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Basil In Hindi- तुलसी के फायदे, गुण और नुकसान,सेवन तरीका-tulsi benefits in hindi

तुलसी:

तुलसी दो प्रकार की होती है श्यामा तुलसी और रामा तुलसी पर इन दोनों में से श्यामा तुलसी बहुत काम आती है | हिन्दू धर्म में लोग इसकी पूजा करते है लेकिन इसका प्रयोग करके हम अपनी बहुत सी बिमारियों से मुक्ति पा सकते है | आयुर्वेद में तुलसी से बनी हुई बहुत दवाइयां है | इसका प्रयोग करके हम बड़ी से बड़ी बीमारी को अपने शरीर से निकाल सकते है | इसलिए इसकी पूजा की जाती है | इसको संजीवनी बूटी भी कहा जाता है इस के उपचार इस प्रकार है |

तुलसी के प्रकार :-

तुलसी मुख्यत: दो प्रकार की  पायी जाती है जोकि घरों में लगाई जाती हैं। इन्हें रामा और श्यामा कहा जाता है।

रामा तुलसी :- रामा के पत्तों का रंग हल्का होता है। इसलिए इसे गौरी कहा जाता है।

श्यामा तुलसी :- श्यामा तुलसी के पत्तों का रंग काला होता है। इसमें कफनाशक गुण होते हैं। यही कारण है कि इसे दवा के रूप में अधिक उपयोग में लाया जाता है।

तुलसी माला :

तुलसी माला १०८ गुरियों की होती है। एक गुरिया अतिरिक्त माला के जोड़ पर होती है इसे गुरु की गुरिया कहते हैं। तुलसी माला धारण करने से ह्रदय को शांति मिलती है।

तुलसी की प्रजातियाँ :-

तुलसी की कई प्रजातियाँ पायी जाती है जो की इस प्रकार है :-
1- ऑसीमम अमेरिकन (काली तुलसी) गम्भीरा या मामरी।
2- ऑसीमम वेसिलिकम (मरुआ तुलसी) मुन्जरिकी या मुरसा।
3- ऑसीमम वेसिलिकम मिनिमम।
4- आसीमम ग्रेटिसिकम (राम तुलसी / वन तुलसी / अरण्यतुलसी)।
5- ऑसीमम किलिमण्डचेरिकम (कर्पूर तुलसी)।
6- ऑसीमम सैक्टम
7- ऑसीमम विरिडी।

तुलसी के गुण :-

भारतीय संस्कृति में तुलसी को पूजनीय माना जाता है, धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ तुलसी औषधीय गुणों से भी भरपूर है। आयुर्वेद में तो तुलसी को उसके औषधीय गुणों के कारण विशेष महत्व दिया गया है। तुलसी ऐसी औषधि है जो ज्यादातर बीमारियों में काम आती है। इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खॉसी, दंत रोग और श्वास सम्बंधी रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। यह कम कैलोरी वाली जड़ी बूटी एंटीऑक्सीडेंट, जलन और सूजन कम करने और जीवाणुरोधी गुणों से समृद्ध है। इसके अलावा, यह विटामिन ए, सी और के, मैंगनीज, तांबा, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और ओमेगा -3 फैट्स जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से परिपूर्ण है। यह सभी पोषक तत्व आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छे हैं।

तुसली का सेवन कैसे करें :-

वैसे तो अलग अलग बिमारियों में तुलसी को अलग-अलग तरीके से खाया जाता है या सेवन किया जाता है पर जादा टार इसका सेवन ऐसे किया जाता है जैसे –

1. तुलसी का सेवन प्रातःकाल करना चाहिए क्यूंकि आयुर्वेद के अनुसार ये खली पेट ही लाभ करती है |
2. कभी भी तुलसी के पत्तों को धुप में नहीं सुखाना चाहिए क्यूंकि इससे इसके गुणों में कमी आती है|
3. इसका सेवन इसी पत्तियों को पीस कर करना चाहिए जादा चबानी नहीं चहिये|

यह भी पढ़ें :- Triphala Churna – त्रिफला चूर्ण के फायदे  , cancer – कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज

तुलसी के फायदे-(Tulsi ke fayde)

1. बुखार में फायदेमंद : जब किसी व्यक्ति को बुखार हो तो तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसको पीने से बुखार एक दम उतर जाता है | कितना भी तेज बुखार हो वो भी उतर जाता है इतनी फायेदेमंद है तुलसी बुखार में | ( Fever Treatment – बुखार के घरेलू उपाय )

2. चिकन गुनिया में फायदेमंद : जिन लोगो को चिकुन गुनिया है वो लोग तुलसी के पत्तों का काढा बनाकर पिए करना क्या है की जेसे आप चाय बनते हो बस इसे ही काढ़ा बनान है थोड़े से पानी में तुलसी के 4-5 पत्ते डालकर उसको उबालो थोड़ी देर तक उस में थोडा सा गुड भी डाल सकते हैं फिर आपको ये सुबह – सुबह पीना है जिन्दगी में कभी भी चिकन गुनिया नहीं हो सकता है ( Chikungunya – चिकनगुनिया के घरेलू उपचार )

3. दिल की बिमारियों में फायदेमंद : तुलसी में इतने औषधीय गुण है की इससे दिल की बिमारियों से बचा जा सकता है और इनका इलाज किया जा सकता है | तुलसी दिल की सभी बिमारियों की समस्या को दूर करता है | ये हमारे कोलेस्ट्राल के साथ-साथ blood pressure की समस्या को भी दूर करता है | करना क्या है आपको बीएस रोज सुबह- सुबह तुलसी की चार से पांच पत्तियां लेकर अच्छी तरह से चबानी है एसा करने से दिल की हर बिमारियों से बचा जा सकता है |

4. सर्दी में फायेदेमंद : यदि आपको सर्दी लग गयी है या फिर सर्दी से आपको बुखार चढ़ गया है तो तुलसी इसमें बहुत फयेमंद है आपको करना क्या है थोड़ी सी काली मिर्च, मिश्री, तुलसी के पत्ते पानी में अछे तरह से उबलने है मतलब आपको काढ़ा बनाना है फिर उसको पीना है 2 ही खुराक में सर्दी भाग जाएगी और बुखार भी उतर जाएगा | ( Jukam Ka Ilaj – सर्दी जुकाम का घरेलू उपचार

5. चोट लगने में फायदेमंद : अगर आपके शरीर में कही चोट लग गयी है तो तुलसी के पत्ते घाव को भरने में बहुत काम आते है करना क्या है की तुलसी के एक दो पत्ते लेना और उनके साथ फिटकरी लेना जहा पर चोट लगी है वहा पे ये लगाने हैं क्युकी तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो की घाव को भरने नहीं देते हैं | जिससे की घाव जल्दी ठीक हो जाता है |

6. यौन रोगों में फायदेमंद :- पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है|

7. चेहरे की चमक के लिए :- त्वचा संबंधी रोगों में तुलसी खासकर फायदेमंद है. इसके इस्तेमाल से कील-मुहांसे खत्म हो जाते हैं और चेहरा साफ होता है | ( गोरा होने का घरेलू उपाय )

8. खांसी में फायदेमंद :- तुलसी खांसी में बहुत ही लाभ देती है वैसे तो अप तुलसी की सीरप भी ले सकते हैं पर अगर आप इस सीरप को घर पर भी बना ले तो बहुत अच्छा होगा करना क्या है की आपको 6-8 पत्ते तुलसी के लेने हैं और 4-5 लौंग लेनी है फिर इनको 1 कफ पानी में खूब उबालें और इसमें थोडा सा नामक भी डाल दें फिर इसे ठंडा कर लें फिर इसे पी लें ये नुस्खा खांसी में बहुत लाभ देता है|

9. उल्टी दस्त में फायदेमंद :- उल्टी दस्त होने पर तुलसी के सेवन से आराम मिलता है करना क्या है की आपको तुलसी की 8-10 पत्तियां लेनी हैं फिर कुछ शहद व् थोडा सा जीरा लेना हैं फिर सभी को मिला लें और पीस लें अब इस पेस्ट को मरीज को हर 2 घंटे में दें बहुत आराम मिलता है|

10. मुहु की बदबू को करे दूर :– सांस की बदबू को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं और नेचुरल होने की वजह से इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है | अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें | इससे मुहु की बदबू भाग जाती है|

11. शारीरिक कमजोरी के लिए :- अगर आप अपने आप को कमजोर महसूस करते हैं तो आप रत को सोने से पहले 5-7 ग्राम तुलसी के बीज को गर्म दूध के साथ लें ऐसा करने से कुछ ही दिन में आपकी शारीरिक कमजोरी दूर हो जाएगी |

12. सर दर्द में फायदेमंद :- अगर आपके सिर में बहुत दर्द रहता है तो तुलसी का सेवन आपके सिर दर्द को खत्म कर देगा करना क्या है की आपको तुलसी के 10-12 पत्ते लेने हैं फिर इनको पीसना है पीसने के बाद आप इस को माथे पर लेप की तरह लगाएं इससे सिर दर्द में बहुत लाभ मिलता है नहीं तो आप नीम्बू और तुलसी के पत्तों का रश बराबर मात्रा में मिलाकर 2-2 चम्मच दिन में कम से कम 3-4 बार लें ऐसा करने से भी सिर दर्द में आराम मिलता है|

13. मस्तिष्क की गर्मी में फायदेमंद :- तुलसी मस्तिष्क की गर्मी के लिए बहुत ही फायदेमंद है अगर आप इसका सही सेवन करेंगे तो मस्तिष्क की गर्मी दूर होकर मस्तिष्क तरोताजा बनेगा करना क्या है की आपको प्रतिदिन 5-7 तुलसी के पत्ते और उसमें 1-2 काली मिर्च मिलाकर पीसे और इसको प्रतिदिन एक गिलास पानी में मिलाकर पीयें ऐसा करने से मस्तिष्क की गर्मी दूर होती है|

14. नकसीर में फायदेमंद :- नकसीर का अर्थ होता है नाक में से खून का बहना – इस रोग में आप तुलसी के पत्तें का पेस्ट बनाकर अथार्त चटनी सी बनाकर फिर उसे कपडे में भींचकर नीक में 3-4 बूँद डाले ऐसा करने से कुछ ही दिनों में नाक से खून आना बंद हो जाते हैं |

15. दमा रोग में फायदेमंद :- दमा रोग में आप तुलसी के 8-10 पत्ते और 3-4 काली मिर्च दोनों को मिलाकर सेवन करें ऐसा करने से दमा रोग में आराम मिलता है|

16. मुहु के छालों में फायदेमंद :- अगर आपके मुहं में छालें है आप पर कुछ खाया नही जा रा है तो आप तुलसी के पत्ते से साथ चमेली के पत्तों का सेवन करें अथार्त इन दोनों के पत्तों को बराबर मात्रा में खाने से मुहं के छाले जल्द ही ठीक हो जाते हैं |

17. पेट दर्द में फायदेमंद :- अगर आपके पेट में दर्द हो रहा है तो आप तुलसी व् अदरक दोनों का रश बराबर मात्रा में निकालकर गर्म पानी के साथ सेवन करें ऐसा करने से पेट की गर्मी भी दूर होती है और पेट साफ़ भी हो जाता है और पेट दर्द में काफी लाभ पहुचता है|

18. लकवा रोग में फायदेमंद :- लकवा रोग में तुलसी बहुत ही फायदेमंद होती है करना क्या है की आपको तिलसी के पत्ते के साथ सेंधा नमक मिलाकर इसे पीस लें फिर इसे रोगी के पीड़ित भाग पर लगायें इससे लकवा रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है|

19. फेफड़ों की सूजन के लिए :- जब व्यक्ति के फेफड़ों में सूजन आ जाती है तब व्यक्ति को बहुत तकलीफ होती हैं तो आप ऐसे में प्रतिदिन सुबह साम 1-2 चम्मच तुलसी के पत्तों का रश पीना है ऐसा करने से फेफड़ों की सूजन में लाभ पहुचता है|

20. कान के दर्द में फायदेमंद :- तुलसी कान के दर्द में बहुत ही लाभ पहुचती है करना का है की आपको तुलसी के पत्तों का रश निकाल लें फिर इसे थोडा सा गर्म कर लें फिर इसमें थोडा सा कपूर मिला लें फिर इसे रोगी के कान में डाले 1-2 बूँद ही डालें ऐसा करने से कान में दर्द तुरंत समाप्त हो जाता है|

21. कील मुहासों के लिए :- तुलसी चेहरे के कील मुहासों में को हटाकर चहरे को चमकाती है करना क्या है की आपको 10-12 पत्ते तुलसी के लेने है फिर इनको पीसना है फिर इस लेप को अपने चहरे पर लगा लें कम से कम् 10-15 मिनट तक लगायें रखें फिर तजा पानी से धो लें ऐसा करने से कील मुहासों में लाभ मिलता है|

22. आखों की जलन के लिए :- अगर आपकी आँखों में जलन होती है तो आप शाम तुलसी के अर्क की 2 बूंद आंख में डाल लें ऐसा करने से आँखों को जलन दूर होती है और रौशनी भी बढती है|

23. लू रोग में फायदेमंद :- लू लगने पर रोगी को तुलसी के 10-20 गर्म रश में थोड़ी सी मिसरी मिलाकर चाटने से लू में आराम मिलता है और साथ ही बचाव भी होता है |

यह भी पढ़ें :- गर्म पानी पीने के फायदे , गोरा होने का घरेलू उपाय , शुगर का घरेलू इलाज

24. चेचक रोग में लाभ :- चेचक रोग में तुलसी का सेवन बहुत ही जरुरी है सेवन कैसे करना है आपको तुलसी के कुछ पत्तों को अजवैन के साथ पीस लें फिर और प्रतिदिन इसका सेवन करें चेचक रोग में लाभ पहुचता है|

25. मिर्गी रोग ममें फायदेमंद :- तुलसी मिर्गी रोग में बहुत ही फायदेमंद है करना क्या है की आपको तुलसी के पत्तों को पीसकर रोगी के पूरे शरीर पर लगायें ऐसा करने से कुछ ही दिन में मिर्गी रोग में लाभ मिलता है|

26. किडनी के रोगों में लाभकारी :- किडनी की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाए गए जूस को शहद के साथ 6 महीनों तक रोज़ाना पीने से पथरी खत्म होकर बाहर निकल जाती है |

27. कुष्ठ रोग में लाभकारी :- तुलसी का सेवन कुष्ठ रोग में बहुत लाभकारी होता है करना क्या है की आपको तुलसी के पत्तों का रस निकालकर पीना है इससे कुष्ठ रोग में बहुत लाभ मिलता है|

तुलसी के अन्य फायदे :-

1. तुलसी के बीज को चूर्ण बनाकर दही के साथ खाने से खूनी बवासीर में लाभ होता है |
2. शहद में तुलसी की पत्तों का रस मिलाकर चाटने से चक्कर आने बंद हो जातें हैं |
3. दिन में दो बार 10-12 तुलसी के पत्ते खाने से तनाव से छुटकारा मिलता है |
4. जिन लोगों को दिल की बीमारी हो, उन्हें भी तुलसी पत्ते का नियमित सेवन करना चाहिए |
5. नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों को मिलाकर बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा में राहत देता है |

तुलसी के नुकसान

1. कुष्ठ रोग :- तुलसी का सेवन दूध के साथ नहीं करना चहिये इससे कुष्ठ रोग होने की सम्भावना बनी रहती है|

2. मस्तिष्क को नुकसान :- तुलसी का सेवन जरूरत से जादा नहीं करना चाहिए क्यूंकि मस्तिष्क को नुकसान पहुच सकता है|

3. रक्त को पतला करती है :- तुलसी हमारे शरीर में रक्त को पतला करती है और इसलिए इसे खून के जमने को रोकने वाली दवाओं के साथ नहीं लिया जाना चाहिए।

4. रक्त शर्करा में कमी :- यदि मधुमेह या हाइपोग्लाइसीमिया से पीड़ित लोग, जो दवा ले रहे हैं, तुलसी का सेवन करते हैं, तो उनके रक्त शर्करा में अत्यधिक कमी हो सकती है।

5. मासिक धर्म का कारण :- गर्भावस्था के दौरान तुलसी की अत्यधिक मात्रा गर्भाशय के संकुचन (uterine contraction) और मासिक धर्म का कारण बन सकती है।

6. एसिडिटी का होना :- अधिक मात्रा में सेवन करने से सीने में जलन, एसिडिटी और पेट में जलन पैदा हो सकती है।

7. चर्म रोग :- तुलसी के सेवन के बाद कभी भी दूध नहीं पीना चाहिए इससे चर्म रोग होने का खतरा रहता है|

8. दांत में परेशानी :- तुलसी लीफ अगर चबाये तो यह एसिडिक होने के कारण दांतो के उपर के इनेमल(enamel) को पिघला सकते है|

9. प्रजनन शक्ति कमजोर :- इसके सेवन से प्रजनन शक्ति पर भी कमजोरी आ सकती है तो इसका ज्यादा इस्तेमाल नही करना चाहिए।

10. शहद के साथ ना लें :- तुलसी रस को अगर गर्म करना हो तो शहद साथ में ना लें। कारण गर्म वस्तु के साथ शहद विष तुल्य हो जाता है।

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