सोयाबीन को तोड़कर, नमी कि मात्रा समयोजित कर इन्हे फ्लैक्स् मे रिल किया जाता है और फिर रसापनीक हैग्ज़ेन के साथ घोल बनाकर सींचा जाता है जिससे सोयाबीन का तेल बनता है।
तेल को बाद मे पारीष्कृत कर विभिन्न प्रयोग के लिये मिलाया जाता है और कभी हाईड्रोजीनेट किया जाता है। दोनो तरल और हाईड्रोजीनेटड रुप मे सोयाबीन तेल भारत से बाहार बेचा जाता है जो वनस्पति तेल के रुप मे खाना बनाने के लिये और भिन्न प्रकार प्रक्रामण खाद्य पदार्थ मे प्रयोग किया जाता है।
सोआ के तेल के फायदे :
- आराम से नींद को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जो अनिद्रा से पीड़ित लोगों के लिए आदर्श बनाते हैं।
- मुंह और गले में सूजन को कम करने में मदद करता है।
- कैमोमाइल चाय 6 के साथ मिश्रण करके बच्चों में ध्यान-घाटे के अति सक्रियता विकार (एडीएचडी) के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं
- खोपड़ी पर रगड़कर सिर की जूँ से सुरक्षा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- एक मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है और बिना किसी कठिनाई के मूत्र विसर्जन को विनियमित करके मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) का इलाज करने में मदद करता है।