन, सुखासन की अवस्था में बैठ जाएँ।
  • अब अपनी जीभ को बहार निकालकर उसे मोड़ कर पाइप जैसा बना लें।
  • अब उस बहार निलकी हुई जीभ के माध्यम से लम्बी व् गहरी स्वांस धीरे-धीरे खींचकर अपने पेट में वायु को भर दें।
  • अब अपनी बहार निकली हुई जीभ को अन्दर कर लें और अपने मुहं को बंद कर लें।
  • अब अपनी गर्दन को आगे की ओर झुकाकर अपने जबड़े के अगले हिस्से छाती से लगा लें।
  • अब अपने स्वांस को नासिका मतलब नाक के जरिये स्वांस को बाहर निकाल दें  ध्यान रखें की आपको सांस एक साथ बहार नहीं निकालना है बल्कि धीरे -धीरे बहार निकालना है।
  • अब इस क्रिया को कम से कम 25-30 बार तक दोहोरायें।

https://youtu.be/xQUdfm0l5ug


शीतली प्राणायाम के लिए समय व् अवधि-Times of Sheetali Pranayama In Hindi

अगर आपने ये प्राणायाम करना अभी शुरू ही किया है तो आप इसका अभ्यास आप 5-7 मिनट तक ही करें क्यूंकि इस प्राणायाम की समय अविधि एक साथ नहीं बढ़ानी चाहिए।

सुबह और शाम के समय खाली पेट इस प्राणायाम का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं। एक सामान्य व्यक्ति को शीतली प्राणायाम शुरुआत में पांच से सात बार करना चाहिए। कुछ समय तक निरंतर अभ्यास करते रहने के बाद इसे बढ़ा देना चाहिए।


यह भी पढ़ें :- Sitkari Pranayama , Udgeeth Pranayam


शीतली प्राणायाम से होने वाले लाभ-Benefits of Sheetali Pranayama In Hindi

1. गर्मी में फायदेमंद : जब इस प्राणायाम का अभ्यास किया जाता है तो यह हमारे शरीर से गर्म वायु को निकाल कर उसमें शीतल वायु का प्रवेश कराता है जिससे हमारे शरीर से गर्मी बहार निकल जाती है और पूरा शरीर ठंडा हो जाता है।

2. पाचन क्रिया में : शीतली प्राणायाम का अभ्यास पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है।

3. ह्रदय रोगों में : शीतली प्राणायाम के अभ्यास से हम ह्रदय के ज्यादातर सभी रोगों को नष्ट कर सकते हैं।

4. ब्लड प्रेशर : अगर आपका B.P या blood pressure (रक्तचाप ) बढ़ा हुआ है तो आप शीतली प्राणायाम का अभ्यास करके हाई ब्लड प्रेशर(उच्च रक्तचाप) को कम कर सकते हैं।

5. अधिक प्यास : अगर हम शीतली प्राणायाम का अभ्यास नियमित रूप से करते हैं तो कुछ ही दिनों में शरीर में हुई पानी की कमी की समस्या ठीक हो जाती है।

6. चेहरे पर चमक : शीतली प्राणायाम के अभ्यास से हम अपने चेहरे पर प्राक्रतिक चमक ला सकते हैं।

7. चंचलता को करे कम : शीतली प्राणायाम का अभ्यास करके हम मष्तिक और भावनात्मक उत्तेजना तथा मन की चंचलता को कम कर सकते हैं।

8. भूक प्यास पर नियंत्रण : शीतली प्राणायाम के अभ्यास से भूख-प्यास पर नियंत्रण प्राप्त होता है।

9. आंखों की समस्या :अगर कोई भी व्यक्ति इस प्राणायाम का नियमित रूप से अभ्यास करता है तो वो अपनी आखों की समस्या से जल्द ही छुटकारा पा सकता है।

10. नीद से निजात : अगर आपको नीद की समस्या है तो आप इस प्राणायम के अभ्यास से नीद न आने की समस्या से निजात पा सकते हैं।


शीतली प्राणायाम करते समय सावधानी-Precaution of Sheetali Pranayama In Hindi

  • शीतली प्राणायाम सुबह -सुबह खाली पेट करना चाहिए।
  • इस प्रणायाम का अभ्यास सर्दियों के मौसम में नहीं करना चाहिए।
  • जिन लोगों को दमा, कफ, खांसी की सिकायत हैं उन लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • लो ब्लडप्रेशर से ग्रसित लोगों को ये प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
  • प्रदूषित जगह में इस प्राणायाम का अभ्यास न करें।
  • इसका अभ्यास पूरा होने के बाद कुछ देर विश्राम करें।
  • शीतली प्राणायाम के समय साँस लयबद्ध और गहरी होना चाहिए।

 

Related posts:

  1. Cholesterol Control Diet In Hindi-कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसे कैसे कंट्रोल करें
  2. अनुलोम विलोम प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Anulom Vilom Pranayam In Hindi
  3. कपालभाति प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Kapalbhati Pranayam In Hindi
  4. प्राणायाम के प्रकार, नियम, लाभ और सावधानी-Pranayama In Hindi
  5. Karna pirasana-कर्ण पीड़ासन योग कैसे करें, लाभ और सावधानियां
  6. उज्जयी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Ujjayi Pranayama In Hindi
  7. भ्रामरी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Bhramari Pranayama In Hindi
  8. भस्त्रिका प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Bhastrika Pranayama In Hindi
  9. चन्द्रभेदी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Chandrabhedi Pranayam In Hindi
  10. शीतकारी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Sitkari Pranayama In Hindi
  11. उद्गीथ प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Udgeeth Pranayama In Hindi
  12. बाह्य प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Bahya Pranayama In Hindi
  13. सूर्य भेदन प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Surya Bhedana Pranayama In Hindi

Popular Posts

  • List of 3 forms of Verbs in English and Hindi – English Verb Forms
  • Hindi numbers 1 To 100 – Counting In Hindi – Hindi Ginti
  • ज़िन्दगी के मायने समझाते 300+ अनमोल विचार-Life Quotes In Hindi
  • Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)
  • Flower Names in Hindi and English फूलों के नाम List of Flowers
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध-Importance Of Hard Work Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • Hindi Numbers 1 to 50
  • Human Body Parts Names in English and Hindi – List of Body Parts मानव शरीर के अंगों के नाम
  • Vegetables Name In Hindi and English सब्जियों के नाम List of Vegetables a-z with details

More Related Content

  • अनुलोम विलोम प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Anulom Vilom Pranayam In Hindi
  • कपालभाति प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Kapalbhati Pranayam In Hindi
  • उज्जयी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Ujjayi Pranayama In Hindi
  • शीतली प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Sheetali Pranayama In Hindi
  • भ्रामरी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Bhramari Pranayama In Hindi
  • भस्त्रिका प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Bhastrika Pranayama In Hindi
  • चन्द्रभेदी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Chandrabhedi Pranayam In Hindi
  • शीतकारी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Sitkari Pranayama In Hindi
  • उद्गीथ प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Udgeeth Pranayama In Hindi
  • बाह्य प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Bahya Pranayama In Hindi
  • सूर्य भेदन प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी-Surya Bhedana Pranayama In Hindi
  • प्राणायाम के प्रकार, नियम, लाभ और सावधानी-Pranayama In Hindi

Copyright © 2025 · Hindimeaning.com · Contact · Privacy · Disclaimer