मुलेठी(Mulethi) :
मुलेठी हमारे देश के ज्यादातर खुश्क भागों में पैदा होती है। मुलेठी को बहुत से राज्यों से भी मंगवाया जाता है। मुलेठी का जो पौधा बहुवर्षीय होता है उसकी ऊँचाई 3 से 6 फुट होती है। इसका स्वाद मीठा होता है। अच्छी वाली मुलेठी में कभी भी कडवाहट नहीं होती है। मुलेठी की गंध मीठी सी होती है। काण्ड और मूल मधुर होने से मुलहठी को यष्टिमधु कहा जाता है।
मुलेठी के विभिन्न नाम इस प्रकार है जैसे संस्कृत में मुलेठी को मधुयष्ट या यष्टिमधु कहते हैं। और अंग्रेजी में किलोरिस रूट, हिंदी में मुलहठी या मुलेठी, मराठी में जयेष्ठमधु, बंगाली में यष्टिमधु, और लैटिन में मुलेठी में ग्लिसराइजा ग्लेब्रा कहते हैं।
असली मुलेठी की पहचान : वनौषधि निर्देशिका के लेखक के अनुसार उत्तम मुलहठी में किसी भी प्रकार की तिक्तता नहीं पायी जाती है। विद्वान लेखक लिखते हैं कि यदि मुलहठी को गंधकाम्ल (सल्फ्यूरिक एसिड 80 प्रतिशत वी.वी.) में भिगाया जाए तो वह शेष पीले रंग का हो जाता है। यही इसकी पहचान करने के उच्चतम तरीका है।
मुलेठी के औषधीय गुण (Medicinal properties of Mulethi) :
मुलेठी में चीनी से 59 गुना अधिक मीठापन होता है। यह अलग -अलग प्रजातियों में 14 % तक पाया जा सकता है यह सिर्फ जड़ में ही मिलता है। मुलेठी खांसी, गले की खराश, उदरशूल क्षयरोग, श्वासनली की सूजन तथा मिरगी आदि के इलाज में उपयोगी है।
मुलेठी का सेवन आँखों के लिए भी लाभकारी है। इसमें जीवाणुरोधी क्षमता पाई जाती है। यह शरीर के अन्दरूनी चोटों में भी लाभदायक होता है। इसमें अंदर कुछ पीलापन होता है क्योंकि इसमें 2.2 % आइसोलिक्विरिटन ग्लाइकोसाइड होता है।
मुलेठी के फायदे (Mulethi Ke Fayde)
1. हर्दय को स्वस्थ रखने में मुलेठी फायदेमंद (Beneficial Mulethi for Keeping the Heart Healthy In Hindi) :
जो लोग अपने ह्रदय को अनेक रोगों से बचाना चाहते हैं वो लोग मुलेठी के प्रयोग से ह्रदय को स्वस्थ रख सकते हैं। मुलेठी कोलेस्ट्रोल भी नियंत्रित रखने में मदद करती है। यह शरीर के पित्त के प्रवाह को भी बढ़ाता है।
2. गले की बीमारी में फायदेमंद मुलेठी (Beneficial Mulethi in Throat Disease In Hindi) :
जिन लोगों को खांसी बहुत होती है उन लोगों को मुलेठी के टुकड़े को मुंह में रखकर चूसते रहने से बहुत फायदा मिलता है। इससे शरीर के बलगम को बाहर निकलने में बहुत मदद मिलती है और कांसी में भी बहुत आराम मिलता है। मुलेठी से गले की खरास भी ठीक होती है।
3. नेत्रों रोगों में फायदेमंद मुलेठी (Mulethi Benefits of Eye diseases In Hindi) :
जिन लोगों को नेत्रों में तकलीफ होती हैं उन लोगो को मुलेठी का सेवन जरुर करना चाहिए। जड़ के चूर्ण मेंसमान मात्र में सौंफ को मिलाकर सेवन करने से नेत्रों के रोग ठीक हो जाते हैं।
4. अंदरूनी चोटों में फायदेमंद मुलेठी (Beneficial Mulethi in indoor injuries In Hindi) :
इसमें जीवाणुरोधी क्षमता पाई जाती है जिसके कारण ये शरीर के अन्दरूनी चोटों में भी लाभदायक होती है। इसलिए प्रतिदिन मुलेठी का सेवन करना चहिये।
5. प्रतिरक्षा के सुधार में लाभदायक मुलेठी (Beneficial Mulethi in Improvement of Immunity In Hindi) :
मुलेठी की जड़ के अर्क से लिम्फोसाइट्स और मैक्रोफेज के उत्पादन में भी विकास होता है। इससे रक्षा तंत्रिका में सुधार में लाभ होता है। इससे माइक्रोबियल हमले को भी राका जा सकता है। यह प्रतिरक्षा की जटिलताओं को कम करने भी सहायता करती है।
6. मुलेठी करती है सूजन को कम (Benefits of Mulethi in inflammation In hindi) :
मुलठी में बहुत ही शक्तिशाली अनुत्तेजक और एंटी-एलर्जी गतिविधियाँ होती हैं यह गठिया के समस्याओं में और गठिया की सुजन को दूर करने में सहायता करती है। इससे आँख के रोगों को भी ठीक करने में बहुत ही मदद मिलती है। मुलेठी ग्लिसरीप्रसिन गतिविधि की सहायता से नेत्रश्लेष्मलाशोथ का इलाज करने में मदद करती है। इससे जिगर की सुजन को भी दूर करने में फायदा मिलता है।
7. मुलेठी से पेट दर्द का इलाज (Treatment of stomach ache with Mulethi In Hindi) :
जिन लोगों को पेट में दर्द होता है उन लोगो के लिए मुलेठी बहुत ही फायदेमंद होती है। मुलेठी में कुछ ऐसे एन्जाइम होते हैं जो पेट के दर्द में बहुत ही आराम देते हैं। मुलेठी के चूर्ण को एक चम्मच शहद के साथ सेवन करने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
8. पेशाब जलन में लाभदायक मुलेठी (Beneficial Mulethi in urine irritation In Hindi) :
जिन लोगों को पेशाब जलन की शिकायत रहती है उन लोगों को मुलठी के एक चम्मच चूर्ण को एक कप दूध के साथ लेना चाहिए। इससे पेशाब की जलन में बहुत ही फायदा मिलता है।
9. छालों में फायदेमंद मुलेठी (Chhalon Men faydemand Mulethi In hindi) :
जिन लोगों को मुंह में छाले होते हैं उनके लिये मुलेठी बहुत ही लाभदायक होती हैं। मुलेठी को शहद के साथ खाने से मुंह के छालों में बहुत लाभ होता है। इससे पेट या आंत के छाले भी ठीक हो जाते है। आपको मुलेठी के एक चम्मच चूर्ण के साथ एक कप दूध का सेवन करने से पेट या आंत के छाले में बहुत लाभ होता है।
10. अल्सर में लाभदायक मुलेठी (Beneficial Mulethi In Cysts In hindi) :
जिन लोगों को पेट में अल्सर की शिकायत होती है उन लोगों को मुलेठी का प्रयोग करना चाहिए। मुलेठी का प्रयोग करने से अल्सर में और अल्सर के घावों के ठीक करने में बहुत फायदा मिलता है। मुलेठी से कब्ज और साइन की जलन में भी आराम मिलता है।
11. स्मृति में लाभदायक मुलेठी (Beneficial Mulethi in memory In Hindi) :
जिन लोगों स्मृति के रोगों की शिकायत होती है उन लोगों मुलेठी का प्रयोग करना चाहिए। मुलेठी से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। मुलेठी से मष्तिस्क को उत्तेजित करने में सहायता मिलती है। मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट संपत्ति होती है जो दिमाग की कोशिकाओं पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है।
12. पाचन प्रणाली में फायदेमंद मुलेठी (Beneficial Mulethi in the digestive system In Hindi) :
जिन लोगों को पाचन की समस्याएँ होती हैं उनके मुलेठी बहुत ही लाभकारी होती है। मुलेठी में कुछ ग्लाइसीराहिजिन और इसकी मिश्रित कार्बनएक्सोलोन होती हैं जिससे पाचन शक्ति में लाभ होता है। मुलेठी से पीएच स्तर को बनाए रखती है।
मुलेठी के कुछ प्रभावशाली फायदे (Some Effective Benefits Of Mulethi In Hindi) :
1. हिचकी में लाभदायक :- जिन लोगों को हिचकियाँ बहुत आती हैं वे लोग मुलेठी की जड़ को चूसते रहें तो उनको हिचकियाँ आनी बंद हो जाएँगी। इसमें पांच ग्राम मुलेठी के चूर्ण को पानी के साथ लेने से भी हिचकी में आराम मिलता है।
2. शारीरक जलन में लाभदायक :- जिन लोगों को शरीर पर जलन होती है उन लोगों को चन्दन और मुलेठी को समान भागों में पानी में पीसकर शरीर पर लगाने से शारीरिक जलन ठीक होती है।
3. सिर दर्द में लाभदायक :- मुलेठी सिर दर्द में बहुत ही फायदेमंद होती है। मुलेठी के बीजों को पीसकर सूघने से सर्दी और जुकाम से जो सिर दर्द होता है वो ठीक हो जाता है।
4. कैविटी में लाभदायक :- जिन लोगों को कैविटी बहुत जल्दी होती है उन लोगों को मुलठी का प्रयोग करना चाहिए। मुलेठी का प्रयोग करने से कैविटी फ़ैलाने वाले बैक्टीरिया को रोकना बहुत आसन हो जाता है। स्वास्थ्य के लिए इसकी जड़ के पाउडर का प्रयोग करना चाहिए।
5. मिर्गी में लाभदायक :- जिन लोगों को मिर्गी के दौरे के दौरे पड़ते हैं उन्हें मुलेठी के जड़ के चूर्ण में घी मिलाकर चटना चाहिए इससे मिर्गी में बहुत लाभ होता है।
6. खून की उल्टी में लाभदायक :- जिन लोगों को खून की उल्टी होती है उन लोगों को मुलेठी का चूर्ण शहद के साथ सुबह और शाम खाना चाहिए। ऐसा करने से खून की उल्टियों में बहुत फायदा होता है।
7. पीरियड में लाभदायक :- जिन औरतों को मासिक धर्म के रोग होते हैं उनको मुलेठी के चूर्ण को आधा चम्मच चाटना चाहिए। मुलेठी के चूर्ण का सुबह-शाम सेवन करने से मासिक धर्म के अनेक रोगों में बहुत लाभ मिलता है।
8. हार्मोनल विनियमन में लाभदायक :- जिन महिलाओं को हार्मोनल के असंतुलन की समस्या होती हैं उन्हें मुलेठी के प्रयोग से हार्मोनल के असंतुलन की समस्या को दूर करने की सहायता मिलती है क्योंकि मुलेठी की जड़ में फाइटोस्ट्रोजेनिक यौगिक होते हैं जो रजोनिवृत्ति के लक्षणों के विरुद्ध बहुत ही मूल्यवान कार्यवाई करते हैं।
9. अच्छी आवाज में लाभदायक :- जो लोग गायक होते हैं उन लोगों के लिए मुलेठी बहुत ही लाभदायक होती है। गाने से पहले लोग इसका एक टुकड़ा चूसकर अपनी आवाज को को स्पष्ट करने में फायदा करते हैं।
10. बदबू दूर करने में लाभदायक :- जिन लोगों को मुंह की बदबू की शिकायत होती है उन लोगों को मुलेठी का प्रयोग करने से लाभ होता है। मुलेठी में जीवाणुरोधी और रोगानुरोधी गुण होते हैं जो की मुंह की बदबू को दूर करने में मदद करते हैं। मुलेठी से दांत और मसूड़े भी मजबूत होते हैं।
11. मुलेठी के स्त्राव में लाभदायक :- जिन लोगों के मुंह में लार का स्त्राव बहुत कम होता है उनके मुलेठी को प्रयोग करने से मुंह में लार का स्त्राव बढ़ जाता है और भोजन को भी अच्छी तरह सर विलगित करने में मदद करती है।
मुलेठी के नुकसान (Side Effects Of Mulethi In Hindi) :
1. मुलेठी से गुर्दा और प्लीहा को बहुत नुकसान होता है |
2. जब इसे लबें समय तक प्रयोग किया जाता हैं तो लबें समय के प्रयोग से वजन ज्यादा बढ़ सकता है |
3. जिन लोगों को हाइपोथायरायडिज्म होता है उन लोगों को मुलेठी का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए |
4. लिकोरिस में एस्ट्रोजेन गुण के होने की वजह से यह संबंधित विकारों से ग्रस्त लोगों को बहुत ही प्रभावित करते हैं | इनका उपभोग करने से बहुत सी गंभीर समस्याएँ जैसे – स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर हो सकती हैं |
5. जब मुलेठी का प्रयोग ज्यादा किया जाता है तब लोगों में सिर दर्द , सूजन मांसपेशियों की कमजोरी , सांसों की तकलीफ , जोड़ों में कठोरता जैसे रोग उत्पन्न हो जाते हैं | कभी-कभी पुरुषों में मुलेठी का ज्यादा प्रयोग करने से टेस्टोस्टेरोन की मात्रा भी कम हो जाती है |
6. मुलेठी का प्रयोग मोटापा , मधुमेह , गुर्दा , ह्रदय और मासिक धर्म से संबंधित बिमारियों की चिकित्सा शर्तों वाले लोगों को नहीं करना चाहिए |
7. मुलेठी गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए हानिकारिक होती है |