नीम का परिचय :-
नीम की जितनी भी प्रन्संसा की जाये इतनी ही कम है | क्यूंकि नीम से न जाने हमारे कितने रोग ठीक होते हैं | कुछ लोग नीम को कडवा समझ कर उसका प्रयोग नहीं करते है | जो नीम का वृक्ष है वो हमको औषधी के रूप मैं प्राप्त हुआ है | नीम से न जाने हमारी कितनी बीमारियाँ ठीक होती है | नीम से ही नहीं बल्कि नीम की दातुन से भी बहुत ही अदभुत फायदे हैं | हमारे बुजुर्ग कहते हैं की जहाँ पर भी नीम का वृक्ष वहां बीमारी कैसे आ सकती है | घर के बाहर नीम का पेड़ लगा है तो 200 तरह के वाइरस और बेक्टीरिया आपके घर मे नहीं घुसेंगे | नीम की न जाने आयुर्वेद मैं कितनी औषधियां बनायीं गयीं है |
नीम मैं आक्सीजन की मात्रा :-
नीम का वृक्ष वातावरण को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन प्रदान करता है | दोस्तों वही ऑक्सीजन जो अस्पतालों में मरीजों को दी जाती है | अब आप अंदाजा लगा लीजिये अस्पतालों मैं ये ऑक्सीजन न जाने कितने रुपीस से दी जाती हैं और वो ही नीम आपको फ्री मैं प्रदान करता है | तो भाइयो जानते हैं कैसे एक नीम का पेड़ 1 साल में 15 लाख रूपये की आक्सीजन देता है ! अगर आप संकल्प ले कि आप अपने हर जन्मदिन पर 1 नीम का पेड़ लगाएँगे और मान लो आपके 50 जन्मदिन आयें और आपने 50 नीम के पेड़ लगाये ! तो 50 x 1500000 (15 लाख ) = 7.50 करोड़ तो (साढ़े सात करोड़) की आक्सीजन आप देश को दान देंगे ! और अगर कोई आप से ऐसे मांग ले कि भाई साढ़े सात करोड़ देश के लिए दे दो ! तो आप कहेंगे है ही नहीं ! और इतने नीम के पेड़ होने से देश मे बढ़ रही प्रदूषण की समस्या भी हल हो जाएगी |
नीम से उपचार :-
बुखार का उपचार :- चाहे कितना भी तेज बुखार हो नीम की छाल से कितना भी तेज बुखार उतर जाता है | तो भाइयो जानते हैं की इसकी औषधी कैसे बनायें – सबसे पहले थोड़ा पानी गैस पर रख दो गर्म होने के लिए फिर उसमे तुलसी के पत्ते डाल दो और फिर इस काढ़े में नीम की छाल का थोडा-सा पाउडर मिला दें फिर इस काढ़े को रोगी को पिला दें एक दम से बुखार उतर जाता है |
बुखार का पूरा उपचार जाने यहाँ से – बुखार का इलाज
लेने का समय :- बुखार होने पर इसका सेवन करें |
कान के रोगों मैं लाभदायक :- कानों की बहुत बिमारिय होती है जेसे कानो का बहना , बेह्रापन , तो इन दोनों बिमारियों का नीम से बहुत अच्छा इलाज है (1.) कान बेहने का इलाज :- जिन लोगों के भी कान बेहते हैं वो लोग नीम के तेल को कान मैं डालें | इससे कान का बहना एक दम बंद हो जाता है | और इसके साथ साथ ही कान का दर्द भी बंद हो जाता है | ( 2.) :- बेहरेपन का इलाज :- जिन लोगों को कम सुनाई देता है वो लोग नीम का तेल थोडा-सा गर्म करके ( याद रखें ज्यादा गर्म नहीं करना बस थोडा सा गर्म करना ) उसको कान मैं डालें | ऐसा करने से जल्द ही दिनों मैं सही तरह से सुनायी देने लगता है |
लेने का समय :- जब ये कान के रोग हों तब इन औषधियों का प्रयोग करें |
घाव मैं फायदेमंद :- अगर शरीर पर घाव हो जाते हैं तो इसकी सबसे अच्छी दवा है नीम की निंबोली जोकि नीम का फल होता है उसका तेल निकाल के घाव पर लगाने से घाव एक दम ठीक हो जाता है |
लगाने का समय :- घाव होने पर लगायें |
पेट के रोगों के लिए :- भाइयों पेट के जितने भी रोग है उनका एकमात्र इलाज है नीम | सुबह-सुबह खाली पेट 4-5 नीम की पाती प्रतिदिन चबाएं | जितने भी पेट मैं कीड़े हैं वो सभी मर जाएँगे और साथ मैं ही पेट के सभी रोगों से भी छुटकारा मिल जाएगा |
लेने का समय :- हप्ते मैं 3 दिन 7 हप्ते तक सुबह-सुबह 3-4 पत्ती |
हैजे मैं फायदेमंद :- जो लोग भी हेजे से पीड़ित है वो लोग 10-12 नीम के पत्ते लेके इन पत्तों को पानी में मिलकर रोगी को पिलाने से हेजा रोग ठीक हो जाता है |
लेने का समय :- सुबह-सुबह खाली पेट 10-15 दिन |
नाभि के रोगों में फायदेमंद :- जिन लोगों को भी नाभि की बीमारी है जेसे नाभि का पकना , दर्द , रक्त का आना इत्यादि | जिनको भी ये बीमारी है वो लोग नीम के पानी से अपनी नाभि को प्रतिदिन धोएं और उसके ऊपर फिर नीम की छाल घिसकर लगानी है | ऐसा करने से इन सभी रोगों मैं फायदा होगा |
लगाने का समय :- जब तक की नाभि रोगों मैं लाभ न मिले तब तक इसका प्रयोग करें |
घमोरियों मैं लाभदायक :- जिन भी लोगों के शरीर पर घमोरियां हो जाती हैं वो लोग नीम की छाल का पाउडर बनाकर उसे घमोरियों पर लगायें | और साथ में ही पानी में कुछ नीम की पत्तियां डालकर उबाल कर उस पानी से नहायें | ऐसा करने से घमोरियों मैं जल्द ही लाभ होगा |
प्रयोग करने का समय :- जब तक घमोरियों मैं लाभ न हो |
चेहरे का रंग निखारने के लिए :- चेहरे का रंग साफ़ करने व् चेहरे के दाब धब्बे मिटाने मैं नीम बहुत ही लाभदायक है | नीम की निबोलियों के बीज को पीसकर प्रतिदिन चेहरे पर लेप की तरह लगायें और 5-10 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें | ऐसा करने से कुछ ही दिनों मैं चेहरे का रंग साफ़ होने के साथ-साथ मुहासों के दाग धब्बों के निसान भी साफ़ हो जाएँगे |
लगाने का समय :- 20-25 दिन तक लेप की तरह लगायें |
दांत व् मसूढ़ों को मजबूत बनाने के लिए :- कोलगेट की जगह नीम की दातुन प्रतिदिन करने से न तो दांतों मैं कीड़े लगते है और साथ मैं ही गले मैं ये नीम लारिमा भी बनाता है | जो की हमारे पाचन तन्त्र मैं काम आता है |
लेने का समय :- जब-तक जिन्दगी है तब तक सुबह-सुबह रोज नीम की दातुन करें |
बवासीर मैं फायदेमंद :- बवासीर वाले रोगियों को नीम के बीजों को सुखाकर फिर उनका चूर्ण बनाना है | फिर इस चूर्ण को सुबह-सुबह खाली पेट लेना है गर्म पानी के साथ | ऐसा करने से जल्द ही दिनों मैं बवासीर मैं लाभ मिलता है |
बवासीर का पूरा उपचार जाने यहाँ से – बवासीर का आयुर्वेदिक उपचार
लेने का समय :- सुबह-सुबह गर्म पानी के साथ खाली पेट |
मच्छरों से बचने के लिए :- मच्छरों से न जाने कितनी बीमारियाँ फैलती है जेसे डेंगू, मलेरिया, चिकन गुनिया, बुखार , इत्यादि ऐसी बीमारी है जो की मच्छरों के काटने से फैलती हैं | मच्छरों को नष्ट करने के लिए नीम की पत्तियों को रात को जलाकर धुयाँ करना है | इस धुएं से बीमारी करने वाले मच्छर मर जाते है | जिससे की हम होने वाली कुछ बिमारियों से बाख जाते हैं |
गठिया मैं लाभदायक :- जिन को भी गठिया रोग होकर उनकी गांठों पर सूजन रह जाती है उस सूजन पर नीम के तेल की मालिश करने से सूजन मैं बहुत लाभ मिलता है |
लगाने का समय :– 4-5 दिन दिन मैं तीन समय सुबह,दोपहर,साम
रक्त शोधन मैं लाभदायक :- सुबह-सुबह खाली पेट 4-5 नीम की पत्तियां चबाने से रक्त शोधन मैं बहुत ही लाभ होता है | इससे रक्त बिलकुल साफ़ हो जाता है |