दही का परिचय :-
दही खाने के रूप मैं प्रयोग करते है| दही पेट के रोगों के लिए बहुत अच्छी दवा है| क्यूंकि दही मैं प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है| दूध से दही बनायीं जाती है| जब दूध दही मैं परिवर्तित होता है तब विटामिन B में विशेषकर रिबोफ्लेवीन, थायमिन की मात्रा दुगनी हो जाती है| दही का सेवन लोग ज्यादा इसलिए करते हैं क्यूंकि जल्दी पच जाती है| दही के भी कई प्रकार होते हैं| जोकि इस प्रकार है मंद,अत्यम्ल,अम्ल,स्वद्वल्म,स्वादु| इसका स्वाद खट्टा और मीठा होता है| जब इसका सेवन किया जाता है तो ये शरीर को शीतलता पहुंचाती है| तो आइये जानते है इसके फायदे के बारें मैं|
दही जमाते कैसे है :-
सबसे पहले रात को ढूध को गर्म कर लें | फिर उसे ठंडा होने के लिए रख दें| ठंडे होने के बाद उसमें उसमें थोडा-सा बीछन डाल दें| मतलब उसमें थोडा-सा दही या अगर छाछ हो तो उसमें 2-3 टपका डाल दें| फिर उसे ढक कर रख दे| फिर वह सुबह आपको दही के रूप मिलेगी| क्यूंकि रातों-रात वह दही मैं परिवर्तित हो जाती है|
दही के फायदे :-
आग से जलने पर :- अगर व्यक्ति आग से जल जाता है| उसका अबसे अच्छा इलाज है ये दही| बरगद एक वृक्ष होता है उसकी कोंपल मतलब मुलायम पत्तियों को पीसकर उसको फिर दही मैं मिलकर रूगी के जले हुए भाग पर धीरे-धीरे लगाएं कुछ दिनों तक| देखना जल्द ही दिनों मैं घाव भरता हुआ नजर आएगा|
लगाने का समय :- जब व्यक्ति जल जाए |
होठों की लालिमा के लिए :- कुछ लोग अपने होठों को सुन्दर बनाने के लिए न जाने क्या-क्या करते है | होठों की लालिमा बढाने के लिए प्रतिदिन दही को अपने होठों पर लगाएं| अगर आपके पास थोड़े पैसे हैं तो आप दही मैं थोडा-सा केसर मिलाकर होठों पर लगाएं| कुछ ही दिनों मैं अदभुत प्रन्नाम देखनो को मिलेगा|
लगाने का समय :- दिन में कभी-भी इसे आप लगा सकते हो|
दाद मैं फायदेमंद :- जिन भी व्यक्तियों के शरीर पर दाद हैं वो लोग दही मैं बेर के पत्ते पीसकर दाद पर लगाएं| कुछ ही दिनों मैं दाद ठीक हो जाएगा| नहीं तो आप सिर्फ दही ही लगा सकते हो|
हाथ-पेरों मैं जलन होने पर :- जिनके भी हाथ पीरों मैं जलन रहती है वो लोग अपने हाथ पेरों की दही से मालिस करें| बहुत जल्दी आराम मिलेगा|
खुजली मैं फायदेमंद :- शरीर के जिस भी हिस्से मैं खुजली रहती है उस हिस्से पर दही लगाएं या फिर मालिश करें| कुछ ही दिनों मैं खुजली दूर हो जाएगी|
गोरा होने के लिए करें दही का प्रयोग :- गोरा होने के लिए दही व् ढूध को स्र्वोच्तम माना गया है| थोड़े से बेसन मैं दही मिलाकर चेहरे पर लगाये| 5-10 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से मुहं को धो लें| जल्द ही दिनों मैं चेहरे का रंग निखर जाएगा और साथ की चेहरे की झुर्रियां, दाग,दब्भे, मुहासे भी गायब हो जाएँगे|
नकसीर का फूटना :- ये रोग ज्यादातर गर्मियों मैं बहुत होता है| इस रोग मैं नाक मैं से खून बहने लगता है| तो ऐसे मैं नकसीर वाले व्यक्ति को दही की लस्सी बनाकर पीनी चाहिए क्यूंकि ये बहुत ठंडी होती है| अगर आप लस्सी भी न पी सको तो थोड़ी सी दही मैं 3-4 काली मिर्च का चूर्ण बनाकर उसे दही मैं मिला लें फिर उसका सेवन करें| ऐसा करने से नाक से खून का बहना बंद हो जाता है|
पेट के कीड़े मारने मैं फायदेमंद :- कुछ लोगो को पेट की बीमारी रहतीं हैं जेसे भोजन का न पचना, गैस इत्यादि ये सभी बीमारी ज्यादातर पेट मैं कीड़े होने जी वजह से होती हैं| दही पेट के कीड़े मारने मैं बहुत फायदेमंद होती है| दही मैं सुद्ध-देशी शहद मिलाकर उसका सुबह-साम सेवन करें|
लेने का समय :- सुबह-साम 4-5 दिन तक सेवन करें|
अधिक प्यास लगने पर :- दोस्तों कुछ लोगों को जरूरत से ज्यादा प्यास लगती है जिसे बादी की प्यास बोलते हैं| जो की रोगों को बुलावा देती है| ऐसे मैं दही मैं थोडा-सा गुड मिलकर खाने से बादी की प्यास खत्म हो जाती है|
दस्तों मैं फायदेमंद :- दस्त होने पर दही के साथ 1-2 केला खाएं | बस इससे ही दस्त बंद हो जाते है| अगर दस्त बहुत ज्यादा है तो गंभीर दस्तो का उपचार जानने के लिए यहाँ क्लिक करें – दस्तों का उपचार
मुहं के छालों मैं फायदेमंद :– जो लोग भी मुह के छालों से परेसान है वो लोग प्रतिदिन सुबह-सुबह छालों पर दही लगायें| अगर छाले बहुत ज्यादा है तो देशी गौ मूत्र से कुल्ला करें| एक से दो बार कुल्ला करने पर ही ठीक हो जाओगे|
गंजेपण के रोग का इलाज :- जिन व्यक्तियों के बाल बहुत झड़ते हैं या फिर चाँद गंजी निकल आई है तो वो लोग दही को ताम्बे के बर्तन मैं रिग्डे तब तब रिग्डे जब तक की दही का रंग हरा न हो जाए| जब दही हरे रंग मैं परिवर्तित हो जाए फिर इसे सर पर लगायें ऐसा करने से जहा पर भी गंजापन है वहां पर नये बाल उगने शुरू हो जाते हैं|
नशा उतारने मैं फायदेमंद :- कुछ लोग ज्यादा नशा कर लेते है तो वो लोग ताजा दही खाएं| ऐसा करेने से भांग का नशा उतर जाता है|
अपच मैं फायदेमंद :- जिन लोगों का भोजन नहीं पचता वो लोग दही मैं जीरे को भूनकर पीसकर उसमें थोडा-सा काला नमक, काली मिर्च ये सभी मिलाकर पर्तिदिन खाएं| ऐसा करने से अपच रोग ठीक हो जाता है|
कोन-कोन से व्यक्तियों को दही का सेवन नहीं करना चाहिए :-
1. दमा वाले रोगी दही का सेवन न करें|
2. स्वांस वाले रोगी दही का सेवन न करें|
3. कफ वाले व्यक्ति को|
4. बुखार वाले व्यक्ति को| इन सभी रोगों से ग्रस्त व्यक्ति को दही का सेवन अनहि करना चाहिए|