सफेद मूसली-(Safed Musli) :
सफेद मूसली को वाइट मूसली भी कहा जाता है। सफेद मुसली एक तरह की दवा होती है जिसे आयुर्वेद में एक चमत्कार की तरह जाना जाता है। यह एक तरह का पौधा होता है जिसके अंदर छोटे-छोटे फूल लगते हैं। यह बहुत सी बिमारियों का इलाज करने में मदद करता है।
इसे दुसरे बहुत से पदार्थों के साथ मिलाकर भी औषधि बनाई जाती है। सफेद मूसली को आयुर्वेद और हर्बल विज्ञान में प्रयोग किया जाने वाला एक बहुत ही शक्तिशाली कामोत्तेजक और स्ट्रिंग एड़ेड़ोजेनिक जड़ी बूटी है।
सफेद मूसली विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिय होती है जिनमें शुक्राणुओं की संख्या कम होती है और कामेच्छा भी कम होती है। आयुर्वेद में सफेद मूसली की जड़ पाउडर का प्रयोग किया जाता है। इसे आयुर्वेदिक योगों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है जिसमें मूसली पाक शामिल है। यह अपने आप उगने वाला पेड़ है।
सफेद मूसली का सेवन-(How To Eat Safed Musli) :
आप सफेद मूसली की जड़ों को पीसकर उनका पाउडर बना सकते हैं। इस पाउडर को बहुत सी जगहों पर अलग-अलग तरीकों से बेचा जाता है क्योंकि इसे खाने का तरीका भी अलग-अलग हो सकता है। आप सफेद मूसली की जड़ों का पाउडर भी ले सकते हैं अगर पाउडर नहीं लेना चाहते तो आप इसके कैप्सूल भी ले सकते हैं। सफेद मूसली के पाउडर को खाना खाने के दो या तीन घंटों के बाद लेना चाहिए।
1. बच्चों के लिए सेवन : आप अपने बच्चों को इसका सेवन करा सकते हैं लेकिन इसका सेवन अधिक मात्रा में न कराएँ क्योंकि यह खतरनाक हो सकता हैं। आप अपने बच्चों को सफेद मूसली के पाउडर को एक बार में सिर्फ एक ग्राम का ही सेवन करने दें।
2. लडकों के लिए (जो 13 से 19 साल के हों) : लडके इस पाउडर का एक या डेढ़ ग्राम से लेकर दो ग्राम तक सेवन कर सकते हैं लेकिन इससे अधिक लेना हानिकारक भी हो सकता है।
3. जवान के लिए (जो 19 से 60 साल के हों) : जवान इस पाउडर को केवल तीन से लेकर छः ग्राम की मात्रा तक ही ले सकते हैं।
4. बुजुर्गों के लिए सेवन : बुजुर्ग लोगों को इसकी तीन ग्राम से अधिक मात्रा का सेवन नहीं करना चाहिए यह उनके लिए खतरनाक भी हो सकता है।
5. गर्भवती के लिए सेवन : जो स्त्रियाँ गर्भवती होती है या स्तनपान कराती हैं उन्हें सफेद मूसली की केवल एक ग्राम से दो ग्राम की मात्रा तक ही सेवन करना चाहिए इससे अधिक मात्रा उनके और उनके बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
सफेद मूसली की पहचान-(Identification of Safed Muesli) :
सफेद मूसली एक औषधि होती है जिसके पत्ते थोड़े खड़े होते हैं और इसकी जड़ों का आकार ट्यूब की तरह का होता है। इसके पौधे के फूल सफेद रंग के होते हैं और पत्तियां थोड़ी-थोड़ी पीले रंग की होती हैं। इसके फूल की छः पंखुडियां होती हैं। सफेद मूसली के बीज काले राहग के होते हैं।
सफेद मूसली में पोषक तत्व-(Nutrition In Safed Musli) :
सफेद मूसली की जड़ें विटामिन और खनिजों से भरपूर होती हैं। सफेद मूसली में बहुत से पोषक तत्व जैसे – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, सैपोनिन, अलकालॉयड, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, ग्लूकोज, सुक्रोज पाए जाते हैं।
सफेद मूसली के फायदे-(Safed Musli Benefits In Hindi) :
1. गठिया में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Arthritis) :
अक्सर देखा जाता है कि जब किसी बुजुर्ग को गठिया रोग होता है तो उसके जोड़ों में सुजन आ जाती है ऐसे में आप उन्हें सफेद मूसली का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। गठिया रोग में सफेद मूसली के सेवन से जोड़ों में आई सुजन कम हो जाती है सुजन बढने की संभावना भी दूर हो जाती है। ऐसा इसके अनुत्तेजक गुणों की वजह से होता है।
2. कैंसर में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Cancer) :
जिन लोगों को कैंसर की समस्या होती है उन्हें सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए क्योंकि सफेद मुस्ली के सेवन से कैंसर को कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों का भी यह मानना है कि सफेद मूसली के सेवन से कैंसर को कम किया जा सकता है।
आप कैंसर की समस्या को कम करने के लिए एक ग्राम या आधा चम्मच मूसली पाउडर को दूध या पानी में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें इससे आपको बहुत अधिक फायदा होगा।
3. मधुमेह में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Diabetes) :
जिन लोगों को मधुमेह होता है उन्हें सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है। इससे मधुमेह से लड़ने की शक्ति मिलती है। अगर मधुमेह की समस्या किसी पतले व्यक्ति को होती है तो यह उसके इलाज में बहुत फायदेमंद होती है लेकिन मोटे व्यक्तियों में यह बहुत ही धीरे-धीरे असर करती है। आप आधा चम्मच पाउडर को एक गिलास दूध में मिलाकर सेवन कर सकते हैं इससे आपको बहुत अधिक फायदा होगा।
4. कमजोरी में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Weakness) :
आज के समय में अधिक काम और भागदौड़ की जिन्दगी की वजह से मनुष्य दिन भर के काम के बाद बहुत अधिक थक जाता है जिसकी वजह से रात के समय उसे बहुत थकन और कमजोरी महसूस होती है। अगर आप भी इस समस्या से ग्रस्त हैं तो सफेद मूसली को शक्कर के साथ सेवन करें। इसके सेवन से आपको थकन भी कम होगी और शरीर नई उर्जा से भर जाएगा।
5. वजन बढ़ाने में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Gain Weight) :
जिन लोगों का वजन बहुत कम होता है वे बहुत से तरीकों से अपने वजन को बढ़ाना चाहते हैं इसके लिए आप सफेद मूसली का सेवन कर सकते हैं क्योंकि सफेद मुस्ली के सेवन से आपका वजन बढ़ता है। आप सफेद मूसली को एक गिलास दूध का सेवन करें इससे आपको बहुत अधिक फायदा होगा।
6. अल्पशुक्राणुता में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Hypoglycemia) :
सफेद मूसली को अल्पशुक्राणुता के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है क्योंकि यह गिनती, मात्रा, द्रवीकरण समय और गतिशीलता को बहुत ही बेहतर बनाता है। सफेद मूसली का बना हुआ सीरम टेस्टोस्टेरोन के स्तर और वृषण कार्य को भी बहुत हद तक सुधारता है।
7. स्वप्न दोष में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Nightmare) :
सफेद मूसली को रात के समय स्वप्नदोष के लिए भी प्रयोग किया जाता है। जब रोगी रात के वक्त उत्सर्जन के बाद कमजोरी, पीठ दर्द या कम उर्जा होने के बारे में महसूस करता है तो आप सफेद मूसली को भी प्रयोग किया जा सकता है। आप सफेद मूसली को शक्कर के साथ सेवन करें इससे आपको रात के समय उत्सर्जन की आवृति कम करने और शरीर को पुनर्जन्म देने में बहुत सहायता मिलती है।
8. स्तंभन दोष में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Erectile Dysfunction) :
जिन लोगों के लिंग ऊतकों में ताकत नहीं होती सफेद मूसली उन लोगों के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है। आप सफेद मूसली के प्रयोग से अपने लिंग की कठोरता में सुधर कर सकते हैं और इसकी मदद से आप लंबे समय तक उत्सर्जन को बनाने में मदद करता है। सफेद मूसली टेस्टों पर काम करता है और होर्मोन, शुक्राणुजनन को भी प्रेरित करता है।
9. मानसिक तनाव में लाभकारी-(Safed Musli Goods For Mental Stress) :
आज के समय में लोग किसी भी बात को लेकर या किसी भी बात पर बहुत अधिक तनाव लेते हैं गुस्सा करते हैं जिससे उन्हें मानसिक तनाव हो जाता है ऐसे में उसे सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह मानसिक तनाव को कम करता हो और दिमाग को भी शांत करता है।
10. स्तनपान में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Feeding The Beast) :
जिस महिला को अपने बच्चे को स्तनपान कराना पड़ता है उनके लिए सफेद मूसली बहुत अधिक फायदे मंद होता है क्योंकि यह महिलाओं में दूध की गुणवत्ता को बढ़ा देता है इसके साथ-साथ यह महिलाओं में योनि के सूखेपन से छुटकारा पाने में भी मदद करता है।
11. प्रतिरक्षा प्रणाली में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Immune System) :
आज के समय में प्रदुषण और बेकार खान-पान की वजह से लोगों की प्रतिरक्षा या रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से लोग आसानी से किसी भी रोग से ग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे में आप सफेद मूसली का सेवन कर सकते हैं क्योंकि सफेद मूसली में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
12. सेक्स में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Sex Life) :
सफेद मुस्ली के सेवन से आप अपनी सेक्स लाइफ को अच्छा बना सकते हैं क्योंकि इसके सेवन से आपके गुप्तांगों में खून की मात्रा बढती है और आप लंबे समय तक उत्तेजित रह सकते हैं। यह आपकी सेक्स ड्राइव को बढ़कर आपकी व्यक्तिगत जिन्दगी को बहुत ही बेहतर बना देता है।
13. नपुंसकता में फायदेमंद-(Safed Musli Goods For Impotence) :
जिन व्यक्तियों को अपने नपुंसक होने का खतरा रहता है उनके लिए सफेद मूसली बहुत अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि यह वीर्य को बढ़ाती है। अगर आप इसका सेवन नियमित रूप से करते हैं तो नपुंसकता के खतरे को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।
आप एक चम्मच पाक सफेद मूसली पाउडर को गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे आपको बहुत अधिक फायदा होगा। आप इसे दिन में दो बार लें इससे आपको नपुंसकता से छुटकारा मिल जाएगा।
सफेद मूसली के नुकसान-(Safed Musli Side Effects) :
1. अत्यधिक सेवन : सफेद मूसली का सेवन हानिकारक भी हो सकता है क्योंकि इसमें जो फाइबर की मात्रा और नमी होती है और मल को बहुत कड़ा कर देता है जिसकी वजह से छोटी आंत में बहुत परेशानी होती है और यह पुरे शरीर पोर नकारात्मक प्रभाव डालता है। आप कभी-कभी आंत में किसी भी तरह का बाधा का अनुभव कर सकते हैं जिससे कब्ज, ऐंठन और दर्द का भी सामना करना पड़ जाता है।
2. एलर्जी होना : वैसे देखा जाए तो इससे एलर्जी बहुत कम होती है लेकिन कभी-कभी किसी व्यक्ति को यह एलर्जी कर जाती है जिसमें सबसे पहले रोगी की आँखों में सुजन आने लगती है और नाक भी बहने की वजह से बंद हो जाती है। गले पर खुजली होने लगती है और चिडचिडापन होने लगता है।
3. कमजोरी होना : रोगी को बहुत कमजोरी हो जाती है जिसकी वजह से उसकी जीभ सूखने लगती है और उसका जी भी मिचलाता रहता है। उसे सिरदर्द होने लगता है और साँस एने में भी कठिनाई होती है।
4. भूख में कमी होना : जब कोई व्यक्ति जरुरत से ज्यादा मूसली का सेवन कर लेता है तो उस व्यक्ति को भूख लगनी धीरे-धीरे कम हो जाती है। जब आपको इसके सेवन से भूख की कमी होती है तो आपको चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
5. गर्भावस्था और स्तनपान में : आज तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि गर्भावस्था या स्तनपान के समय सफेद मूसली का सेवन उचित होता है या नहीं लेकिन अगर आप इस अवस्था में हैं तो आप इसके सेवन से दूर ही रहें और अगर आप इसका सेवन करना चाहती हैं तो किसी डॉ या स्त्री रोग चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
6. कफ बढना : जो लोग सफेद मूसली का सेवन करते हैं और उन्हें कफ की समस्या होती है तो यह सफेद मूसली से हो सकता है क्योंकि सफेद मूसली की तासीर ठंडी होती है जो कफ को बढ़ा देती है। अगर आप पहले से ही कफ की समस्या से ग्रस्त हैं तो सफेद मूसली का सेवन न करें।