धान की भूसी का तेल, धान के जर्म (अंकुराणु) एवं अन्दर की भूसी से निकाला जाता है। इसका धूम्र बिन्दु बहुत अधिक है (254 °C) जिसके कारण इसका प्रयोग उच्च-ताप पर भोजन बनाने के लिये किया जाता है। बहुत से एशियाई देशों में इसका प्रयोग पाचक-तेल (कुकिंग आयल) जैसे किया जाता है।
धान की भूसी में अनेक प्रकार की वसायें पाये जाते हैं जिसमें से 47% मोनोसचुरेटेड, 33% पॉलीसैचुरेटेड, तथा 20% सैचुरेटेड होते हैं।
चावल की भूसी के तेल के फायदे :
- राइस ब्रैन ऑयल में टोकोफेरोल्स एंड टॉकटरिनोल्स नामक पदार्थ हेाते हैं,जो फ्री रैडिकल्स से होने वाले कैंसर को रोकते है।
- यह सूरज की किरणों (Sun rays) के कारण होने वाली समस्या को दूर करता है और स्किन टोन बनाए रखने में मदद करता है।
- यह तेल सेहत के साथ रूप-रंग भी निखरता है।
- झुर्रियां कम करता है और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है।
- इसमें विटामिन ई, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 पाए जाते हैं, जो कि बालों को सफेद होने से बचाते हैं और उन्हें स्वस्थ बनाए रखते हैं।
- राइसब्रान खाद्यतेल इन सभी वसायुक्त तत्वों का बहुत ही बढिया स्रोत है।