• Home
  • IPO GMP
  • K.G. Classes
  • Hindi Vyakaran
  • हिंदी निबंध
  • Yoga
    • Yoga In Hindi
    • Yoga In English
    • Mantra
    • Chalisa
  • Vocabulary
    • Daily Use Vocabulary
    • Daily Use English Words
    • Vocabulary Words
  • More
    • Blogging
    • Technical Knowledge In Hindi
    • Tongue Twisters
    • Tenses in Hindi and English
    • Hindu Baby Names
      • Hindu Baby Boy Names
      • Hindu Baby Girl Names
    • ADVERTISE HERE
    • Contact Us
    • Learn Spanish

hindimeaning.com

मन्दाग्नि (अग्निमांघ) के कारण लक्षण और घरेलू नुस्खे-Dyspepsia/Indigestion In Hindi

मन्दाग्नि (Indigestion In Hindi) :

जब किसी व्यक्ति की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है तो उसे मंदाग्नि रोग हो जाता है। अक्सर देखा जाता है कि लोग कहते हैं कि मुझे भूख नहीं है लेकिन फिर भी बिना भूख लगे ही खाना खाना पड़ता है। ऐसा हमारी पाचन शक्ति के कमजोर हो जाने की वजह से होता है। इस रोग को अपच, अग्निमांध और मंदाग्नि के नाम से जाना जाता है। ऐसा बरसात में ज्यादा नमी और पानी में मौजूद अम्ल विपाक की वजह से होता है।

मंदाग्नि के नाम : मंदाग्नि को विभिन्न देशों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है मंदाग्नि को बंगाली में जलवायु दोष जन्य, हिंदी में पानी बदलाव, अंग्रेजी में सीजनल डिस्पेप्सिआ, मराठी में हवापान्याचि अजीर्ण, पंजाबी में मौसमी अग्निमंद, तेलगु में गलीभर पुवलम अर्जिर्नमु, अरबी में पानी वायु दोषर बाबे आदि नामों से जाना जाता है।

मन्दाग्नि के प्रकार (Types Of Indigestion In Hindi) :

1. विषम अग्नि : विषम अग्नि एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें अग्नियाँ कभी-कभी तीक्ष्ण होती हैं तो कभी-कभी धीमी हो जाती हैं जिसकी वजह से भोजन का पचना भी विषम रूप से होता है जिसकी वजह से शरीर का पोषण ठीक तरह से नहीं होता है और वात दोष का अनुबंध हो जाता है।

2. तीक्षण अग्नि : जब अग्नि की तीक्ष्णता तीव्र हो जाती है तो भस्मक रोग उत्पन्न होता है। इस अवस्था में भोजन जल्दी-जल्दी पचने लगता है और यह धातुओं का भी पाचन करने लगती है जिसकी वजह से व्यक्ति दुर्बल होता जाता है और कभी-कभी इस वजह से व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है।

3. मंद अग्नि : जब बहुत कम भोजन करने पर भी उसका पाचन भी ठीक तरह से नहीं हो पाता है जिसे मंदाग्नि के नाम से जाना जाता है। इस अवस्था में रोगी को उलटी, पेट में जलन और कभी-कभी शौच भी पतला हो जाता है जिससे आधा पचा हुआ भोजन भी निकल जाता है।

मन्दाग्नि के कारण (Reason Of Indigestion In Hindi) :

1. विकार होने पर : जब भी किसी को उनके शरीर के किसी अंग में विकार उत्पन्न हो जाता है तो उनके पाचन की शक्ति धीमी हो जाती है जिसकी वजह से उन्हें अपच या मंदाग्नि रोग हो जाता है।

2. अहितकर भोजन से : आज के समय में लोग मीठे से ज्यादा चटपटा, मसालेदार, चिकनाई वाला, ठंडे पेय पदार्थ, गरिष्ठ भोजन, खट्टा-कडवा, चॉकलेट, धुम्रपान, तीखा, नमकीन, चाय-कॉफी, शराब और फास्ट फूड ज्यादा खाते हैं जिसे खाने से उनके पेट में स्त्राव होने वाले पाचक रसों का प्रवाह बाधित हो जाता है और उनकी जठराग्नि धीमी हो जाती है जिससे अपच की समस्या होती है।

3. मानसिक रोग होने पर : मनुष्य को मानसिक रोग जैसे गुस्सा, डर, शोक, काम, नफरत, चिंता, घबराहट आदि रोग हो जाते हैं जिसकी वजह से भी उन्हें अपच या मंदाग्नि रोग होता है।

4. भोजन में बाधा : आज के समय में लोग भोजन बहुत जल्दी-जल्दी करते हैं, कम चबाकर खाते हैं, भोजन खाते समय भी दूसरे कामों में लगे रहना, मुंह का स्वाद बिगड़ जाना, खाना खाते समय बीच-बीच में ज्यादा पानी पीना, तेजी से भोजन करना, अपौष्टिकता वाला खाना खाने से मंदाग्नि रोग की समस्या हो सकती है।

5. ठंडी चीजों से : अक्सर देखा जाता है कि आज कोई भी व्यक्ति हो या बच्चा सभी ठंडी चीजें जैसे ठंडे पदार्थ , ठंडा पानी, आइसक्रीम आदि बार-बार खाना ज्यादा पसंद करते हैं जिसकी वजह से भी उन्हें मंदाग्नि जैसे रोग का सामना करना पड़ता है।

मन्दाग्नि के लक्षण (Symptoms of Indigestion In Hindi) :

1. भूख न लगना : जब किसी व्यक्ति को मंदाग्नि रोग होता है तो उसे भूख लगनी कम हो जाती है और खाए गए भोजन का पाचन भी ठीक तरह से नहीं होता है। रोगी को अपना पेट भरा हुआ लगता है।

2. जबरदस्ती खाना : रोगी अगर जबरदस्ती भोजन खा भी लेता ही तो उसे खट्टी-खट्टी डकारें आने लगती हैं, उल्टी करने का मन करता है और मुंह में पानी का स्त्राव ज्यादा हो जाता है।

3. समस्याएं होना : रोगी को पेट में गुडगुडाहट होने लगती है, दिल की धडकनें बढने लगती हैं, रोगी का पेट भूल जाता है जिसकी वजह से उसे सिर और पेट में भारीपन सा लगता है।

4. रोगी होना : जीभ भी मैल से ढक जाती है और मुंह से बदबू आनी शुरू हो जाती है, दस्त खुलकर नहीं आते, पेट में दर्द होता है, जी मिचलाता है, छाती में जलन होती है, मुंह सूखना, बेचैनी, नींद न आना, कमजोरी, बवासीर, दस्तहोना, पेचिश, ग्रहणी, अफरा, अल्सर, मौत का डर लगना, हर वक्त सिर्फ रोग के बारे में सोचते रहना, चलने में और साँस लेने में परेशानी होना आदि। खाना ठीक से न खाने की वजह से कब्ज जैसी समस्या हो जाती है।


मन्दाग्नि का इलाज ( Indigestion Treatment In Hindi) :

1. मूली के सेवन से उपचार : अगर आप मंदाग्नि रोग से ग्रस्त हैं तो आप मूली का सेवन कर सकते हैं। आप मुली को बीच में से काटकर दो टुकड़े कर लें और उन पर कलि मिर्च का पाउडर और नमक बुरक दें और इसे खाना खाते समय खाएं। ऐसा करने से आपकी अपच की समस्या खत्म हो जाएगी।

2. नींबू के सेवन से उपचार : खाना खाने के बाद रोज नींबू के रस में अदरक का रस और काला नमक मिलाकर पानी में घोल लें और उसे पिएं इससे आपको अपच में बहुत लाभ होगा क्योंकि नींबू से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है और अपच की समस्या भी ठीक हो जाती है।

3. पीपल के सेवन से उपचार : अगर आप मंदाग्नि ओग से ग्रस्त हैं तो आप पीपल के पाउडर को गुड के साथ खा सकते हैं क्योंकि इस मिश्रण को खाने से मंदाग्नि तेज हो जाती है जिससे अरुचि, पीलिया और ह्रदय के रोगों से हमारी रक्षा होती है।

4. छाछ के सेवन से उपचार : जो लोग छाछ का सेवन करते हैं उन्हें मंदाग्नि रोग नहीं होता है। अगर किसी को मन्दाग्नि रोग हो भी जाता है तो उन्हें छाछ का सेवन भोजन के साथ करना चाहिए क्योंकि छाछ का सेवन करने से मंदाग्नि रोग नहीं होता है लेकिन बरसात के मौसम में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

5. अजवाइन के सेवन से उपचार : अगर आपको अपच की समस्या है तो आप अजवाइन के मिश्रण का सेवन कर सकते हैं। अजवाइन का मिश्रण बनाने के लिए आप अजवाइन का पाउडर, राई का पाउडर, पीसी हुई शक्कर या चीनी, नमक लें और इन सभी चीजों को बारीक पीस लें। इस मिश्रण को खाना खाने से पहले पानी के साथ लेने से मंदाग्नि की समस्या ठीक हो जाएगी।


मंदाग्नि से बचाव के उपाय (How To Save From Indigestion In Hindi) :

  • मंदाग्नि रोग से बचने के लिए किसी भी तरह के मानसिक तनाव वाले रोग से दूर रहना चाहिए।
  • किसी भी पाचन शक्ति को बढ़ाने वाली दवाई को लेने से पहले एक बार डॉ से परामर्श जरुर कर लेना चाहिए।
  • इसमें देर रात तक जगने और मैथुन से बचना चाहिए।
  • धीमे पचने वाले और ठन्डे पदार्थों को नहीं खाना चाहिए।
  • खाना खाते समय बार-बार पानी नहीं पीना चाहिए। खाना खाने के आधे या एक घंटे बाद पानी पीना चाहिए और पेट भरकर पानी पीना चाहिए।
  • खाने को चबाचबा कर खाना चाहिए। खाना खाने के बाद या खाते समय छाछ का सेवन करना बहुत अच्छा होता है।
  • ज्यादा टाइट या कसे कपड़े पहनने से बचे क्योंकि इससे आपके पेट पर दबाव पड़ सकता है।
  • खाने को धीरे-धीरे और पूरी तरह से चबा-चबाकर खाना चाहिए।
  • खाना खाने के बाद तीन घंटे तक सोना नहीं चाहिए और न ही व्यायाम करना चाहिए।

मन्दाग्नि में क्या खाएं (What To Eat In Indigestion) :

  • भोजन करने के आधे या एक घंटे बाद थोडा गुनगुना पानी पीना चाहिए।
  • हमेशा खाना आसानी से पचने वाला और मौसम के अनुकूल करना चाहिए।
  • सुबह और शाम के समय खाना खाने के बाद व्यायाम करना चाहिए।
  • मंदाग्नि रोग होने पर पाचन शक्ति को बढ़ाने वाले पदार्थों जैसे – अदरक, चित्रक, काली मिर्च, जीरा, पपीता, करौंदा, अनार, नींबू, लहसुन, सहजन, पिप्पली, मूंग, गेहूं, बाजरा, चावल, साबूदाना, हरी सब्जियां, पालक, मूंग की दाल, दही, चपाती, लौकी, तोरई, चीकू, अंगूर, अंगूर का रस, जामुन, फालसा, छाछा, मुनक्का, उबली हुई मछली, सेब का सिरका, सेब की चटनी, अनानास, सब्जियों का सूप, मूंग का जूस, गाय का दूध, छाछ, गर्म पानी, हींग, चांगेरी के पत्ते, बथुआ, मूली की जड़, सहिजन, करेला, परवल, तुलसी, लौंग, मिश्री, चोकर, सेब, संतरा, केला नाशपाती, मकोय, शहतूत आदि का सेवन करना चाहिए क्योंकि इनके सेवन से पाचक रसों का स्त्राव बढ़ जाता है।

मन्दाग्नि में क्या नही खाएं (Do Not Eat In Indigestion) :

जब भी किसी को मंदाग्नि रोग होता है तो उन्हें शराब, भांग, बीडी-सिगरेट, चाय, कॉफी, चाट-पकौड़े, पूरी-कचौड़ी, खोए से बनी हुई चीजें, तल कर बनाई गई चीजें, घी, डालडा, तैलीय पदार्थ, चटपटे पदार्थ, मिर्ची युक्त चीजें, बासी और प्रोटीन से भरी वस्तुएं, मिठाई, खीरा, ककड़ी, खट्टे पदार्थ, मांसाहारी भोजन, अधपके फल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हानिकारक होता है।

Related posts:

  1. कैंसर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Cancer In Hindi
  2. बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Fever In Hindi
  3. Chikungunya Ke Lakshan
  4. Headache In Hindi-सिर दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे क्या खाएं क्या नहीं खाएं-sar dard ki dawa
  5. पेट में गैस के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Gas Problem In Hindi
  6. उल्टी (जी मिचलाना) और मतली के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Vomoting In Hindi
  7. तिल्ली (प्लीहा) बढ़ने के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Enlargement Of Spleen In Hindi
  8. पेट में कीड़े होने का लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Intestinal Worms In Hindi
  9. हैजा (कॉलरा) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Cholera Disease In Hindi
  10. आमवात ज्वर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Rheumatic Fever In Hindi
  11. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (श्वास नलियों की जीर्ण सूजन) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Chronic Bronchitis In Hindi
  12. कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Frozen Shoulder In Hindi
  13. पाचन संस्थान के रोग-Diseases Of Digestive System In Hindi
  14. रक्त सम्बन्धी रोग-Diseases Of The Hematopoietic System in Hindi
  15. विष रोग चिकित्सा-Diseases of Toxicology In Hindi
  16. अनिद्रा (इनसोम्निया) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Insomnia In Hindi
  17. हिस्टीरिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Hysteria In Hindi
  18. Malaria Ke Lakshan-मलेरिया के लक्षण
  19. हेपेटाइटिस बी के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Hepatitis B In Hindi
  20. टॉन्सिल में मवाद पड़ने के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Peritonsillar Abscess In Hindi

Popular Posts

  • List of 3 forms of Verbs in English and Hindi – English Verb Forms
  • Hindi numbers 1 To 100 – Counting In Hindi – Hindi Ginti
  • ज़िन्दगी के मायने समझाते 300+ अनमोल विचार-Life Quotes In Hindi
  • Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)
  • Flower Names in Hindi and English फूलों के नाम List of Flowers
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध-Importance Of Hard Work Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • Hindi Numbers 1 to 50
  • Human Body Parts Names in English and Hindi – List of Body Parts मानव शरीर के अंगों के नाम
  • Vegetables Name In Hindi and English सब्जियों के नाम List of Vegetables a-z with details

More Related Content

  • सर्दी-जुकाम (नजला) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Common Cold In Hindi
  • शुगर (मधुमेह) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Diabetes In Hindi
  • खांसी के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Home Remedies For Cough In Hindi
  • कैंसर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Cancer In Hindi
  • बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Fever In Hindi
  • दस्त (डायरिया,लूस मोशन) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Diarrhoea/Loose Motion In Hindi
  • बवासीर (अर्श) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Piles (Hemorrhoids) In Hindi
  • Bawasir Ke Lakshan
  • Anemia In Hindi-लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Anemia Treatment In Hindi
  • Chikungunya – चिकनगुनिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • Chikungunya Ke Lakshan
  • Malaria – मलेरिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Malaria Ke Lakshan
  • Headache In Hindi-सिर दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे क्या खाएं क्या नहीं खाएं-sar dard ki dawa
  • पेट में गैस के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Gas Problem In Hindi
  • उच्च रक्तचाप के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-High Blood Pressure (Hypertension) In Hindi
  • कब्ज के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Constipation In Hindi
  • लो ब्लड प्रेशर के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Low Blood Pressure (Hypotension) In Hindi
  • Asthma Treatment In Hindi
  • Hiv Aids In Hindi – Aids Ka Gharelu Upchar
  • Hiv ke lakshan
  • Migraine ka ilaj
  • Height Kaise Badhaye-लम्बाई कैसे बढायें
  • बिमारियों से कैसे बचें
  • Home Remedies – जानिए कुछ घरेलु उपचार
  • लू लगने के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • Cholesterol Control Diet In Hindi-कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसे कैसे कंट्रोल करें
  • Arthritis-गठिया रोग के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
  • पीलिया के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे-Jaundice In Hindi
  • Long Hair Tips In Hindi-बाल झड़ने के कारण और बाल घने, लंबे और काला करने के तरीके-Hair Fall Treatment In Hindi
  • Malaria Ke Lakshan-मलेरिया के लक्षण
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • >>

Copyright © 2025 · Hindimeaning.com · Contact · Privacy · Disclaimer